अजब गजब

Business Idea : कमाऊ पूत है यह पेड़, एक बार लगाया तो 40 साल देगा पैसा

हाइलाइट्स

देश के कई इलाकों में आज किसान रबड़ की खेती से मोटी कमाई कर रहे हैं.
रबड़ की खेती के लिए लेटेराइट लाल दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है.
इन दिनों भारत के कई राज्यों में रबड़ की खेती की जाती है.

नई दिल्ली. खेती अगर सही योजना के साथ की जाए तो ये कमाई का बेहतरीन जरिया है. ऐसे में अगर आप खेती के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपके लिए एक बेहतरीन आईडिया लेकर आए हैं. बहुत से किसान अब पारंपरिक खेती के अलावा नकदी फसल की ओर भी ध्यान दे रहे हैं. ऐसे में इस फसल की खेती कर आप कई दशकों तक मुनाफा कमाते रहेंगे. दरअसल, हम बात कर रहे हैं रबड़ की खेती के बारे में.

रबड़ की खेती कर आप बंपर कमाई कर सकते हैं. देश के कई इलाकों में आज किसान रबड़ की खेती से मोटी कमाई कर रहे हैं. आपको बता दें कि रबड़ उत्पादन के मामले में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है. वहीं केरल सबसे ज्यादा रबड़ उत्पादन करने वाला राज्य है. इसके बाद दूसरे नंबर पर त्रिपुरा का नाम आता है. यहां से दूसरे देशों को रबड़ निर्यात किया जाता है.

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ऐसे करें खेती
रबड़ की खेती के लिए लेटेराइट लाल दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है. मिट्टी का पीएच लेवल 4.5 से 6.0 के बीच होना चाहिए. पौधों को लगाने का सही समय जून-जुलाई है. रबड़ के पौधों को अधिक पानी की जरुरत होती है. सूखापन में पौधा कमजोर हो जाता है. इसमें बार बार सिंचाई की जरूरत होती है. इसकी खेती के लिए अधिक प्रकाशयुक्त जमीन की जरूरत होती है.

भारत के इन राज्यों में होती है इसकी खेती
इन दिनों भारत के कई राज्यों में रबड़ की खेती की जाती है. रबड़ बोर्ड के अनुसार, त्रिपुरा में 89, 264 हेक्टेयर, असम में 58,000 हेक्टेयर क्षेत्र, मेघालय में 17,000 हेक्टेयर, नागालैंड में 15,000 हेक्टेयर, मणिपुर में 4,200 हेक्टेयर, मिजोरम में 4,070 हेक्टेयर और अरुणाचल प्रदेश में 5,820 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक रबड़ की खेती की जा रही है.

इन देशों को होता है रबड़ का निर्यात
बता दें कि भारत से जर्मनी, ब्राजील, अमेरिका, इटली, तुर्की, बेल्जियम, चीन, मिस्र, नीदरलैंड, मलेशिया, पाकिस्तान, स्वीडन, नेपाल और संयुक्त अरब रात को नेचुरल रबड़ निर्यात किया जाता है. एक रिसर्च के मुताबिक, भारत से साल 2020 में 12000 मीट्रिक टन से ज्यादा नेचुरल रबड़ का निर्यात हुआ.

एक बार लगाएं और कई सालों तक कमाएं
रबड़ के पेड़ में छेद करके इसके पेड़ का दूध एकत्र किया जाता है. इसे लेटेक्स या रबड़ क्षीर कहते हैं. इसके बाद इकट्ठा हुए लेटेक्स को केमिकल के साथ परीक्षण किया जाता है जिससे अच्छी क्वालिटी की रबड़ तैयार की जाती है. इस रबड़ का उपयोग शोल, टायर, इंजन की सील, गेंद, इलास्टिक बैंड व इलेक्ट्रिक उपकरणों जैसी चीज़ों को बनाने में किया जाता है. रबड़ की खेती से आप 40 साल तक मुनाफा कमा सकते हैं. रबड़ का पौधा 5 वर्ष में पेड़ बन जाता है. इसके बाद इसमें उत्पादन शुरू हो जाता है.

सरकार भी देती है आर्थिक सहायता
आपको बता दें कि रबड़ की खेती करने वाले किसानों को केंद्र सरकार और विश्व बैंक से आर्थिक सहायता भी मिलती है. जंगल में उगने वाले रबड़ के पेड़ आमतौर पर 43 मीटर ऊंचे होते हैं वहीं कारोबार के मकसद से उगाए जाने वाले पेड़ कुछ छोटे होते हैं. इस तरह से आप रबड़ की खेती के जरिए बंपर कमाई कर सकते हैं.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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