civil surgeon chased the ambulance drivers | मोटे कमीशन के लालच में मरीजों को ले जाते हैं निजी नर्सिंग होम में

मुरैना6 मिनट पहले
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मुरैना जिला चिकित्सालय में अवैध रूप से खड़ी होने वाली निजी एंबुलेंएसो के खिलाफ सिविल सर्जन ने मंगलवार की शाम करवाई की। सिविल सर्जन सीधे अस्पताल परिसर में पहुंचे और उन्होंने वहां खड़ी एंबुलेंस के नंबर प्लेट की फोटो खींची। उनकी ऐसा करते ही तमाम एंबुलेंस चालक मौके पर पहुंच गए, सभी अपनी एंबुलेंस लेकर अस्पताल से तुरंत बाहर निकल गए।
बता दें कि जिला अस्पताल में, निजी एंबुलेंस चालकों का एक बड़ा रैकेट है, जो अस्पताल में आने वाले मरीजों को बरगलाकर अपनी एंबुलेंस में ग्वालियर व मुरैना के निजी अस्पतालों में ले जाते हैं, जहां से उनको 50 परसेंट तक का कमीशन मिलता है। असल में इन एंबुलेंस चालकों का निजी अस्पतालों के संचालकों से इस बात का अनुबंध होता है कि वह जो मरीज लेकर आएंगे, उसका जो दवाइयां व इलाज का बिल बनेगा, उसमें से उनका मोटा कमीशन रहेगा।
30 से लेकर 50 पर्सेंट तक होता कमीशन
बता दें कि इन निजी एंबुलेंस चालकों का निजी अस्पताल संचालकों से मरीज के इलाज पर होने वाले खर्चे में 50 परसेंट तक का कमीशन रहता है। मरीजों के परिजन इस बात से बेखबर रहते हैं और वह उनकी बातों में आकर निजी अस्पतालों में अपने पेशेंट को लेकर चले जाते हैं, जहां उनको दोनों हाथों से जमकर लूटा जाता है।
अस्पताल में जगह-जगह लगाए बैनर
सिविल सर्जन गजेंद्र सिंह तोमर से पहले डॉ विनोद कुमार गुप्ता सिविल सर्जन थे। उन्होंने जिला अस्पताल में इन निजी एम्बुलेंस चालकों के खिलाफ बड़े-बड़े बैनर लगवा दिए थे। उन बैनरों पर स्पष्ट रूप से लिखा है, कि मरीज व उनके परिजन इन निजी एंबुलेंस चालकों के बहकावे में न आए और इनसे बचें, यह एंबुलेंस चालक उन्हें निजी अस्पतालों में ले जाएंगे, जहां उनका इलाज का खर्चा बहुत ज्यादा होगा।

जिला परिवहन अधिकारी ने की थी कार्यवाही
तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ विनोद गुप्ता के निवेदन पर जिला परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार ने यातायात विभाग की मदद से जिला अस्पताल में संचालित इन निजी एंबुलेंस चालकों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की थी। इसके बावजूद भी एंबुलेंस चालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर गजेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि, उन्होंने यह कार्रवाई एंबुलेंस चालकों को चेतावनी देने के लिए की है। अगर इसके बावजूद भी इन लोगों ने उनके आदेश को नहीं माना तो वह इनके खिलाफ आर्थिक दंड लगाएंगे।
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