Saurabh and his brother-in-law built a colony on the pond land | सौरभ, उसके साले ने तालाब की जमीन पर बनाई कॉलोनी: सबसे करीबी शरद और चेतन ने किया खुलासा; 50 एकड़ में बने 193 आलीशान बंगले – Bhopal News

लोकायुक्त की टीम सौरभ, शरद और चेतन को गिरफ्तार कर अलग-अलग पूछताछ कर रही है।
परिवहन विभाग के कॉन्स्टेबल रहे सौरभ शर्मा के काले कारनामों का खुलासा उसके सबसे करीबी शरद और चेतन लोकायुक्त के चौथे दिन शनिवार को किया। शरद ने जानकारी दी कि, सौरभ के सहयोग से उसके साले रोहित तिवारी ने जबलपुर में बाल सागर तालाब की जमीन पर कॉलोनी काटी ह
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2023 को प्रशासन और नगर निगम का अमला इस कॉलोनी के मकानों को तोड़ने पहुंचा था। तब रोहित ने अपनी हाई प्रोफाइल अप्रोच का इस्तेमाल कर अमले को लौटा दिया था। बता दें कि, शरद और चेतन से सुबह 11 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक पूछताछ की गई।
हर 24 घंटे में तीनों का मेडिकल चेकअप कराया जा रहा है। गुरुवार को हमीदिया में मेडिकल के लिए लाए जाने के दौरान सौरभ शर्मा (काली टीशर्ट में)
चेतन बोला- गोल्डन कार का सिर्फ रजिस्ट्रेशन मेरे नाम
लोकायुक्त कार्यालय में चौथे दिन चेतन से भी पूछताछ की गई। हालांकि छुट्टी होने के कारण कार्यालय में केवल केस के विवेचक डीएसपी वीरेंद्र सिंह सहित उनकी टीम मौजूद रही। लाइन के 6 जवान बाहरी सुरक्षा में तैनात रहे।
साढ़े तीन घंटे की पूछताछ में चेतन और शरद को एक ही कमरे में रखा गया था। चेतन से मुख्य तौर पर मेंडोरी के जंगल में मिली कार से गोल्ड संबंध में पूछताछ की गई। चेतन ने बताया कि, इनोवा कार का रजिस्ट्रेशन केवल मेरे नाम था। इसे सौरभ खुद यूज करते थे।
इस कार को चलाने के लिए उनका एक प्राइवेट ड्राइवर था। कार में सोना मिलने के बाद से ही ड्राइवर अंडरग्राउंड है। चेतन के बताए नाम और पते के आधार पर लोकायुक्त इस इनोवा को चलाने ड्राइवर से पूछताछ करेगी।

लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा को इस तरह कोर्ट लेकर पहुंची थी।
चेतन बोला- मेरी बात ऐसे सही साबित हो सकती है
चेतन ने साफ तौर पर कहा कि, उसकी बात सही साबित हो सकती है, यदि कार में भरे जाने वाले पेट्रोल की बिलिंग उसके इंश्योरेंस रिन्यूवल का पेमेंट मोड चेक किया जाए। इससे साफ हो जाएगा कि कार का इस्तेमाल मैं नहीं सौरभ करता था। आगे चेतन ने बताया कि वह सौरभ का एक बेहद साधारण एम्पलाई है। जिस कार में गोल्ड मिला है। उसका 20 जनवरी 2020 को श्री तुलजा भवानी ऑटो नवगांव ग्वालियर से खरीदा गया था। कार खरीदने के लिए मेरे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। जबकि कार खरीदते समय सौरभ साथ थे। उन्होंने ही चेक के माध्यम से कार लेने के लिए डाउन पेमेंट किया था।
इस कार को टोयोटा फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड से फाइनेंस कराया गया था। इसकी ईएमआई मेरे अकाउंट से कटती थी, लेकिन ईएमआई की डेट से पहले मेरे अकाउंट में किश्त की रकम किस अकाउंट से आती थी, यह भी चेक किया जाए तो साफ हो जाएगा की कार मेरे नाम से रजिस्टर्ड तो थी लेकिन इस्तेमाल सौरभ ही करते थे।

शॉर्ट में जानिए सौरभ पर दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट
मैं उप पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय में पदस्थ हूं। सौरभ शर्मा सेवानिवृत्त आरक्षक म.प्र. परिवहन विभाग भोपाल के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन भोपाल में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत पर गोपनीय सत्यापन उपरांत सर्च कार्रवाई के दौरान 2,85,0000/- रुपए नगद 50,0000/- से ज्यादा के आभूषण 2,10,0000/- से ज्यादा की चांदी एवं कई करोड़ रुपए के वाहन और विलासितापूर्ण जीवन में उपयोग में आनेवाला सामान बरामद हुआ है।
अतिरिक्त मात्रा में अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं। जो अपराध क्रमांक 195/2024 धारा 13 (1) बी सहपठित 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) का अपराध की श्रेणी में आने पर अपराध सौरभ शर्मा पत्नी दिव्या शर्मा, मां उमा शर्मा, सहयोगी चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल पर पंजीबद्ध किया।
इनसे भी होगी पूछताछ
सौरभ की रिमांड खत्म होने के बाद लोकायुक्त उसके करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ करेगी। इसमें उसकी मां, पत्नी, मौसेरे जीजा, जबलपुर में रहने वाले साले सहित करीब 18 लोग शामिल हैं। इन सभी लोगों का अचल संपत्तियों से कनेक्शन जुड़ रहा है।
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भोपाल गेट के करीब लोकायुक्त कार्यालय में शनिवार को शरद और चेतन से साढ़े तीन घंटे पूछताछ की गई। हालांकि शनिवार होने के कारण लोकायुक्त कार्यालय में केवल डीएसपी वीरेंद्र सिंह और केस में सहयोग कर रही उनकी टीम मौजूद थी। प्रथम तल पर बने डीएसपी के चैम्बर में शरद और चेतन ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पढ़िए पूरी खबर।
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