अजब गजब

Success story of Vinod of Sikar, became IPS in sixth attempt – News18 हिंदी

रिपोर्ट-राहुल मनोहर
सीकर. संघ लोक सेवा आयोग 2023 सिविल सर्विस परीक्षा में शहरों के साथ गांव के युवाओं ने भी अपना परचम फहराया है. इन्हीं में से एक हैं विनोद कुमार मीणा. यूपीएससी 2023 परीक्षा में उन्होंने 798 रैंक हासिल की. उनकी कहानी हिम्मत और जज्बे की है. क्योंकि ये सफलता उन्हें छटवें प्रयास में हासिल हुई है. लेकिन पहले की असफलता से उन्होंने हार नहीं मानी. हिम्मत रखी और प्रयास जारी रखा.

विनोद कुमार सीकर जिले के पचार गांव के रहने वाले हैं. यूपीएससी परीक्षा क्रैक करने में उन्हें 7 साल से भी अधिक समय लगा. इसी के साथ देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा पास करने वाले वो अपने गांव के पहले युवा बने हैं. विनोद के पिता मुन्ना राम मीणा केंद्रीय गृह मंत्रालय में दिल्ली में कार्यरत हैं. विनोद कहते हैं यूपीएससी छोटा गेम नहीं है. धैर्य और संयम से सफलता मिलना संभव है. उन्होंने बताया शुरुआत में 3 बार मैं प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाया. लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी. चौथे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचा लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद पांचवें प्रयास में फिर प्री नहीं निकाल पाया. मैंने हिम्मत बनाए रखी. घर वाले भी पूरा सहयोग देते रहे. यही वजह है कि आज मैं सफल हुआ.

लक्ष्य के लिए कठिन मेहनत जरूरी
विनोद कुमार ने बताया यूपीएससी में सफलता के लिए 3 बातेंं आवश्यक हैं. कठोर परिश्रम, निरंतरता और संयम. लगातार 8 से 10 घंटे पढ़ाई करें और निराशा को खुद पर हावी न होने दें. यूपीएससी कोई छोटा गेम नहीं है. लगातार बैठकर पढ़ाई करने से शारीरिक समस्याएं भी पैदा हो जाती है.ऐसे में रोज व्यायाम भी जरूरी है.

कोरोना में सेल्फ स्टडी
विनोद ने शुरुआती शिक्षा अपने पचार गांव से करने बाद 12 वीं सीकर से पास की. इसके बाद जबलपुर से बीटेक किया और दिल्ली में दो साल यूपीएससी की तैयारी की. कोरोना के कारण गांव लौटना पड़ा और फिर घर पर ही सेल्फ स्टडी की. विनोद कहते हैं यूपीएससी में सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी है.

सोशल मीडिया से दूरी 
विनोद कुमार मीणा की उन सभी युवाओं के लिए सलाह है जो किसी न किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है तैयारी के दौरान किसी को भी सोशल मीडिया का उपयोग नहीं के बराबर करना चाहिए. मैंने आज तक अपना सोशल मीडिया अकाउंट नहीं बनाया है. सोशल मीडिया के नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पहलू है. उन्होंने कहा भारत के युवा अगर सोशल मीडिया का उपयोग ठीक से करें तो भारत एक डेवलप कंट्री बन सकता है. लेकिन हाल ही में देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया का उपयोग नकारात्मक कार्यों के लिए किया जा रहा है. गांव के विनोद की कहानी, 5 बार नाकाम, 6वें में  यूपीएससी परीक्षा क्रैक,

Tags: Local18, Sikar news, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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