अजब गजब

Chacha Cricket Chaudhry Abdul Jalil from Pakistan sold his house to watch match now is a celebrity – News18 हिंदी

हाइलाइट्स

पाकिस्तान में चाचा क्रिकेट के नाम से मशहूर हैं चौधरी अब्दुल जलील
74 वर्षीय अब्दुल जलील 500 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच देख चुके हैं.
1998 में PCB ने उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट टीम का ऑफिशियल चीयरलीडर बनाया.

Pakistan Cricket Chacha: भारत और पाकिस्तान दोनों ही मुल्कों में क्रिकेट का क्रेज किसी से छुपा नहीं है. हिंदुस्तान में और सरहद के उस पार पाकिस्तान में क्रिकेट को लेकर लोगों में जबरदस्त दीवानगी है. लेकिन, इन दीवानों में कुछ लोगों ने खास पहचान बनाई है. हम आपको एक ऐसे पाकिस्तानी क्रिकेट प्रेमी की कहानी बताने जा रहे हैं जिनकी पहचान दुनिया में पाकिस्तानी क्रिकेट राजदूत के तौर पर है.

हम बात कर रहे हैं चौधरी अब्दुल जलील की, जिन्हें पाकिस्तान समेत दुनिया में क्रिकेट चाचा के नाम से जाना जाता है. 70 साल की उम्र पार कर चुके अब्दुल जलील ने क्रिकेट की प्रति अपनी दीवानगी से ना सिर्फ नाम कमाया बल्कि पैसा भी कमाया.

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बचपन से क्रिकेट की दीवानगी
पाकिस्तान के सियालकोट में जन्मे चौधरी अब्दुल जलील सिर्फ मैट्रिक तक पढ़े. दरअसल तंग पारिवारिक हालात के चलते उन्होंने नौकरी छोड़ दी और नौकरी करने लगे. चूंकि बचपन से क्रिकेट में लगाव होने के चलते अब्दुल जलील स्पोर्ट्स एसेसरीज बनाने वाली कंपनी में काम करने लगे. इस दौरान वे 5 साल एक क्रिकेट क्लब में भी रहे.

पाकिस्तानी टीम की 3 पीढ़ियों को खेलते हुए देखा
एक मीडिया रिपोर्ट में 74 वर्षीय चौधरी अब्दुल जलील ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में 3 पीढ़ियों को खेलते हुए देखा है. उन्होंने पहली बार 19 साल की उम्र में 1969 में लाहौर स्टेडियम में एक इंटरनेशनल मैच देखा था.

मियांदाद के छक्के से मिली शोहरत
वैसे तो अब्दुल जलील वर्षों से पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को सपोर्ट करने के लिए मैच देखने जाते थे. लेकिन, उन्हें पहचान एक खास घटना से मिली. दरअसल 1986 में शारजाह में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच चल रहा था. ये वही ऐतिहासिक मैच था जिसमें भारतीय गेंदबाज चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद ने छक्का लगाकर पाकिस्तान को जीत दिलाई.

खास बात है कि जब जावेद मियांदाद ने सिक्स मारा तो गेंद जाकर उस ओर गिरी, जहां चौधरी अब्दुल जलील बैठे थे. चूंकि मैच के दौरान अब्दुल जलील उर्फ क्रिकेट चाचा के नारे और मजाक करने का अंदाज टीवी पर दिखाया जाता था इसलिए मियांदाद के सिक्स पर उनका यह अंदाजा लोगों को खूब भाया और इस वाक्ये से उन्हें और शोहरत मिली.

इस घटना के करीब 12 साल बाद 1998 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट टीम का ऑफिशियल चीयरलीडर बनने को कहा. खास बात है कि उस वक्त टीम के कप्तान रहे वसीम अकरम और मोईन खान भी इसके लिए तैयार हो गए.

इंग्लैंड में मैच देखने के लिए बेच दिया घर
चौधरी अब्दुल जलील की क्रिकेट के प्रति दीवानगी इस कदर थी कि उन्होंने इंग्लैंड में मैच देखने के लिए घर तक बेच दिया. हालांकि, उनका यह फैसला बहुत निर्णायक साबित हुआ, क्योंकि जब उन्हें अपने क्रिकेट प्रेम से शोहरत मिलने लगी तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, दोस्त और कुछ अन्य लोग उनका खर्च उठाने लगे. अपने इस क्रिकेट से ना सिर्फ उन्होंने शोहरत पाई बल्कि लाखों की संपत्ति भी बनाई है. वे अब तक 500 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच देख चुके हैं.

Tags: Business news in hindi, Cricket, High net worth individuals, Paksitan cricket, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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