अजब गजब

किसान गोमूत्र से कर रहा खेती! कम लागत में हो रहा बंपर मुनाफा, बताया सफलता का राज

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रविन्द्र कुमार/झुंझुनूं. बढ़ती रासायनिक खेती के बीच झुंझुनू के नजदीकी गांव देलसर खुर्द के किसान ने पूरे जिले में मिसाल कायम की है. आज वे अपने फार्म पर पिछले कई साल से ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. ऑर्गेनिक खेती ही नहीं वह अपनी पूरी फसल में दवा के रूप में गोमूत्र को काम में ले रहे हैं. जिससे उन्हें मार्केट में बिकने वाली अन्य सब्जियों से तीन से चार गुना अधिक दाम मिल रहे हैं. ऑर्गेनिक खेती करने की कारण किसान को जिला स्तर पर व राज्य स्तर भी सम्मान मिल चुके हैं. धर्मवीर ने शुरुआती दौर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने 2006-2007 में ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक खेती में लागत कम लगती है और मुनाफा अधिक होता है. खेती के बारे में जानकारी देते हुए धर्मवीर ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में आलू, टमाटर, गोभी, गाजर, मूली, सोगरी, मिर्च, मटर सभी प्रकार की सब्जियां लगा रखी है. सब्जी के अलावा वह अपने खेत में बगीचा और अनाज भी लगा रखा है. उन्होंने बताया कि वह अपने बगीचे में थाई एप्पल बेर और मौसमी लगा रखी है और अनाज में सरसों, गेहूं, मसूर और चना लगा रखा है.

धर्मवीर ने बताया कि ऑर्गेनिक खेती में अच्छी उत्पादन के लिए वह गोमूत्र और जीवामृत तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गोमूत्र छिड़काव करने के लिए उन्होंने पक्का फर्श, चैंबर और पानी की टंकी बना रखी है. चेंबर को पानी की टंकी से कनेक्ट करके रखा है और फसलों में ऑटोमेटिक सिस्टम लगा रखा है उसे पूरी फसल में गोमूत्र जाता रहता है. धर्मवीर ने अपनी इनकम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 1 महीने की सब्जी से लगभग डेढ़ लाख रुपए और उसके अलावा बगीचे से भी अच्छी खासी इनकम हो जाती है.

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किसानों ने शुरू की ऑर्गेनिक खेती
उन्होंने बताया कि उनकी सब्जियां बाजार की रेट से दो से तीन गुना महंगी होती है. जैसे टमाटर 100 रुपए किलो, गाजर 50 रुपए किलो, गोभी 70 रुपए किलो, आलू 60 रुपए किलो है. धर्मवीर ने बताया कि उन्होंने आगे के लिए पॉलीहाउस के लिए अप्लाई कर रखा और उसके अलावा जो सब्जियों में भी उन्होंने नवाचार कर रहें हैं. इन्होंने अपने खेत में नवाचार करते हुए अभी स्ट्रॉबेरी लगाई है. अपने फार्म पर गन्ना लगा रखा है. धर्मवीर ने बताया कि उनके खेत को देखने के लिए आसपास के गांव के किसान आते हैं. खेती को देख करके वह भी प्रेरणा लेते हैं. कुछ किसानों ने तो अब ऑर्गेनिक खेती करना भी शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि उनके गांव में भी चार से पांच किसान ऐसे हैं जो ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. आसपास के गांव के किसान भी धर्मवीर से केंचुआ और वर्मीकम्पोस्ट खाद भी लेकर जाते हैं.

Tags: Agriculture, Jhunjhunu news, Local18, Rajasthan news

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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