मध्यप्रदेश

Post on doctors taking commission, created uproar | इंदौर में डॉक्टरों पर कमीशनखोरी की पोस्ट पर बवाल: डायग्नोस्टिक सेंटर ने लिखा था-हम डॉक्टरों को कमीशन नहीं देते; IMA ने नोटिस थमाया – Indore News

इंदौर के डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा Linkedln पर महंगी जाचों में देश के डॉक्टरों को 40-60% कमीशन का हिस्सा होने की पोस्ट से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। करीब 14 घंटे तक अपलोड रही इस पोस्ट में सेंटर डायरेक्टर द्वारा यह भी लिखा गया कि हम कमीशन पर विश्वास

.

दरअसल, यह पोस्ट इंदौर के डायग्नोस्टिक सेंटर के डायरेक्टर अर्पित कोठारी द्वारा शनिवार को अपलोड की गई थी। पहले उन्होंने अपने सेंटर द्वारा कम रेट में की जा रही महंगी जांचों और दूसरे सेंटरों द्वारा की जा रही जांचों के रेट संबंधी पोस्ट अपलोड की। तब इसे लेकर फटाफट कमेंटस् आना शुरू हो गए। इसे कई लोगों ने सराहा तो कई लोगों (मेडिकल फील्ड के) ने गलत फीडबैक दिया। 14 घंटों में 5 लाख से ज्यादा इसके विवर्स हो गए जबकि दो सौ से ज्यादा कमेंट्स आए।

कम रेट पर लोगों ने किए सवाल

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर मरीज के अटेंडर नीरज अग्रवाल ने कम रेट पर सवाल किया था । जिस पर सेंटर की ओर से जवाब में देश के डॉक्टरों पर कमीशनखोरी सहित गंभीर आरोप लगाए तो बवाल मच गया ।

यह कमेंट नीरज अग्रवाल नाम के व्यक्ति का था। इसमें उन्होंने सवाल उठाए कि हाल में मैंने अपनी चाची का इंदौर में एक प्राइवेट सेंटर से एमआरआई ब्रेन स्कैन करवाया था। इसकी जांच के मुझे 7 हजार रु. लगे थे। आप यही जांच इतने रेट में कैसे करते हो। इसके जवाब में लैब के डायरेक्टर अर्पित कोठारी ने सीधे लिखा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि यहां महंगी जाचों का 40-60% कमीशन डॉक्टरों का होता है। इसके बाद तो सोशल मीडिया पर डॉक्टरों का आक्रोश सामने आ गया। कमेंट्स पर विरोध करना शुरू कर दिए।

इधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA, Indore) ने भी गहरी आपत्ति जताई। एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डॉ. नरेंद्र पाटीदार और डॉ. अक्षत पांडे ने अर्पित कोठारी को पत्र जारी कर Linkedln पर माफी मांगने को कहा। इसमें लिखा कि आपकी इस आपत्तिजनक पोस्ट से डॉक्टरों का एक बड़ा वर्ग व्यथित है। इस पोस्ट ने इंदौर में समर्पित डॉक्टरों के मेहनत, ईमानदारी पर सवाल खड़े कर उन्हें गुनाहेगार बता दिया। Linkedln पर आपकी पोस्ट वास्तव में बहुत निराशाजनक और अप्रत्याशित प्रतिक्रिया है। आप इसके बारे में Linkedln पर माफी के साथ स्पष्टीकरण दें। आपने डॉक्टरी जैसे नोबल प्रोफेशन को दोषी बताकर हमें बदनाम किया है। इस पर रविवार को कोठारी ने वह पोस्ट डिलीट कर दी।

सेंटर डायरेक्टर ने पत्र लिखकर माफी मांगी और सफाई दी।

सेंटर डायरेक्टर ने पत्र लिखकर माफी मांगी और सफाई दी।

इस बीच यह मामला डॉक्टरों और अन्य मेडिकल ग्रुपों पर भी वायरल होने लगा। मामले में ‘दैनिक भास्कर’ ने डायग्नोस्टिक सेंटर के डायरेक्टर अर्पित कोठारी से बात की। उन्होंने कहा कि हमारे यहां एमआरआई, सिटी स्कैन के रेट दूसरे सेंटरों से काफी कम है। Linkedln पर किसी मरीज ने इसे लेकर कुछ पूछा था। इस पर मेरे सोशल मीडिया और मार्केटिंग मैनेजर द्वारा रिप्लाई किया गया था। इसमें कुछ चीजें लोगों को बुरी लगी। नए मैनेजर ने लिखने में कुछ गलती कर दी। किसी की भावना को ठेस नहीं लगे इसलिए रविवार को पोस्ट ही डिलीट कर दी।

डॉक्टर मेहनती, ईमानदार और समर्पित होते हैं

कोठारी ने पत्र में लिखा कि मामला संज्ञान में आने पर मैंने तुरंत पोस्ट डिलीट करवा दिया था। इसके लिए जिम्मेदार मार्केटिंग मैनेजर ने भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयानों के लिए माफी मांगी है। हमने उसे हटा दिया है। मेरे परिवार में 10 डॉक्टर हैं। डॉक्टर बहुत मेहनती, ईमानदार और समर्पित होते हैं। मैं और मेरी टीम इस पेशे का सम्मान करते हैं। हमारी सोशल मीडिया टीम अनजाने में हुई इस गलती पर माफी मांगती है।

मेडिकल फील्ड में बिजनेसमैन का प्रवेश; नए-नए हथकंडे अपनाते हैं

आईएमए अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पाटीदार का कहना है कि 1994 में इंदौर में सबसे पहले एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एमआरआई की जांच शुरू हुई थी। तब इसकी जांच 5 हजार रु. में होती थी। अब इसकी जांच 6500 रु में होती है। यानी 29 सालों में इसके रेट 1500 रु. बढ़े हैं। संबंधित सेंटर के रेट इसलिए कम होंगे कि वहां ज्यादा जांचें की जाती है। साथ ही सेंटर ने अपने अन्य खर्चे कम किए इसके चलते संभवत: रेट कम रखे हैं।

‘दैनिक भास्कर’ द्वारा कमीशखोरी के सवाल पर डॉ. पाटीदार ने कहा कि मैं कॉर्पोरेट में काम करता हूं इसलिए मुझे जानकारी नहीं है। मीडिया व अन्य माध्यमों से ऐसी बातें पता चलती हैं तो यह जांच का विषय है। जहां तक 50-60% कम रेट पर जांच समझ से परे हैं, क्योंकि अब मेडिकल में खर्चे बहुत बढ़ गए हैं। संबंधित सेंटर आईएमए के सदस्य नहीं है लेकिन पोस्ट डॉक्टरों को आहत करने वाली थी इसलिए सेंटर को माफी मांगने के लिए पत्र लिखा था।

​​​​​​सेंटर डायरेक्टर अर्पित कोठारी ने स्पष्ट किया कि इन सारे रेट को लेकर नियम-शर्ते हैं। ये रेट सिर्फ सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच फोन पर ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर आने पर ही है। इसमें भी सीटी स्कैन की यह सुविधा हमारे सिर्फ एक सेंटर पर और एमआरआई दो सेंटरों पर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुबह 9 से 11 के बीच रोज करीब 10-12 मरीजों को इसका लाभ मिलता है। लोगों ने पोस्ट में इन नियमों-शर्तों पर ध्यान नहीं दिया। दैनिक भास्कर ने कुछ अस्पतालों से रेट जाने तो डायग्नोस्टिर सेंटरों के रेट की तुलना में अस्पतालों की जांचों के रेट इनसे 10-15% अधिक हैं।

कमीशनखोरी का यह है असली खेल

मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भले ही बवाल मचा हो लेकिन शहर में डाग्योस्टिक सेंटरों और डॉक्टरों के बीच कमीशनखोरी से इनकार भी नहीं किया जा सकता। इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में ये जांचें अन्य प्राइवेट सेंटरों की तुलना में 40-50% कम रेट पर है। प्राइवेट सेंटरों पर तो रेट ज्यादा ही है।

दरअसल कई सेंटरों द्वारा कम्प्यूटर पर पर्ची बनाने के दौरान ही परिजन-मरीज से पूछ लिया जाता है कि इलाज करने वाला डॉक्टर कौन है। फिर पर्ची पर उस डॉक्टर का नाम भी होता है। इस तरह पता चल जाता है कि मरीज को किस डॉक्टर ने रैफर किया। दिनभर में रोज किन डॉक्टरों ने कितने मरीज रैफर किए उनका हिसाब नकदी के तौर पर रोजाना होता है। यह जरूरी नहीं है कि डॉक्टर संबंधित सेंटर का नाम लेकर भेजे। कई सेंटरों का डॉक्टरों से समन्वय है। इसमें 10% से 25% तक का कमीशन होता है।


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!