अजब गजब

मां ने कंगन बेच कराया IIT, फिर 84 लाख का पैकेज छोड़ बेटे ने शुरू की ये कंपनी, अब 170 करोड़ का टर्नओवर

आकांक्षा दीक्षित /दिल्लीः- क्या लॉन्ड्री बिजनेस 170 करोड़ का व्यापार कर सकता है? आपके भी मन में भी यही सवाल काफी बार आता होगा कि कपड़े धोकर कौन अमीर बनता है, तो आज हम आपको बिहार के एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने IIT बॉम्बे जैसे बड़े कॉलेज से इंजीनियरिंग करने के बाद कपड़े धोने की कंपनी शुरू की.

अरुणाभ सिन्हा ने लोकल 18 को बताया कि वे बिहार के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी स्कूलिंग वहीं से कम्पलीट की, जिसके बाद उन्होंने IIT बॉम्बे से अपनी ग्रेजुएशन इंजीनियरिंग में कम्पलीट की. पढ़ाई के दौरान उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा और पैसे की तंगी आई. पैसे की समस्या इतनी थी कि मां को अपने कंगन बेचकर बेटे की पढ़ाई पूरी करानी पड़ी.  इसके बाद ये तीन कंपनियों में जॉब कर चुके हैं. आगे अरुणाभ ने बताया कि उन्होंने 2015 में अपना पहला स्टार्टअप फ़्रैंक ग्लोबल नाम की कंपनी से शुरू किया. जब कंपनी अच्छी चलने लगी, तो उन्होंने वो कंपनी बेच दी.

84 लाख के पैकेज को मारी लात
अरुणाभ ने अपनी पहली कंपनी बेचकर ट्रिबो होटल्‍स में बड़े पद पर नौकरी शुरू कर दी. उनका सालाना पैकेज 84 लाख रुपये था. होटल इंडस्‍ट्री में ही काम करते हुए उन्‍हें पता चला कि होटलों में 60 फीसदी शिकायतें लॉन्ड्री से जुड़ी हुई थी. कभी बेडशीट गंदी होने की शिकायत, तो कभी टॉवेल गंदा होने की शिकायत आती थी. ये सब देखकर अरुणाभ ने लॉन्‍ड्री बिजनेस के बारे में सोचा. उन्‍होंने स्‍टडी की, तो पता चला कि लॉन्‍ड्री बिजनेस बहुत बड़ा है, लेकिन पूरी तरह से अनऑर्गेनाइज्ड है. करीब 15 महीने नौकरी करने के बाद उन्‍होंने जॉब छोड़ दी और 2017 में U Clean कंपनी की शुरुआत की. उन्होंने अपना पहला स्टोर वसंत कुंज में खोला.

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20 लाख से की शुरुआत
उन्होंने बताया कि 20 लाख रुपए के स्टार्टअप कैपिटल से यू क्लीन की शुरुआत की गई थी. आज उन्होंने इस कंपनी की कई फ्रेंचाइजी खोल रही है, जिसने 170 करोड़ रुपए का माइलस्टोन पार कर लिया है. समय-समय पर निवेशकों का साथ कंपनी को मिलता आया है. कंपनी अबतक 6 करोड़ का फंड जुटा चुकी है. कंपनी के 154 शहरों में 525 से अधिक फ्रैंचाइजी हैं और अब इंटरनेशनल मार्केट पर कंपनी की नजरें हैं.

Tags: Delhi news, Local18, South Delhi, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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