अजब गजब

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सोलापुर: संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) की सिविल सेवा परिक्षा में सोलापुर जिले की स्वाति मोहन राठौड ने 4 बार असफल होने के बाद पांचवे प्रयास में आखिरकार सफलता हासिल कर ली है. स्वाति ने बिना कोचिंग ज्वाइन किए यूपीएसी की तैयारी की, 4 प्रयास में असफल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार 5 वें प्रयास वह 492वीं रैंक लाकर इस परिक्षा को पास कर लिया. स्वाति के पिता सोलापुर के बाजार में सब्जी बेचते हैं. बेटी के इस सफलता से जहां पिता फूले नहीं समां रहे हैं, वहीं शहर भर मे स्वाति की जमकर तारीफ हो रही है.

स्वाति की संघर्ष यात्रा
स्वाति मोहन राठौड़ मूल रूप से सोलापुर के एक बंजारा परिवार से हैं. घर की हालत ख़राब होने के कारण परिवार को लगातार आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. परिवार में तीन बहन और एक भाई हैं. राठौड़ परिवार बीजापुर रोड पर आदित्यनगर इलाके में किराए के मकान में रहता है. स्वाति के माता-पिता इसी इलाके में सब्जी बेचने का कारोबार करते हैं.

मुंबई और सोलापुर में शिक्षा
स्वाति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नगर निगम स्कूल से पूरी की है. उन्होंने 10वीं कक्षा तक मुंबई में पढ़ाई की. चूंकि माता-पिता मुंबई में खर्च वहन नहीं कर सकते थे, तो वह लोग सोलापुर में रहने आ गए. उसके बाद स्वाति ने ग्यारहवीं और बारहवीं की पढ़ाई सोलापुर के भारती विद्यालय से की. सोलापुर के वसुंधरा कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने वालचंद कॉलेज से भूगोल में स्नातकोत्तर किया. पढ़ाई के दौरान एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान उन्हें यूपीएससी के बारे में पता चला और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए पढ़ाई कर एक अधिकारी बनने का फैसला किया.

पांचवें प्रयास में सफलता
हालात से जूझते हुए स्वाति ने पढ़ाई शुरू की. वह चार बार यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुईं लेकिन असफल रहीं. हालांकि, वह असफलता से नहीं थकी और लगातार प्रयास करती रहीं. लोकल 18 से बात करते हुए स्वाति बताती हैं कि उन्होंने समस्याओं से ज्यादा समाधान को महत्व दिया और उस पर काम किया. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई की और 2023 में यूपीएससी की परीक्षा दी. हाल ही में इस परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ और स्वाति को पांचवें प्रयास में सफलता मिली है.

बंजारा समुदाय की पहली लड़की
स्वाति राठौड़ सोलापुर के बंजारा समुदाय से यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली पहली लड़की हैं. उनकी मां ने कहा कि उन्हें स्वाति की सफलता पर गर्व है. मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत मेहनत से पढ़ाया. कभी हालात में उतार-चढ़ाव आए, तो मां ने सोना गिरवी रख दिया, लेकिन इसे पढ़ाई के लिए समस्या नहीं बनने दिया. स्वाति ने कहा कि उसी की वजह से यह सफलता हासिल करना संभव हो सका. अपनी खराब परिस्थितियों के बावजूद मिली सफलता के लिए स्वाति की खूब तारीफ हो रही है.


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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