देश/विदेश

क्या है लूथरा मूट कोर्ट कंपटीशन? सुप्रीम कोर्ट के जज समेत देश-विदेश के छात्रों ने लिया भाग

Luthra Moot Court Competition: देश हो या विदेश हर आम नागरिक कानून के लफड़े में पड़ने से बचता रहता है, यहां तक कभी कभार कानून की पढ़ाई कर नए छात्र भी इसके दांव पेंच समझ नहीं पाते. इसी को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में 20वीं के के लूथरा मूट कोर्ट प्रतियोगिता आयोजित किया गया. इसमें सुप्रीम कोर्ट के कई जज सहित देश-विदेश के 72 विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया और वकालत के बारीकियों को समझा.

देश-विदेश के विश्वविद्यालयों में कानून के छात्रों को युवा छात्रों को कानून की पेचिदगियों से वाकिफ करवाने के लिए दिल्ली में 20वां केके लूथरा मेमोरियल मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इस साल इस प्रतियोगिता में देश और विदेश के 72 विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया और वकालत की बारिकियों को समझा. इस सेशन में देश के शीर्ष न्यायलय की न्यायाधीश हिमा कोहली, एएसजी एस.वी. राजू इस मौके पर मौजूद रहे.

‘जाति धर्म या भड़काऊ भाषण…’ जेएनयू में 4 साल के बाद चुनाव, ये काम नहीं कर सकेंगे छात्र नेता

लूथरा मूट कोर्ट प्रतियोगिता में भाग ले रहीं जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता कैंपस लॉ सेंटर के उनके दिनों की याद दिलाते हैं. एक काबिल वकील को ध्यान से पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए. वो जो भी बोले, बेहद आत्मविश्वास से बोले क्योंकि इसका सीधा असर होता है. उन्होंने छात्रों को सुझाव दिया कि सवाल पूछने से कभी डरना नहीं चाहिए और कानून से दोस्ती करने के लिए उसकी पेचिदगियों को ध्यान से समझना चाहिए.

वहीं, एएसजी एस. वी. राजू ने कहा कि पिछले बीस सालों से देश के बड़े वकील के के लूथरा की याद में उनका परिवार ये मूट कोर्ट प्रतियोगिता करवा रहा है. इससे कानून के क्षेत्र में आने वाले युवा छात्र छात्राओं को काफी फायदा मिलता है.

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में इन दिनों ईडी और अन्य जांच एजेंसियों के हाई प्रोफाइल मामलों में अक्सर पेश होने वाले राजू ने ट्रायल कोर्ट के वकील के तौर पर अपने अनुभव भी साझा किया और कहा कि एक काबिल वकील को क्रास एक्सामिनेसन की कला में पारंगत होना चाहिए. इस प्रतियोगिता में सिंगापुर, बांग्लादेश, नाइजीरिया, श्रीलंका, नेपाल और जिंब्बावे से आए छात्र-छात्रों ने हिस्सा लिया है.

Tags: Delhi University, Supreme Court


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!