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Some stories related to Rajmata Madhavi Raje | राजमाता माधवी राजे से जुड़े कुछ किस्से: राजमाता को धार्मिक स्थानों पर घूमना था पसंद, छोटों को देती थीं पूरा सम्मान – Gwalior News

राजमाता माधवी राजे सिंधिया की पार्थिव देह को पालकी में लेकर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे।

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हाे गई है, लेकिन उनसे जुड़े कुछ किस्से अभी भी याद आते हैं। सिंधिया कराने के करीबियों ने बताया कि माधवी राजे सिंधिया को धार्मिक स्थानों पर घूमने क

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इतना ही नहीं कई बार पति माधवराव के लिए चुनाव प्रचार में जाते समय वह कार्यकर्ताओं को एक मां की तरह दुलार देती थीं। वह अपने से छोटों को भी सम्मान देती थीं। चलिए राजमाता से जुड़े ऐसे ही कुछ किस्सों की बात करते हैं जो आज भी अनछुए हैं पर उनकी चर्चा सिंधिया परिवार के करीबी करते हैं।

साधाराण इंसान की तरह दर्शन करने पहुंची थी महाकाल
माधवराव सिंधिया के रिश्ते में मामा लगने वाले पूर्व विधायक ध्यानेन्द्र सिंह ने बताया कि राजमाता माधवी राजे सिंधिया को धार्मिक पर्यटन का बहुत शौक था। कई बार उन्होंन मुझसे कहा कि मामा इनको (माधवराव) को तो समय नहीं है। आप ही कही धार्मिक यात्रा करवा दीजिए। माधवराव सिंधिया ने भी कहते थे मामा इनको धार्मिक यात्रा करवा दो। इसके बाद राजमाता को वह अपने परिवार के साथ महाकाल घुमाने ले गए थे। वो बताते हैं कि यहां वह साधारण इंसान बनकर ही घूमने गई थीं। जिससे आसानी से दर्शन कर सकें।
छोटों को आदर देती थीं, कभी किसी का अपमान नहीं किया
पूर्व विधायक व माधवराव सिंधिया के मामा ध्यानेन्द्र सिंह ने बताया कि माधवी राजे अपने से छेटों को भी आदर देती थीं। कभी ऐसा नहीं लगा कि वह बड़े खानदान से हैं। मतलब अपने छोटे किसी व्यक्ति को भी नाम के आगे जी लगाकर बुलाती थीं। एक वाक्या उनको याद है कि जब महल मे एक कर्मचारी को उन्होंने नाम बाद जी लगाकर बुलाया तो कर्मचारी हैरान रह गया था। उसे लगा मैं निचले स्तर का कर्मचारी हैं और महारानी में मुझे इतना सम्मान दे रही हैं। उनकी इसी आदत के चलते सभी उनको बहुत पसंद करते थे।

राजमाता की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन

राजमाता की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन

कार्यकर्ताओं के बीच घुल मिल जाती थीं
भाजपा नेता व कट्‌टर सिंधिया समर्थन रामसुंदर सिंह रामू का कहना है कि मेरा सौभाग्य है कि मैंने राजमाता माधवी राजे सिंधिया के साथ काम किया है। चुनाव प्रचार में कैलाशवासी माधवराव सिंधिया जब चुनाव में खड़े होते थे तो राजमाता उनकी चुनाव की कमान संभाल लेती थीं। गांव में उनकी सभाएं होती थीं तो हम राजमाता के साथ हुआ करते थे। वह कार्यकर्ताओं के साथ ऐसे घुल मिल जाती थीं कि हमें लगता ही नहीं था कि हम राज परिवार के सदस्य के साथ हैं। ऐसा लगता था कि कोई आम गृहिणी हैं।
मितेन्द्र बोले-राजमाता से मिला था उन्होंने कहा था बेटा दर्शन की तरह बनना
युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मितेन्द्र दर्शन सिंह ने बताया कि उनको राजमाता का एक किस्सा बखूबी याद है। एक बार उनके पिता दर्शन सिंह (कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व कट्‌टर सिंधिया समर्थक) उन्हें राजमाता से मिलाने ले गए थे। तब पिता ने बताया था कि राजमाता मेरा बेटा आपके ही सिंधिया स्कूल में पढ़ता है। इस पर राजमाता माधवी राजे ने कहा था कि दर्शन की तरह बनना और खूब पढ़ना। उनके वो भाव आज तक मेरे मन में हैं। अब उनके निधन पर बहुत दुख हो रहा है।
जब पिता का निधन हुआ था तो भी राजमाता का स्नेह मिला था
युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेन्द्र दर्शन सिंह ने बताया कि जब एक कांग्रेस के आंदोलन के द्वारा मेरा पिता तत्कालीन कांग्रेस जिलाध्यक्ष दर्शन सिंह को हार्ट अटैक आया था और उनका निधन हो गया था, तब भी राजमामा का मेरे ऊपर परम स्नेह था। उन्होंने तब भी कहा था बेटा घबराना मत हम आपके साथ हैं। दर्शन की तरह बनना।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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