अजब गजब

मैथ्स टीचर, कोड ब्रेकर फिर शेयरों का सौदागर, इस शख्स ने बदल दी ट्रेडिंग की दुनिया, बना ₹24000 करोड़ का मालिक

हाइलाइट्स

जिम सिमंस ने पहली हेज फंड कंपनी की नींव 1978 में रखी थी.इसके बाद 1982 में उन्होंने दूसरी हेज फंड कंपनी शुरू की.आज उनकी हेज कंपनी का एयूएम 106 अरब डॉलर है.

नई दिल्ली. जिम सिमंस के बारे में आम लोग भले ही कम जानते हों, लेकिन शेयर बाजार के खिलाड़ी इस नाम से भली-भांति परिचित हैं. सिमंस ने एक ऐसे बैकग्राउंड से आते हुए शेयर बाजार में अपना नाम कमाया जिसके बारे में तब कल्पना करना भी लगभग नामुमकिन था. सिमंस ने दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज एमआईटी से मैथ्स में बैचलर्स डिग्री हासिल की. इसके बाद वह यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया गए और फिर वहां से मैथ्स में पीएचडी की. इस तरह की पढ़ाई के साथ कोई भी रिसर्च या टीचिंग के फील्ड में जाने के बारे में ही सोचेगा. सिमंस ने भी कुछ समय तो ऐसा किया लेकिन उनका मन मनी मार्केट पर आ गया.

सिमंस ने अमेरिका और वियतनाम के बीच लड़े गए युद्ध में भी अपना योगदान दिया था. उन्होंने एक कोड ब्रेकर के रूप में काम किया था. वह इंस्टीट्यूट फोर डिफेंस एनालिसिस में रिसर्च स्टाफ के तौर पर भी कार्यरत रहे थे. उन्होंने एमआईटी और हार्वर्ड में एक टीचर के तौर पर अपनी सेवाएं दी.

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ट्रे़डिंग की दुनिया में कदम
1978 में जिम सिमंस ने हेज फंड की शुरुआत की. जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि हेज फंड एक म्यूचुअल फंड की तरह ही काम करता है लेकिन इसमें एक सीमित संख्या में ही लोग पैसा लगा सकते हैं. इसे निजी निवेशकों को सीमित हिस्सेदारी वाला फंड कहा जाता है. इसका परिचालन फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है. सिमंस की हेज फंड कंपनी का नाम मोनेमेट्रिक्स था. उन्होंने अपनी हेज फंड कंपनी में काम करने के लिए फाइनेंस प्रोफेशनल नहीं हायर किये. इसकी बजाय उन्होंने मैथेमेटिशियन, स्टेट्स में माहिर लोग और फिजिसिस्ट को जगह दी.

फाइनेंस की दुनिया में कदम
सिमंस की अगली कंपनी रेनेसॉं टेक्नोलॉजी की थी जिसकी स्थापना 1982 में की गई. यह कंपनी आज भी काम कर रही है और इसके पास 106 अरब डॉलर का एयूएम यानी एसेट अंडर मैनेजमेंट है. सिमंस ने निवेशकों का पैसा बढ़ाने के लिए जो निवेश विकल्प चुने वह पूरी तरह क्वांटिटेटिव एनालिसिस और एल्गोरिदम स्ट्रेटजी पर आधारित थे. इसीलिए उन्हें क्वांट किंग के नाम से भी जाना गया. उन्होंने 2010 तक इस कंपनी के चेयरमैन और सीईओ के रूप में अपनी सेवाएं दी. इसके बाद वह रिटायर हो गए. उनकी नेटवर्थ 2022 में करीब 30 अरब डॉलर यानी 24000 करोड़ रुपये से अधिक थी. सिमंस ने क्वांटिटेटिव एनालिसिस को हेज फंड मैनेजमेंट से जोड़कर एसेट मैनेजमेंट के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव किया. 25 अप्रैल 1938 को जन्मे सिमंस का 10 मई 2024 को 86 साल की उम्र में निधन हो गया.

Tags: Business news in hindi, Stock market, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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