मध्यप्रदेश

Water shortage in Morena district latest news and updates | मुरैना के 6 विकासखंडों में पानी की किल्लत: 3 से 4 मीटर ‎तक गिरा जलस्तर; जिलेभर में 2000 से ज्यादा हैंडपंप ने पानी देना छोड़ा – Morena News


रामपुर व पहाड़गढ़ में जलस्तर 4 मीटर नीचे ‎पहुंच गया है। मुरैना व अंबाह-पोरसा के‎ हैंडपंपों का पानी नीचे उतर जाने से गांवों में‎ पीने के पानी की संकट गहरा रहा है। लोग‎ दूर-दराज से पानी भरकर लाने को मजबूर‎ हैं। जलसंकट इसलिए भी भारी पड़ रहा है, ‎क्योंकि

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जिले के रामपुर क्षेत्र में नदी, नाले, डैम व ‎नहर न होने से गर्मी बढ़ते ही जलस्तर 48‎ मीटर से नीचे खिसककर 52 मीटर तक जा ‎पहुंचा है। चार मीटर जलस्तर गिरने से हैंडपंपों ‎ने पानी छोड़ दिया है। कस्बा के लोग पीने का ‎पानी भरने के लिए किसी बोर से जुड़े नल पर ‎‎पहुंच रहे हैं। भीड़ अधिक हो जाने के कारण‎ लोगों को कतार बनाकर पानी भरना पड़ रहा है। ‎‎

तापमान 44 डिग्री के पार होने के कारण लोगों‎ को पाने का पानी भी एक सप्ताह से ज्यादा लग‎ रहा है। ‎‎पहाड़गढ़ की बात करें तो वहां के गांवों में ‎जलस्तर 45 मीटर से उतरकर 49 मीटर तक ‎जा पहुंचा है। चार मीटर जलस्तर गिरने से‎ लोगों को सरकारी हैंडपंपों से पानी मिलना ‎कठिन हो गया है। पहाड़गढ़ ब्लॉक की 24 से‎ अधिक ग्राम पंचायतों में पानी की किल्लत के‎ कारण कमजोर वर्ग के लोग परेशान हैं, क्योंकि ‎उनको सरकारी हैंडपंप से पानी भी रसूखदार ‎लोगों की महर से मिल पाता है।‎

जलसंकट से निपटने ये उपाय कर रहा पीएचई‎
जलस्तर गिरने के कारण जिलेभर में‎ 2000 से अधिक हैंडपंप पानी देना ‎छोड़ गए। इसमें से हैंडपंपों में 2308‎ मीटर लंबाई के 768 राइजर पाइप ‎बढ़ाकर पानी की उपलब्धता ‎सुनिश्चित की है। जहां पाइप बढ़ाने ‎के बाद भी पानी नहीं मिल पा रहा है, ‎ऐसे हैंडपंपों में सिंगल फेस की मोटर ‎डालने की तैयारी कर ली गई है। 50 ‎मोटर जिला मुख्यालय पर पीएचई के‎ स्टोर में आ चुकी हैं और 150 और‎ आना बाकी हैं।‎

मई में 40 और जून में 50 नल-जल योजनाएं होंगी चालू‎
दूसरे चरण की निर्माणाधीन नल-जल योजनाओं में से मई में 40 और जून में 50 ‎योजनाओं को कंपलीट कराकर चालू कराने का दावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी‎ विभाग ने किया है। 90 नल-जल योजनाओं के चालू होने से गांव के लोगों को‎ नलों के माध्यम से घरों तक पानी प्रदाय किया जा सकेगा।

मुरैना-जौरा में 47 मीटर ‎गहराई में मिल रहा पानी‎
मुरैना से लेकर जौरा में हैंडपंप या ‎बोर खनन कराया जाए जो पानी ‎47 मीटर के बाद ही मिल रहा है। ‎तीन महीने पहले तक पानी की‎ उपलब्धता 45 मीटर पर थी। ‎मुरैना व जौरा में जलस्तर कम‎ गिरने से जुड़ा कारण है कि यहां ‎नदी व नहर होने के कारण उनसे ‎जलस्तर तेजी से नहीं गिरता है। ‎अंबाह-पोरसा में फरवरी में‎ जलस्तर 38 मीटर पर था, जो मई ‎में 40 से 41 मीटर पर पहुंच‎ गया है। इस इलाके में जलस्तर‎ गिरने की वजह रबी सीजन में ‎सिंचाई के लिए ट्यूबवेल से पानी ‎देना है।‎

मोटर डालने का काम शुरू‎ कराया गया है‎
गर्मी के कारण जलस्तर चार से‎ पांच मीटर तक गिरा है। 384 ‎हैंडपंपों से पानी मिलता रहे, उसके ‎लिए राइजर पाइप बढ़ाने व सिंगल‎फेस मोटर डालने का काम शुरू‎ कराया है।‎
– संतोषीलाल बाथम, कार्यपालन‎यंत्री पीएचई संभाग मुरैना‎


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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