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Success Story: पूरी दुनिया में सोने की कीमत और उसका महत्व है. खासकर भारत में तो सोना सदियों से लोगों को प्रिय रहा है. हालांकि, बेहद महंगी इस धातु को खरीदने में अक्सर लोगों की जेब ढीली हो जाती है. सोचिये, जो लोग सोने का व्यापार करते हैं उनकी हैसियत क्या होगी. आम आदमी के पास एक तौला सोना होता है तो उनके पास क्विंटलों से गोल्ड रखा होता है. हम आपको उस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी बाजारों में भट-भटकर चांदी बेचते थे पर आज पूरी दुनिया को सोने का सामान सप्लाई करते हैं. देश में ज्यादातर लोग टॉप गोल्ड ब्रांड, शो रूम के बारे में जानते हैं लेकिन सोने के रहनों की फैक्ट्री चलाने वालों के बारे में शायद नहीं जानते हैं.
भारत की गोल्ड इंडस्ट्री में राजेश मेहता एक बड़ा नाम है. बेंगलुरु स्थित यह दिग्गज व्यापारी राजेश एक्सपोर्ट्स नामक कंपनी के मालिक और सीईओ हैं. किसी जमाने में उन्होंने राजेश डायमंड कंपनी नाम से एक छोटा-सा व्यापारिक प्रतिष्ठान शुरू किया. आज की तारीख में उनकी कंपनी राजेश एक्सपोर्ट दुनियाभर में गोल्ड ज्वैलरी सप्लाई करती है.
दुनिया में राजेश एक्सपोर्ट्स का नाम
राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड की स्थापना 1989 में हुई थी. यह कंपनी सोने के कारोबार में दुनियाभर में एक बड़ा नाम है. राजेश एक्सपोर्ट लिमिटेड (REL) का उद्देश्य दुनिया भर के उपभोक्ताओं के लिए बेहतरीन गुणवत्ता वाले आभूषणों का निर्माण और बेचना है.
उधार के बाद 1200 रुपये से शुरुआत
कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, राजेश एक्सपोर्ट्स की स्थापना, राजेश मेहता और उनके भाई प्रशांत मेहता ने मिलकर की. दरअसल सोने-चांदी के व्यापार का अनुभव में उन्हें विरासत में मिला. लेकिन, खुद का नाम कमाने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, एक वक्त था जब राजेश मेहता ने अपने भाई बिपिन से 1200 रुपये का लोन लिया और चाँदी का कारोबार शुरू किया. राजेश मेहता, चेन्नई से आभूषण खरीदते थे और उन्हें गुजरात के राजकोट में बेचते थे. धीरे-धीरे उन्होंने गुजरात में थोक विक्रेताओं को आभूषण बेचना शुरू किया.
सोने की सफाई से लेकर सप्लाई तक
चांदी के व्यापार में सफल होने के बाद राजेश मेहता ने 1989 में सोने के आभूषण व्यवसाय में कदम रखा. छोटी स्तर से शुरुआत करते हुए उन्होंने बेंगलुरु में अपने गैरेज में एक सोने के आभूषण बनाने वाली एक विनिर्माण इकाई शुरुआत की. इसके बाद राजेश एक्सपोर्ट्स ने गोल्ड आयट्मस का निर्यात ब्रिटेन, दुबई, ओमान, कुवैत, अमेरिका और यूरोप में करना शुरू कर दिया. साल 1999 में राजेश एक्सपोर्ट्स ने दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड आयटमस बनाने वाली फैक्ट्री की योजना बनाई और 2002 में यह बनकर तैयार हो गई.
वर्ष 2006 में राजेश एक्सपोर्ट्स की बिक्री 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर 8000 करोड़ से ज्यादा रही, जबकि 2010 आते-आते यह 4 गुना बढ़कर 32,000 करोड़ हो गई. राजेश एक्सपोर्ट्स, भारत से सोने के उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक है. आरईएल का मुख्यालय बैंगलोर में है और इसका ऑपरेशन दुनिया भर में फैला हुआ है. यह दुनिया की एकमात्र कंपनी है जिसके पास सोने की रिफाइनिंग से लेकर रिटेल बिक्री तक का काम है. राजेश एक्सपोर्ट्स, भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी है जिसका बाजार पूंजीकरण 8526 करोड़ रुपये है.
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Tags: 24 carat gold price, Business news in hindi, High net worth individuals, Success Story
FIRST PUBLISHED : March 19, 2024, 12:53 IST
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