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दिल्‍ली महिला आयोग मामले पर स्‍वाति मालीवाल का पलटवार, LG को दी चेतावनी, कहा-जीतेजी नहीं बंद होने दूंगी आयोग

दिल्‍ली के एलजी वीके सक्‍सेना ने एक आदेश जारी कर दिल्‍ली महिला आयोग के 223 कॉन्‍ट्रेक्‍चुअल स्‍टाफ को बर्खास्‍त कर दिया है. उन्‍होंने आदेश जारी कर कहा कि आयोग में सिर्फ 40 पद स्‍वीकृत थे जबकि इतनी बड़ी संख्‍या में भर्तियां की गई. इन कर्मचारियों की भर्ती आयोग की पूर्व अध्‍यक्ष और वर्तमान में आम आदमी पार्टी से राज्‍यसभा सांसद स्‍वाति मालीवाल ने की थी. एलजी की इस कार्रवाई पर अब स्‍वाति मालीवाल ने पलटवार किया है और चेतावनी दी है कि जब तक वे जिंदा हैं दिल्‍ली महिला आयोग पर आंच नहीं आने देंगी. स्‍वाति मालीवाल ने एलजी के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए आगे कानूनी कार्रवाई की बात कही है.

आयोग से निकाले गए कॉन्‍ट्रेक्‍चुअल स्‍टाफ के साथ आईं स्‍वाति मालीवाल ने कहा, ‘दिल्‍ली महिला आयोग ने उनके कार्यकाल में 1 लाख 70 हजार से ज्‍यादा मामलों की सुनवाई की है. 181 हेल्‍पलाइन ने 40 लाख कॉल्‍स अटेंड की हैं, क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर ने 60 हजार से ज्‍यादा सेक्‍सुअल असॉल्‍ट सर्वाइवर्स की काउंसलिंग की है. महिला पंचायत ने 50 हजार से ज्‍यादा अवेयरनेस सेशंस कराए हैं और दो लाख मामलों को सुलझाया है. रेप क्राइसिस सेल ने रेप सवाईवर्स के दो लाख मामलों की कोर्ट केस सुनवाई में उनकी मदद की है. 500 से ज्‍यादा सिफारिशें दिल्‍ली महिला आयोग के द्वारा दी गई हैं. ये सारा का सारा काम अकेले स्‍वाति मालीवाल का काम नहीं है, ये काम एक बहुत बड़ी टीम ने किया है और इस टीम में एसिड अटैक सर्वाइवर्स तक हैं. इसमें रेप सर्वाइवर, घरेलू हिंसा की शिकार हैं. ये वे महिलाएं हैं जिन्होंने अपने कष्‍ट को भूलकर अपने अंदर की आग को महिलाओं की मदद के लिए झोंक दिया.’

‘हर दिन, हर घंटे, हर सेकेंड इस टीम ने महिलाओं के लिए काम किया है. पर आज एलजी साहब ने एक तुगलकी फरमान निकाला है. वो कहते हैं कि पूरे महिला आयोग के कॉन्‍ट्रेक्‍चुअल स्‍टाफ को निकाल दो. आपको बता दूं कि आयोग में इस समय सिर्फ 90 लोग काम कर रहे हैं, इनमें से सिर्फ 8 लोग रेगुलर हैं. बाकी सभी 82 स्‍टाफ कॉन्‍ट्रेक्‍ट पर है. ये 3-3 महीने के कॉन्‍ट्रेक्‍ट पर छोटी छोटी सेलरी पर काम करते हैं.’

स्‍वाति ने कहा, ‘मैं पूछती हूं इन 90 में से जब आप 82 को हटा दोगे तो क्‍या 181 हेल्‍पलाइन, रेप क्राइसिस सेल, क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर, महिला पंचायत क्‍या 8 लोगों से चल जाएगी. आयोग में हर दिन 500 लड़कियां या महिलाएं मदद के लिए आती हैं, ये लड़कियां कहां जाएंगी? मैं ये जानना चाहती हूं कि 9 साल जब में आयोग की अध्‍यक्ष थी तो आपने क्‍यों नहीं कोई कार्रवाई की, मेरे पद से हटते ही आपकी बुरी नजर आयोग पर पहुंच गई.’

‘मुझे बताइए कि दिल्‍ली में रोजाना 6 रेप होते हैं, क्‍या एक्‍शन लिया इसे बंद करने के लिए. रेपिस्‍ट खुले घूमेंगे और महिला आयोग पर ताला लगा दिया जाएगा. ये राजनीति है इनकी. ये इतनी छोटी और महिला विरोधी सोच से एलजी साहब को क्‍या मिलेगा?’

‘मैंने ब्रजभूषण पर सवाल पूछा, राम रहीम पर सवाल पूछा, मणिपुर हिंसा पर सवाल पूछा, अगर मुझसे दुश्‍मनी है तो मेरे पीछे ईडी लगाइए, सीबीआई लगाइए, दिल्‍ली पुलिस लगाइए, अरे मैं कहती हूं कल क्‍यों, आज ही अरेस्‍ट करके ले जाइए. बताइए कौन सी जेल में जाना है, कहां सरेंडर करना है. लेकिन महिलाओं से दुश्‍मनी निकालने से जो हाय लगेगी, उससे कोई नहीं बचाएगा. दिल्‍ली महिला आयोग की तरफ बुरी नजर मत रखिए, मैं चेतावनी देती हूं. आयोग को स्‍टाफ दीजिए, फंड दीजिए और संरक्षण दीजिए. हमने इतने साल स्‍टाफ मांगा, नहीं दिया, मेरे से पहले अध्‍यक्ष ने 8 साल में एक केस की सुनवाई की, एलजी साहब आयोग को वहीं लाना चाहते हैं.’

जब तक स्‍वाति मालीवाल जिंदा है, तब तक दिल्‍ली महिला आयोग को आंच नहीं आने देगी. ये संस्‍था खून पसीने से बनी है उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से ख़त्म कर रहे हो? मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं होने दूंगी। मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पे मत ज़ुल्म करो.

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Tags: Delhi Commission for Women, Swati Maliwal, Vk saxena


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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