अजब गजब

मां की इस लाइन को बनाया मंत्र…फिर शुरू की तैयारी, आज UPSC-JE में लाए रैंक ‘वन’, जानें आकाश की सफलता का राज

पूर्णिया : जिले के लाल ने अपनी प्रतिभा का लोहा पूरे भारत में मनवाया है. यूपीएससी के जेई परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 1 रैंक लाया है. पूर्णिया के रेणु नगर के रहने वाले आकाश राज ने यह कर दिखाया है. आकाश राज मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले हैं. अब तक कई असफलताओं को भी पीछे छोड़ हार नहीं मानी है. अपने इस कड़ी मेहनत से यूपीएससी के जेई परीक्षा में ऑल इंडिया वन रैंक में लाकर कीर्तिमान हासिल किया. हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी तैयारी शुरू से ही मजबूत रही. जिस कारण वह जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हैं, वह आसानी से चले जाएंगे. अब इनका अगला लक्ष्य यूपीएससी है.

5 लाख की नौकरी छोड़ शुरू की तैयारी
आकाश राज ने लोकल18 से बातचीत करते हुए बताया कि वह 2018 में बेंगलुरु के कॉलेज से बीई इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक से पास आउट होकर पांच लाख सालाना पैकेज की नौकरी ज्वाइन की. पर वहां मन नहीं लगने पर नौकरी छोड़ दी. अपनी तैयारी जारी रख पुनः केंद्रीय विद्यालय संगठन बंगाल में कार्यरत होते हुए तैयारी की. फिर UPSC JE के तहत 20 सीट के लिए वेकेंसी आई. 8 अप्रैल 2023 को फॉर्म भरा. फिर 8 अक्टूबर को परीक्षा हुई. जिसका परिणाम हाल ही में दिया गया. वही इस परीक्षा परिणाम में पूरे देश भर में टॉप कर पहला बिहार सहित पूरे जिले का मान बढ़ाया है. अब उनका सपना सिविल सर्विस में जानें का है.

असफलता से सीखें, नहीं मानी हार
आकाश राज ने बताया कि असफलता से हमेशा सीखना चाहिए. मैं और मेरे दोस्त कई बार असफल हुए. पर हम लोगों ने हार नहीं मानी. हमेशा अपनी असफलता पर काम किया. इससे सीखा, तब जाकर अब सफल हुआ हूं. मेरे कई दोस्त आज अच्छी पोस्ट पर हैं. मुझे भी काफी मेहनत के बाद सफलता मिली है.

मां हमेशा ऐसे की मोटिवेट
आकाश राज की सफलता से घर में खुशी का माहौल है. आकाश राज की माता सरिता देवी कॉलेज में शिक्षक हैं. तो वहीं आकाश के पिता वीरेंद्र कुमार आरकेके कॉलेज पूर्णिया में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं. उनकी माता कहती है कि उनके बेटे को किसी खास पकवान या अन्य खाद्य पदार्थ चीजों से लगाव नहीं होता था. बेटे को परोस देती थी, बेटा खुशी-खुशी खा लिया करता था.

हालांकि उनकी मां कहती है वह अपने बेटे आकाश को हर बार यह शायरी जरूर सुनाती थी कि….खुद को कर बुलंद इतना कि खुदा तुझे आकर पूछे बता तेरी रजा क्या है. अन्य कई प्रेरणा स्रोत कहानी एवं बातें कह कर उन्हें जीवन में सफलता के मंत्र देती रहती थी. वहीं उनके माता-पिता और मौसी रागिनी सहित अन्य ने कहा अपने बेटे की इस सफलता से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं. उनका मानना है कि बेटा और ऊंचा मुकाम पाए. इसके बाद ज्यादा संतुष्टि और खुशी मिलेगी.

Tags: Bihar News, Career Tips, Local18


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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