AGNI 5 मिसाइल के सफल परीक्षण का क्या है मतलब? कैसे ‘मिशन दिव्यास्त्र’ से पाकिस्तान को लगी मिर्ची, चीन की बढ़ गई टेंशन

भारतीय मिसाइल की जद में तो चीन के कई शहर साल 2012 में ही आ गए थे, जब भारत ने 5000 किलोमीटर मार करने वाली अग्नि 5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया था और तब से लेकर अलग-अलग तरीके के टेस्ट को अंजाम देकर अग्नि मिसाइल की सटीकता और मारक क्षमता को और बेहतर किया जा रहा है. उसी सिलसिले को सोमवार को जारी रखा गया और इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के नए अवतार का सफल परिक्षण किया गया. इस सफल परीक्षण की जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी. मिशन दिव्यास्त्र के सफल परीक्षण की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देने के बाद भारत अब उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिनके पास लंबी दूरी की इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल जिससे एक नहीं कई सारे वॉरहेड को दागा जा सकता है.
अब तक अमेरिका, चीन, रूस, यूके और फ्रांस के बाद अब भारत इस लीग में शामिल हो गया है, जबकि सूत्रों की माने तो पाकिस्तान भी इस तकनीक को इजाद करने में जुटा है. MIRV मतलब मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री वीहिकल तकनीक है. अग्नि 5 में इस नई तकनीक को विकसित करके भारत ने उन दुश्मन देशों को यह संदेश दे दिया है कि अब वो आत्मनिर्भर भारत के तहत एडवांस टेक्नोलॉजी विकसित रह सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, इस सफल मिशन की डायरेक्टर एक महिला साइंटिस्ट है. ये तकनीक स्वदेशी एवियोनिक्स सिस्टम, हाई एक्यूरिसी सेंसर पैकेज से लैस है जोकि इस बात को सुनिश्चित करेगा कि जब यह मिसाइल एटमॉसफेयर में फिर से एंट्री करेगी को सटीक टारगेट तक पहुंचे.
स्वदेशी AGNI 5 की खासियत
बैलिस्टिक मिसाइल की बात करें तो एक बार मिसाइल लॉन्च होने के बाद यह मिसाइल एटमॉसफेयर से बाहर निकलकर स्पेस में जाती है और फिर अपने टारगेट की ट्रेजेक्ट्री को लॉक करके वापस एटमॉसफेयर में एंटर करती है. अग्नि 5 की रेंज जो की 5000 किलोमीटर से ज्यादा है और इस नई तकनीक में किसी तरह की कोई बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि ये और ताकतवर हो गया है. अब अगर एक अग्नि 5 का लॉन्च किया गया तो उसमें एक साथ कई वॉरहेड दागे जा सकेंगे. अग्नि 5 कि खासियत की बात करें तो ये देश की पहली इंटरकॉटिनेटल ब्लास्टिक मिसाइल है और इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है. अब तक इसके अलग-अलग कई ट्रायल हो चुके है. डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक का मानना है कि अग्नि 5 मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में एक क्वांटम जंप है. इस मिसाइल की पूरी तकनीक, प्रोपल्शन सिस्टम, रॉकेट, एडवांसड नेविगेशन 100 फीसदी स्वदेशी है. अग्नि 5 एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसकी रेंज 5000 किलोमीटर है जोकि प्रमाणु हथियारों को ले जाने में पूरी तरह से सक्षम है.
ये भारत की डेटेरेंस पावर को जबरदस्त बढ़ाया है. कहा जाता है कि भारत के नक्शे पर किसी भी जगह से 5000 किलोमीटर का निशान बना दें और इसे फायर कर दें तो ये सटीक मार कर सकता है. खास बात तो यह है कि आने वाले दिनों में आगर इसकी मारकर क्षमता को और बढ़ाया जा सकता है. ये एक बैलिस्टिक मिसाइल है और ऐसी तकनीक के साथ लैस किया गया है कि एक बार टारगेट प्रोग्राम करने के बाद उसे नष्ट करके ही छोड़ेगा. तकनीक के चलते इसे ऐसा प्रोग्राम किया गया है कि एक बार लॉन्च होने के बाद कोई भी देश तकनीकी तौर पर इंटरनेट के जरिए नेविगेशन या सिस्टम के साथ छेड़खानी नहीं कर सकती. दुनिया की सभी ताकतवर देशों की मिसाइल तकनीक को जबरदस्त टक्कर देगा.
100 परसेंट परफेट अटैक
इसकी एक और खास बात है इसकी सटीक मारक क्षमता. इस मिसाइल में 100 फीसदी सटीक मारक क्षमता है, जिससे पिन प्वाइंट एक्योरेसी के तहत कम न्यूक्लियर वॉरहेड के साथ दागा जा सकता है. अगर इसकी रफ्तार की बात करें तो ये आवाज की गति से 24 गुणा तेज रफ्तार अपने टारगेट की ओर बढ़ा सकता है. अग्नि-5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है और इसकी लंबाई करीब 17 मीटर है, जबकि मोटाई करीब 2 मीटर है. यह करीब 1500 किलो के वॉरहेड को ले जाने में सक्षम है. जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल का सबसे पहला टेस्ट 2012 में हुआ था. भारत पहले ही अग्नि-1,2,3 मिसाइल को ओपरेशन्ली तैनात कर चुका है. माना जाता है कि ये तीनों मिसाइल पाकिस्तान के तरफ से उठ रहे खतरों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जबकि अग्नि-5 को खासतौर से चीन की तरफ से मिल रही चुनौतियों के लिए तैयार किया गया है. अग्नि-5 की पहुंच चीन के हर इलाके तक है.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 20:16 IST
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