अजब गजब

कभी फार्म में नहीं दिया गया था घुसने…फिर खुद का खोला और कर रहा 2000 मुर्गियों का पालन

दीपक कुमार/बांका : मौजूदा समय में मुर्गी पालन बेहतरीन व्यवसाय बनकर उभरा है. कम लागत और कम समय में आमदनी का भी बेहतर जरिया बन गया है. इस व्यवसाय में होने वाली कमाई को देखते हुए लगातार इससे लोग जुड़ रहे हैं. बिहार के बांका जिले में भी बड़े पैमाने पर मुर्गी पालन हो रहा है और इससे जुड़कर लोग अच्छी कमाई भी कर रहे हैं.

इसी कड़ी में बांका जिला के धोरैया प्रखंड स्थित विश्वकोरवा गांव निवासी विष्णु कुमार भी मुर्गी पालन कर रहे हैं. विष्णु कुमार ने 200 मुर्गियों से शुरुआत की थी और अब 2 हजार से अधिक मुर्गियां पाल रहे हैं. साथ ही चूजा और दाना भी सप्लाई करने लगे हैं. इससे विष्णु को तगड़ी कमाई हो रही है. वहीं उनके इस व्यवसाय का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है.

2011 से करते आ रहे हैं मुर्गी पालन
विष्णु कुमार ने लोकल 18 को बताया कि इंटर की पढ़ाई के बाद सोचा कि व्यवसाय किया जाए. व्यवसाय शुरू करने को लेकर काफी मंथन करने के बाद मुर्गी पालन करने का विचार किया. इसके लिए स्थानीय मुर्गी पालकों से मिलकर इसका तरीका जानना चाहा तो फटकार लगाते हुए फार्म से बाहर भगा दिया. इसके बाद तो ठान लिया कि मुर्गी पालन ही करना है और बेहतर करके दिखाना है.

विष्णु कुमार ने बताया कि 2011 में आनन-फानन में 200 मुर्गियों से फॉर्म की शुरुआत कर दी. हालांकि जानकारी के अभाव में थोड़ी कठिनाइयां तो जरूर हुई, समय के साथ सीखता गया और इस व्यवसाय को आगे बढ़ता गया. फिलहाल 2000 से अधिक मुर्गियों का पालन कर रहे हैं. साथ ही दाना और चूजा दोनों की सप्लाई भी कर रहे हैं.

5 करोड़ से अधिक है सालाना टर्नओवर
विष्णु कुमार ने बताया कि बेहतर नस्ल का चूजा और दाना भी सप्लाई कर रहे हैं. स्थानीय मुर्गी पालकों के साथ-साथ गोड्डा और देवघर में भी सप्लाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुर्गी पालन में स्वच्छता का खास ख्याल रखना पड़ता है, क्योंकि इसमें संक्रमण फैलने का अधिक खतरा रहता है.

मुर्गियों में संक्रमण फैलने पर दो तरह से उपचार किया जाता है. जिसमें मुर्गियों के दाने में दवाई दी जाती है या फिर सुई से उपचार किया जाता है. उन्होंने बताया कि एक मुर्गी को 1 किलो के साइज तक करने में 80 से 90 रुपया खर्च आता है. वहीं बाजार में 110 रुपए के रेट से बिकता है. वर्तमान में एक चूजे की कीमत 52 रुपए है. वहीं मुर्गी पालन से जुड़े तीन तरह के व्यवसाय का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक है.

Tags: Banka News, Bihar News, Local18, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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