Krishna Guruji Of Indore Celebrated Mahashivratri With The Message Of Joint Family – Amar Ujala Hindi News Live

संयुक्त परिवार नाहरवाला का किया सम्मान।
– फोटो : अमर उजाला
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इंदौर के आध्यात्मिक मानवसेवी कृष्णा मिश्रा गुरुजी त्योहारों को मानवीय संदेश के साथ मनाते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व को रुद्र पाठ ॐ नमः शिवाय की गूंज के साथ ‘संयुक्त परिवार संदेश’ के रूप में मनाया गया। विगत 6 वर्षों से कृष्णा गुरुजी इसी संदेश के साथ महाशिवरात्रि मनाते आ रहे हैं। इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर उज्जैन के संयुक्त परिवार नाहर वाला कार्तिक चौक का सम्मान किया गया, जिसमें 45 सदस्य शामिल रहे। यह सम्मान इंदौर से आए कृष्णा गुरुजी ने किया।
कृष्णा गुरुजी परिवार के मुखिया ओम प्रकाश शास्त्री नाहरवाला (84), माताजी पुष्पा देवी शास्त्री, पुत्र स्वप्निल शास्त्री नाहरवाला और दो महीने की बच्ची वेदिका को शिव परिवार संयुक्त परिवार की ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। सभी सदस्यों का तिरंगे केसरिया दुप्पटे से स्वागत किया गया।
विषमता के बाद भी शिव-परिवार देता है साथ रहने का संदेश
इंदौर से आए आध्यात्मिक कृष्णा गुरु ने बताया कि शिवजी का वाहन नंदी है, गले में सर्प है। वहीं, भगवान शिव के पुत्र गणेश का वाहन मूषक है। दूसरे पुत्र कार्तिकेय हैं, जिनका वाहन मोर है। इन सब बातों में चिंतन का विषय यह है कि नंदी, मूषक, सर्प और मोर एक साथ नहीं रह सकते फिर भी शिव दरबार में हम इनके एक साथ दर्शन करते हैं। इतनी विषमता के बाद भी शिव-परिवार एक साथ रहने का संदेश देता है, पर आज के समय मे थोड़े से मनमुटाव, स्वार्थ, अहंकार और गलत सलाह के कारण हम अपने ही परिवार से दूरी बना लेते हैं।
आज लें साथ रहने का संदेश
आइए आज महाशिवरात्रि के दिन एक महा-संकल्प लें की किसी भी परिस्थिति में मैं अपने परिवार से दूरी नहीं बनाऊंगा। तुझ में नारायण, मुझ में नारायण संदेश को शिरोधार्य कर अपने रिश्तों को और परिवार को सवारने की प्रतिज्ञा करें। इस दृढ़ संकल्प के लिए महाशिवरात्रि से अधिक उत्तम और कोई त्योहार नहीं हो सकता। अपने परिवार के साथ इस महाशिवरात्रि पर शिव परिवार की पूजा के साथ यह संकल्प आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि सामान्यतः हर त्योहार कुछ न कुछ संदेश देता है, जिससे समाज में वसुधैव कुटुंबकम की भावना जाग्रत की जा सकती है। कार्यक्रम की शुरुआत शिव तांडव से हुई जिसे अतुल तिवारीजी द्वारा गाया गया। गुरुजी ने ॐ नमः शिवाय गान और शिव ध्यान कराया।
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