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Rgpv Scam: More Than A Dozen Officers Suspected To Be Involved In Embezzlement, In-charge Vc Takes Charge – Amar Ujala Hindi News Live

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RGPV scam: More than a dozen officers suspected to be involved in embezzlement, in-charge VC takes charge

भोपाल आरजीपीवी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


 राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में करोड़ों रुपये के गबन के मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। मामले में विवि के एक दर्जन से अधिक अधिकारी-कर्मचारी लिप्त होने का शक है। चूंकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज होने पर उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी ही जांच कर सकते हैं। ऐसे में बैरागढ़ एसीपी अनिल शुक्ला को जांच अधिकारी बनाया गया है। 

प्रभारी कुलपति का कार्यभार संभाला

आरजीपीवी के कुलपति सुनील कुमार ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया था। गुरुवार को प्रभारी कुलपति का कार्यभार रूपम गुप्ता ने संभाल लिया है। रूपम गुप्ता कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्यौगिकी डिपार्टमेंट की एचओडी हैं। वहीं पुलिस ने जिन दस्तावेजों को आरजीपीवी से जांच के लिए मांगा है, वे सभी दस्तावेज अभी पुलिस को प्राप्त नहीं हो सके हैं। पुलिस अभी भी आरजीपीवी के अधिकारियों द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे जांच कर रही है।

पुलिस को अभी भ्रष्टाचार संबंधी दस्तावेज नहीं मिले

पुलिस को अभी तक गबन और भ्रष्टाचार संबंधी दस्तावेज नहीं मिले हैं, लेकिन अभी तक की जांच रिपोर्ट में विश्वविद्यालय के वित्त शाखा और कुछ अन्य विभाग के करीब एक दर्जन अधिकारी-कर्मचारी गबन के मामले में शामिल हैं। ये वे अधिकारी-कर्मचारी हैं, जिनके खिलाफ अभी मामला दर्ज नहीं है। पुलिस सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत अंदर तक हैं और जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, आरजीपीवी के कर्मचारी-अधिकारियों की संलिप्तता सामने आती जाएगी। सूत्रों की मानें तो अभी एक दर्जन और अधिकारी-कर्मचारी आरोपी बनाए जाएंगे। ज्ञात हो कि पुलिस ने कुलपति, रजिस्ट्रार, वित्त नियंत्रक सहित पांच को ही नामजद आरोपी बनाया है। 

जांच रिपोर्ट बनाने वाली कमेटी के भी बयान होंगे दर्ज

डीसीपी जोन-4 सुंदर सिंह कनेश ने बताया कि आरजीपीवी के अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट और एफआईआर का प्रतिवेदन बनाकर लाए थे, इसी आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। अब पुलिस जिन धाराओं में मामला दर्ज किया है, उससे संबंधित साक्ष्य एकत्रित करने क लिए पुलिस अब आरजीपीवी के उन अधिकारियों के बयान पहले दर्ज करेगी, जिन अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में गबन का मामला सामने आया है।

सभी बैंक खातों की पूरी जानकारी की तलब

आरजीपीवी के कर्मचारियों को वेतन देने संबंधी बैंक खाते को छोड़कर सभी बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं। पुलिस अब 19.48 करोड़ रुपये निजी खाते, 9 करोड़ से अधिक की राशि सोहागपुर की दलित संघ को प्रशिक्षण के नाम पर देने और 25-25 करोड़ की चार एफडी एक निजी बैंक में रखने संबंधी और अन्य आर्थिक अनियमितता संबंधी साक्ष्य जुटाने के लिए आरजीपीवी के सभी बैंक खातों की जानकारी मांगी है।

हटाने की तैयारी थी, इसलिए दिए इस्तीफा

जानकारों की मानें तो भ्रष्टाचार और गबन के मामले का खुलासा होने के बाद सरकार ने पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश देने के साथ कुलपति को हटाने की तैयारी कर ली थी। इसी कारण निवर्तमान कुलपति प्रो. सुनील कुमार छुट्टी से लौटते ही राजभवन जाकर बुधवार को इस्तीफा दे दिया था। अगर इस्तीफा नहीं देते तो पुलिस धारा 53 का उपयोग कर उन्हें हटाने की तैयारी कर रही थी। ज्ञात हो कि प्रो. सुनील कुमार का कार्यकाल जून 2025 में पूरा हो रहा था।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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