मध्यप्रदेश

Indore:हरियाली के हत्यारे-अवैध कालोनियों को वैध करने की आड़ में हरियाली खत्म करने का खेल – Greenery Killers: The Game Of Killing Greenery In The Guise Of Legalizing Illegal Colonies


नदियों के पास भी हो गए अवैध निर्माण।
– फोटो : amar ujala digital

विस्तार

चुनावी साल में वोटरों को खुुश करने के चक्कर में सरकार इंदौर की हरियाली की पीछे पड़ गई है। शहर में कई अवैध काॅलोनियां ग्रीन बेल्ट में बसी है। उनके रहवासियों को अफसर कह रहे है कि  नए मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट हटाकर बसाहट दर्शा दिया जाएगा। इसके बाद काॅलोनी को वैध करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। शहर में आठ सौ अवैध काॅलोनियां है। जिनमें से 100 अवैध काॅलोनियों को वैध कर दिया है।

आने वाले छह माह में डेढ़ सौ और अवैध काॅलोनियों को वैध किया जाएगा। पिछले दिनों हुए कार्यक्रम मेें न्याय नगर के रहवासी कलेक्टर इलैैया राजा टी से मिले थे। रहवासियों ने कहा कि मास्टर प्लान मेें उनकी काॅलोनी को सिटी पार्क में दिखाया गया है,जबकि वहां खाली जमीन नहीं है। रहवासियों को आश्वासन दिया गया है कि जल्दी ही उनकी काॅलोनी का नियमितिकरण हो जाएगा। चुनाव से पहले इंदौर का मास्टर प्लान लागू हो सकता है। उसमें ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कई बड़े खेल हो सकते हैै। 

ग्रीन बेल्ट पर कटते गए प्लाॅट, तब किसी ने नहीं रोका

शहर मेें अवैध बसाहट को अफसरों ने हमेशा नजरअंदाज किया। काॅलोनाइजर सत्तारुढ़ नेताअेां के नाम पर अवैध बस्तियों का नाम रखते थे और अफसर फिर उधर झांककर भी नहीं देखते थे। इंदौर में चंद्रप्रभाष शेखर नगर,राहुल गांधी नगर, राजीव गांधी नगर, इंदिरा नगर,सेठी नगर, संजय गांधी नगर जैसी अवैध बस्तियां ग्रीन बेल्ट पर कट गई। इतने वर्षों में सिर्फ शेखर नगर बस्ती ही हटाई जा सकी। 

तालाब ग्रीनबेल्ट में, लेकिन वहां हरियाली की जगह मकान 

इंदौर के मास्टर प्लान मेें बिलावाली तालाब से लेकर बिलावली गांव तक का हिस्सा मास्टर प्लान में शामिल हैै,लेकिन वहां काॅलोनियां कट गई। तालाब के केचमेंट एरिया में लोग रहने चले गए। इस कारण तालाब की चैनलें लुप्त होती चली गई।

पिपलियापाला तालाब के पास का हिस्सा ग्रीन बेल्ट में शामिल है। वहां पर भी बस्ती है। इसके अलावा सिरपुर तालाब के पास ग्रीन बेल्ट की जमीन पर प्रजापत नगर, द्वारकापुरी काॅलोनी कट गई। खजराना क्षेत्र और चंदन नगर क्षेेत्र के कुछ हिस्से के ग्रीन बेल्ट में भी अवैध काॅलोनी कटने से अफसरों ने नहीं रोका। 

सात प्रतिशत भी हरियाली नहीं बची 

मास्टर प्लान मेें 15 प्रतिशत ग्रीन बेल्ट दर्शाया गया है, लेकिन वास्तविकता में 7 प्रतिशत भी नहीं है। ग्रीन बेल्ट में अवैैध काॅलोनियां काटी जा रही है। अब सरकार मास्टर प्लान मेें बदलाव कर उनके वैध होने की राह आसान कर सकती है।  हरियाली से किसी भी सूरत में समझौता नहीं होना चाहिए।-जयवंत होलकर, मास्टर प्लान विशेषज्ञ 

तालाबों की जमीन बचना चाहिए

तालाबों की जमीन बचाने के लिए मैं कोर्ट में याचिकाएं लगा चुका है। निगम ने ही केचमेंट एरिया में सड़कें बना दी। सिरपुर तालाब से 200 मीटर दूर आईडीए ने प्लाॅट काट कर महंगे दामों में बेचे। तालाबों की जमीन हर हाल में बचाना चाहिए। किशोर कोडवानी, सामाजिक कार्यकर्ता

सरकार लेती है फैसला

नए मास्टर प्लान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्लान का प्रारुप तैयार होता है, उस पर दावे आपति्तयां आमंत्रित की जाती है। उसके बाद अंतिम प्रकाशन होता हैै। उसके बाद सरकार फैैसला लेती है।- एसके मुद्गल, संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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