ISRO ने 8 महीने बाद खोला एक राज, चंद्रयान-3 को लॉन्च करने में क्यों हुई थी 4 सेकंड की देरी?

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अंतरिक्ष मलबे के एक टुकड़े से बचने के लिए चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण चार सेकंड की देरी से किया गया था. भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से इतिहास रच दिया था और इस क्षेत्र में अपना यान उतारने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया था.
वर्ष 2023 के लिए ‘इंडियन सिचुएशनल स्पेस अवेयरनेस रिपोर्ट’ (आईएसएसएआर) के अनुसार, चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण टक्कर संबंधी आकलन के आधार पर चार सेकंड की देरी से किया गया था. इसरो ने कहा कि यह देरी अंतरिक्ष मलबे से बचने के लिए आवश्यक थी.
लैंडर मॉड्यूल ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ भारत का चंद्रयान-3 मिशन पिछले साल 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था.
इसने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सुरक्षित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की थी और इसके साथ ही भारत चांद के इस क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंगट करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था. प्रक्षेपण में चार सेकंड की देरी ने चंद्रमा की यात्रा पर गए अंतरिक्ष यान के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया था, जिसमें किसी अंतरिक्ष मलबे से टकराव का जोखिम नहीं था.
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FIRST PUBLISHED : April 29, 2024, 22:19 IST
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