अजब गजब

Stanford University of usa Two professors of Gorakhpur slected top scientists of the world

गोरखपुर. यूपी के गोरखपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसर ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्टता से पूरे विश्व में नाम रोशन किया है. रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. गुरमीत सिंह और जीवविज्ञान विभाग के प्रो. रविकांत उपाध्याय को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा दुनिया के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है. इस प्रतिष्ठित उपलब्धि को प्राप्त करने वाले ये दोनों प्रोफेसर गोरखपुर विश्वविद्यालय के शैक्षिक और शोध क्षेत्रों में हो रहे अंतर्राष्ट्रीय योगदान को प्रदर्शित करते हैं.

स्टैनफोर्ड की सूची में कैसे हुआ चयन

यूएसए स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई इस सूची को एल्सेवियर द्वारा अगस्त 2023 तक के शोध पत्रों, उदाहरणों और वैज्ञानिक प्रभाव जैसे मापदंडों पर आधारित नवीनतम डेटाबेस से लिया गया है. इस सूची में दुनिया भर के उन वैज्ञानिकों को जगह दी गई है, जिनका शोध उनके संबंधित क्षेत्रों में बड़ा प्रभाव छोड़ रहा है.

रिटायर्ड होने के बाद भी सक्रिय हैं प्रो. गुरमीत सिंह

जीव विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. रविकांत उपाध्याय ने अपने करियर के दौरान 150 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किया है. उनके शोध कार्य ने जीवविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है. वहीं रसायन विज्ञान विभाग से सेवानिवृत्त प्रो. गुरमीत सिंह ने 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किया है और अब भी वैज्ञानिक शोध में सक्रिय रूप से शामिल हैं. उनका योगदान रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है.

शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की बढ़ रही है पहचान

रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. गुरमीत सिंह और जीवविज्ञान विभाग के प्रो. रविकांत उपाध्याय  की उपलब्धि ना सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि संस्थान के लिए भी बड़ी सफलता मानी जा रही है. हाल ही में गोरखपुर विश्वविद्यालय ने प्रतिष्ठित नेचर इंडेक्स रैंकिंग में स्थान प्राप्त किया है और पिछले छह महीनों में 30 से अधिक पेटेंट हासिल किए हैं. यह संस्थान में हो रहे नवाचार और अनुसंधान की उच्च गुणवत्ता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है. इस गौरवपूर्ण अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने लोकल 18 को बताया कि हमारे संकाय सदस्य वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं. यह सफलता ना केवल उनकी मेहनत का परिणाम है बल्कि विश्वविद्यालय के लिए भी एक मील का पत्थर है.

Tags: Education, Gorakhpur news, Local18, UP news


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!