Shankar Lalwani Mp Indore Bjp Sansad Ticket – Amar Ujala Hindi News Live

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भाजपा ने इंदौर लोकसभा सीट से शंकर लालवानी Shankar Lalwani को टिकट दे दिया है। शंकर लालवानी इंदौर लोकसभा सीट से दूसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। शंकर लालवानी इंदौर के वर्तमान सांसद हैं और पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के पंकज संघवी को 5,47,754 वोट के बड़े अंतर से हराया था।
सिंधी समाज में अच्छी पकड़, बेदाग छवि
शंकर लालवानी की सिंधी समाज में बहुत अच्छी पकड़ मानी जाती है। उनकी बेदाग छवि की वजह से वे दूसरी बार भी भाजपा से लोकसभा टिकट पाने में सफल रहे। चर्चा चल रही थी की इस बार इंदौर से किसी महिला को लोकसभा टिकट मिल सकता है लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दूसरी बार भी शंकर लालवानी पर भरोसा जताया।
पार्षद से शुरू हुआ सफर
शंकर लालवानी ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की, फिर मुंबई से बी-टेक की पढ़ाई की फिर इंदौर आकर व्यापार और कंसल्टेंसी में लग गए। 1994 से 1999 तक वे इंदौर नगर निगम में पार्षद रहे। इसके बाद 1999 से 2004 तक वे 5 वर्ष तक इंदौर नगर निगम के सभापति पद पर रहे। 2013 में इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बनाए गए। 2019 में जब भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया तो भारतीय जनता पार्टी करीब 5 लाख 47 हजार वोटों के ऐतिहासिक अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी से जीत हासिल की।
चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में मिली टिकट तय होने की खबर
बुधवार शाम जब लिस्ट जारी हुई तो शंकर लालवानी जावरा कंपाउंड स्थित लोकसभा कार्यालय के उद्घाटन के लिए आए थे। वे मंच पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के आने का इंतजार कर रहे थे उसी वक्त टिकट की घोषणा हो गई। पहले तो उन्हें लिस्ट पर विश्वास नहीं हुआ। मोबाइल में लिस्ट देखकर बोले कि लिस्ट कहीं फेक तो नहीं। बाद में अन्य लोगों ने उन्हें बताया की लिस्ट आ गई है तब उन्हें भरोसा हुआ। भाजपा कार्यालय के उद्घाटन के बाद वे खजराना गणेश मंदिर पहुंचे और भगवान का आशीर्वाद लिया। लालवानी के घर पर भी देर रात तक टिकट मिलने का जश्न मनाया गया।
पूर्व सीएम से लेकर दिल्ली तक की दौड़
इंदौर का लोकसभा टिकट पहली सूची में रुकने के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि शंकर लालवानी का टिकट कट सकता है। इसके बाद शंकर लालवानी ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह से मुलाकात कर अपने कामोंं का हवाला दिया और दिल्ली में जाकर भी शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद ही शंकर लालवानी का टिकट फाइनल हुआ।
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