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आतंकवादी या ISI: आखिर कौन मारना चाहता है पाकिस्तानी जजों को? सफेद लिफाफे में भेजा गया हवा में घुलने वाला जहर

Pakistan Judge Threaten Letter: पाकिस्तान के इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जजों को दो दिन पहले धमकी भरे पत्र के संदिग्ध लिफाफे भेजे गए थे. इन लिफाफों में खतरनाक आर्सेनिक जहर का पाउडर भी था. घमकी भरा पत्र मिलने के बाद जज महकमे में खलबली मच गई थी. दरअसल, दो दिन पहले हाईकोर्ट के जजों ने पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आएसआई (ISI) के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया था.

पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक विभाग इस्लामाबाद ने पंजाब फॉरेंसिक साइंस एजेंसी ने इन लिफाफों की जांच की. ये लिफाफे इस्लामाबाद हाईकोर्ट के उन जजों को भेजे गए थे, जिन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की कार्यप्रणाली के खिलाफ शिकायत की थी. इनमें जस्टिस मियां गुल हसन, जस्टिस तारीक मोहम्मद, जस्टिस बाबर सत्रार, जस्टिस सरदार आजाद इसाक खान, जस्टिस मोहम्मद ताहिर, जस्टिस रिफत इम्तियाज, जस्टिस अमीर फारूक, और जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी आदि के नाम थे.

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पंजाब के फॉरेंसिक साइंस एजेंसी ने लिफाफे में मौजूद पाउडर की गहनता से जांच की. फॉरेंसिक साइंस एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में कहा कि इन लिफाफा में आर्सेनिक की खतरनाक 70 मिलीग्राम से अधिक पाउडर थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्सेनिक एक रासायनिक जहर है, जो सांस लेने पर फेफड़ों की सूजन यानी ब्रोंकाइटिस के अलावा राइनाइटिस यानी नाक और वोकल कॉर्ड में सूजन और उससे ब्लडिंग के कारण बन सकते हैं. इससे मौत भी हो सकती है. यदि किसी ने इस आर्सेनिक से भरे इस लिफाफे को खोलता तो उसपर इसका असर हो सकता था.

जांच में पाउडर के बारे में मिली झानकारी.

आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-नमूस का नाम.

इसके पहले पाकिस्तानी खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने बाताया था कि यह लिफाफे कथित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-नमूस पाकिस्तान नहीं भेजे हैं. इस संगठन ने पहले भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जज को भी इसी अंदाज में धमकी देने की कोशिश की थी. इन लिफाफे में बाकायदा एक पत्र था जिसमें तहरीके नमूस का नाम था. अब पाकिस्तान में ही सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह आतंकवादी संगठन केवल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों को ही धमकी देने का काम करता है या कोई आतंकवादी वारदात भी करता है?

आतंकवादी या ISI: आखिर कौन मारना चाहता है पाकिस्तानी जजों को? सफेद लिफाफे में भेजा गया हवा में घुलने वाला जहर

इस आतंकवादी संगठन ने आज तक कोई भी आतंकवादी वारदात नहीं की है. सवाल उठ रहा है कि आखिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की पोल खोलने वाले इन जजों को मारना कौन चाहता है? कोई आतंकवादी संगठन या पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का इसमें हाथ है. इन जजों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी जजों को धमका कर डरा कर उनके रिश्तेदारों को टॉर्चर करके अपने मन मुताबिक कोर्ट के फैसला करना चाहती है.

Tags: Pakistan ISI, Pakistan news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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