IIT से पढ़कर निकला और बेचने लगा चिकन बिरयानी, अब 40 शहरों से आती है डिमांड, रेवेन्यू 300 करोड़ के पार

नई दिल्ली. भारत में बिरयानी कितनी पसंद की जाती है, इस बात का अंदाजा यहीं से लगता है कि बिरयानी पिछले साल जोमैटो पर सबसे ज्यादा ऑर्डर होने वाला फूड बना. जोमैटो की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में 10 करोड़ से अधिक बिरयानी के ऑर्डर मिले. हर 2 सेंकेड में बिरयानी के 5 ऑर्डर प्राप्त हुए. और जब बिरयानी की बात आती है तो बिरयानी बाय किलो (Biryani By Kilo) को कोई कैसे भूल सकता है. बिरयानी बाय किलो कैसे लोगों के दिलों तक पहुंची और दो लड़कों ने बिरयानी से जुड़े फूड बिजनेस की रूपरेखा बदल दी, यह जानना दिलचस्प है.
बिरयानी बाय किलो की स्थापना विशाल जिंदल और कौशिक राय ने मिलकर की. विशाल जिंदल ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से आईआईटी पास करने के बाद इस बिजनेस का रुख किया. उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स (MBA) की डिग्री लेने के बाद अमेरिका में भी काम किया था. विशाल ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से फाइनेंस की पढ़ाई भी की. आईआईटीएन विशाल जिंदल जब भारत लौटे तो उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर आई इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई, मगर बहुत उम्दा सफलता हाथ नहीं लगी.
आईटी इंडस्ट्री में वे अमेरिका, चीन और ताइवान से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मंगवाते और उसे बड़ी कंपनियों में सप्लाई करते थे. तब उनके क्लाइंट्स में एचपी, कॉम्पैक और आईबीएस जैसी बड़ी कंपनियां शामिल थीं. बिरयानी बाय किलो की स्थापना से पहले कौशिक रॉय 22 साल तक फूड इंड्स्ट्री में अलग-अलग स्तर पर सेवाएं देते रहे.
कैसे शुरू हुई थी बिरयानी बाय किलो
विशाल जिंदल और कौशिक रॉय जब एक साथ बैठे तो कई सारे प्रोडक्ट्स पर माथापच्ची की. छांटते-छांटते अंत में केवल बिरयानी पर जाकर गोल घेरा मार्क किया गया. बस, यहीं से बिरयानी बाय किलो की शुरुआत हुई. 2015 में कंपनी बनाई गई और बिरयानी की हांडी चढ़ गई. 2016 से ही फंडिंग मिलने लगी और फिर विशाल और कौशिक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. कंपनी का नाम स्काई गेट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (Sky Gate Hospitality Pvt. Ltd.) है. बिरयानी बाय किलो इसी कंपनी के तहत के ब्रांड है.
क्या चाहते हैं फाउंडर?
आज पूरे देश के 40 शहरों में बिरयानी बाय किलो के 100 से अधिक आउटलेट हैं. विशाल जिंदल ने लोकल18 से बात करते हुए कहा था कि वे बिरयानी के इस ब्रांड को मैक्डी (McDonald’s) और डोमीनोज़ (Domino’s) से बड़ा बनाना चाहते हैं. केवल इंडिया का बात करें और फूड एग्रीगेटर्स के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह पहले ही मैक्डी और डोमीनोज़ से आगे निकल चुकी है. जोमैटो की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में बिरयानी के बाद सबसे ज्यादा बिकने वाली दूसरी आइटम पिज्जा रहा.
विशाल जिंदल चाहते हैं कि बिरयानी बाय किलो अगले 3-4 वर्षो में 1000 करोड़ रुपये अधिक के रेवेन्यू वाली कंपनी बने और नेट प्रॉफिट 150 करोड़ रुपये तक पहुंचे. बता दें कि 2023 में कंपनी ने लगभग 300 करोड़ रुपये का रेवेन्यू बनाया.
ऑर्डर पर तैयार होती है बिरयानी
पिज्जा की ही तरह बिरयानी भी ऑर्डर मिलने पर ही तैयार होती है. आर्डर मिलने से पहले कंपनी के क्लाउड किचन में पूरा रॉ मैटिरियल फ्रेश मौजूद रहता है. हर तरह की बिरयानी के लिए पूरी डिटेल रहती है. जैसे ही ऑर्डर आता है, तभी बिरयानी बनाना शुरू होता है. हांडी में हर एक चीज माप के हिसाब से डाली जाती है और फिर उसे सील करके ओवन में रख दिया जाता है. कुछ देर पकने के बाद, उस हांडी को बिना खोले, बिना चेक किए ही कस्टमर तक पहुंचाया जाता है. सील हुई हांडी को ग्राहक की खोलता है.
बिरयानी बाय किलो का मेन्यू
केवल बिरयानी से शुरू काम अब काफी बढ़ चुका है. अब इसके मेन्यू में बैवरेजेज एंड ब्रेड (Beverages & Breads) तक पहुंच गया है. कंपनी के मेन्यू में हैदराबादी बिरयानी, लखनवी बिरयानी, कोलकाता बिरयानी, एवरी-डे बिरयानी कॉम्बो, कोरमा और करी, कबाब, बैवरेजेज, और मीठा शामिल है.
हैदराबादी बिरयानी में पनीर दम बिरयानी, एग दम बिरयानी, वेज हैदराबादी बिरयानी, वेज हैदराबादी दम बिरयानी, पेशावरी छोले बिरयानी, पनीर टिक्का बिरयानी, चिकन हैदराबादी, चिकन हैदराबादी दम, चिकन चिक्का, चिकन बोनलेस दम, प्रॉन बिरयानी, रारा मटन बिरयानी, और मटन हैदराबादी बिरयानी शामिल हैं. इसी तरह अलग-अलग कैटेगरी में कई तरह की बिरयानी ऑफर की जा रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 22, 2024, 15:50 IST
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