देश/विदेश

सुप्रीम कोर्ट में तुषार मेहता ने किया बाबा रामदेव के योग का जिक्र, तो जज बोले- ये अच्छा है लेकिन…

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले से जुड़े अदालत की अवमानना ​​मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ, जो फर्म और उसके प्रमोटरों के खिलाफ कड़े शब्दों में टिप्पणियाँ कर रही थी, ने दोनों को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट भी दे दी.

हालांकि, पीठ हरिद्वार स्थित एफएमसीजी फर्म के खिलाफ एक और महत्वपूर्ण टिप्पणी करती नजर आई. पीठ ने पतंजलि मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए विश्व प्रसिद्ध योग गुरु बाबा रामदेव को अपने प्रभाव का सही इस्तेमाल करने की सलाह दी. एएनआई के अनुसार, अदालत ने कहा, “जनता जागरूक है, अगर उनके पास विकल्प हैं तो वे अच्छी तरह से ऑप्शन चुनते हैं… बाबा रामदेव का बहुत प्रभाव है, इसका सही तरीके से उपयोग करें.”

जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बाबा रामदेव ने योग के लिए अच्छा काम किया है तो सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिकूल टिप्पणी की. एएनआई के अनुसार, जस्टिस कोहिल ने जवाब दिया, “योग के लिए जो किया गया है वह अच्छा है, लेकिन पतंजलि प्रोडक्ट एक अलग मामला है.”

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस बात का संज्ञान लिया कि पतंजलि की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कंपनी के तीन उत्पादों के विज्ञापन वापस लेने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने वाला हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इन तीन उत्पादों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है.

पीठ ने कहा कि तीन सप्ताह के अंदर हलफनामा दायर किया जाए. उसने कहा, “प्रतिवादी संख्या 5 से 7 (पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, बालकृष्ण और रामदेव) को जारी अवमानना नोटिस पर आदेश सुरक्षित रखे गए हैं.” उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए हैं.

Tags: Baba ramdev, Patanjali, Supreme Court, Tushar mehta


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!