UP-MP को जोड़ने वाले कानपुर-सागर फोरलेन के दोनों ओर सडक़ से 40 मीटर तक किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध माना जाएगा

40 मीटर के बाद और 75 मीटर तक निर्माण के लिए एनएचएआइ से अनुमति लेना जरूरी
छतरपुर. शहर से गुजरकर बनने जा रहे कानपुर-सागर फोरलेन के दोनों ओर सडक़ से 40 मीटर तक किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध माना जाएगा। सडक़ के मध्य से 40 मीटर के बाद और 75 मीटर तक निर्माण के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआइ) से अनुमति लेना जरूरी है। राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात अधिनियम के तहत बिना अनुमति निर्माण करने पर निर्माण को अवैध माना जाएगा। अवैध निर्माण हटाने के साथ ही जुर्माना राशि वसूलने का भी प्रावधान है। इसी को देखते हुए एनएचएआइ ने निर्माणाधीन कानपुर सागर फोरलेन के किनारे निर्माण करने वालों को शनिवार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही एसडीएम, पुलिस को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है।
133 पर लगा है 2 करोड़ रुपए का जुर्माना
झांसी खजुराहो फोरलेन के किनारे अतिक्रमण करने वालों का सर्वे, नोटिस के बाद अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। जिसकी वसूली के लिए जिले की तीन तहसील क्षेत्र के 133 अतिक्रमणकारियों को वसूली का नोटिस जारी किए गए हैं। जिले की नौगांव, छतरपुर और राजनगर तहसील इलाके में एनएचएआइ ने डेढ साल पहले 133 अतिक्रमण चिंहित किए थे। जिनसे वसूली शुरु हो गई है। जुर्माना की रकम न भरने वालों पर एफआइआर भी होगी। वहीं, अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे।
500 रुपए प्रति वर्गमीटर लगा जुर्माना
पूरे जिले में चिंहित किए गए 133 अतिक्रमण पर प्रति वर्ग मीटर 500 रुपए की दर से जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना भरने के बाद भी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। कब्जाधारी खुद अतिक्रमण नहीं हटाते हैं। तो एनएचएआई अतिक्रमण हटाएगा और उसका खर्च भी संबंधित अतिक्रमणकारी से वसूला जाएगा। जुर्माना की राशि जमा न करने वालो के खिलाफ एफआइआर भी होगी।
ये है नियम
राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात अधिनियम के तहत हाइवे की सडक़ के मध्य बिंदु से दौनों ओर 40 मीटर की तक किसी भी तरह के निर्माण कार्य पूरी तरह अवैध माने जाते हैं। जबकि 40 मीटर से 75 मीटर तक की दूरी के बाद किसी भी तरह के निर्माण के लिए एनएचएआई से अनुमति लेना होती है। कोई भी भूस्वामी 75 मीटर के बाद ही निर्माण कार्य के लिए स्वतंत्र होता है। इस नियम के मुताबिक लगभग 75 मीटर की दूरी तक एनएचएआई का नियंत्रण माना जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग भूमि एवं यातायात अधिनियम2002 की धारा 29 के तहत ऐसे 40 मीटर तक हुए निर्माण व बिना एनओसी निर्माण को अवैध मानकर जुर्माना वसूलने और अतिक्रमण हटाने के प्रावधान है।
इनका कहना है
फोरलेन किनारे निर्माण के लिए तय मानकों का पालन करें। इससे लोगों को असुविधा नहीं होगी। सडक़ किनारे निर्माण पर रोक है। इसके अलावा तेज रफ्तार वाहनों से सुरक्षा के लिए भी तय दूरी के बाद ही निर्माण करना चाहिए।
पीएल चौधरी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआइ