देश/विदेश

पुरुषों की तर्ज पर महिलाओं की भी भर्ती हो, हाईकोर्ट में लगी याचिका, जज ने रक्षा मंत्रालय से कहा- 8 हफ्ते में…

नई दिल्‍ली. कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (CDS) के जरिए सेना में उच्च पदों पर महिलाओं की कमिश्निंग के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को आठ सप्ताह में निर्णय लेने को कहा है. दिल्ली हाई कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई कि महिलाओं को सीडीएस परीक्षा के माध्यम से भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए. वकील कुश कालरा ने इस संबंध में याचिका दाखिल की थी, जिसका निपटान भी फैसले के साथ कर दिया गया.

आज जब कोर्ट ने इस याचिका का निपटान किया तो मांग की गई कि जब तक रक्षा मंत्रालय इस पर फैसला नहीं ले लेता, तब तक की याचिका को लंबित रखा जाए लेकिन कोर्ट ने कहा इसकी कोई जरूरत नहीं है. बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार को फैसला लेने दीजिए. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कहा कि सेना में सीडीएस के जरिए नियुक्ति में महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को इस बारे में फैसला लेने का अधिकार है उन्हें समय दीजिए.

यह भी पढ़ें:- मैं देश में ही नहीं था… बृज भूषण सिंह की दलीलें राउज एवेन्‍यू कोर्ट ने की खारिज, जज ने याचिका पर क्‍या कहा?

CDS को लेकर फिलहाल क्‍या है व्‍यवस्‍था?
सीडीएस परीक्षाओं के जरिए भारत की सेना के तीनों अंग, जल, थल और वायु सेना में ऑफिसर के पद पर सीधे नियुक्ति मिलती है. सीडीएस परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को कैडेट ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. इसके तहत लेवल 10 पर आधारित वजीफा के तौर पर ट्रेनिंग के दौरान ही 56 हजार 100 रुपये प्रति माह मिलते हैं. इस परीक्षा में महिलाएं भी बैठ सकती हैं लेकिन चयनित होने पर वे केवल अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में शामिल हो सकती हैं. वे सीधे सेना, नौसेना या वायु सेवा में नहीं जा सकती हैं. साल में यह परीक्षा दो बार होती है.

Tags: CDS, Defence ministry, DELHI HIGH COURT, Indian air force, Indian army, Indian navy


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!