अजब गजब

रेगिस्तान की तपन में भी नहीं मानी हार, संघर्ष से भरी है इस महिला की कहानी, जिसे सुन छूट जाएगा पसीना

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मनमोहन सेजू/बाड़मेर:- कहते हैं कि राजस्थान के रेगिस्तान की गर्मी के बारे में सुनते ही पसीना आ जाता है. उसी रेगिस्तान में मई-जून की भरी दोपहरी में खुले आसमान तले घण्टों तक काम करना, कभी क्रूड ऑयल की तपन, तो कभी आंखों को धूल से भर देने वाले अंधड़ के बीच तेल खोज की जद्दोजहद के बारे में सोचकर ही हैरान हो जाएंगे. जिस वक्त रेगिस्तान के इलाके में मीलों दूर पानी नही था, उस वक्त पेट्रोलियम के कुएं खोजने का इतिहास रचने वाली एक नारी शक्ति आज बदलते रेगिस्तान की साक्षी बन रही है. हम बिहार मूल की लीड पेट्रोलियम इंजीनियर अर्पिता पांडे की बात कर रहे हैं.

अर्पिता ने अपनी इंजीनियरिंग बिहार के पटना से करने के बाद अपने सफर की शुरुआत पश्चिमी बंगाल के रानीगंज से की. साल 2012 से 2014 तक वहां काम करने के बाद साल 2015 में केयर्न इंडिया में बाड़मेर को इनकी कर्मभूमि बनाया गया. यह वह साल था, जब रेगिस्तान में पेट्रोलियम की खोज को महज 20 साल हुए थे और उस समय पेट्रोलियम इंजीनियर के पद पर महिलाएं ना के बराबर थी. लगातार 4 साल तक अर्पिता को हार्डकोर फील्ड पोस्टिंग मिली.

चुनौती भरा रहा सफर
अपने समय को याद करते हुए अर्पिता बताती हैं कि सच में चुनौती क्या होती है, उस समय पता चला. बिहार से बंगाल, बंगाल से बाड़मेर तक की कर्मभूमि में सबसे ज्यादा चुनौती यहीं नजर आई. एक तो अपने आसपास किसी महिला साथी की कमी, दूसरा विपरीत कुदरती हालात काम को और ज्यादा चुनौतिपूर्ण बना रहे थे. अर्पिता बताती हैं कि खुशी इस बात की रही कि साल 2020 आते-आते उनके साथ कई महिला इंजीनियर काम कर रही हैं. आज केयर्न वेदांता के साथ काम करते हुए उन्होंने ना केवल बदलते बाड़मेर को देखा है, बल्कि वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के उस विजन को धरातल पर उतरते देखा है, जिसका आधार ही महिला सशक्तिकरण है.

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पिता, फिर पति और बेटी बने ताकत
अर्पिता पांडे बताती हैं कि उनके सफर के आधार जहां उनके पिता सुभाष पांडे रहे, वहीं अब उनकी ताकत उनके पति राहुल रॉय और बिटिया मिहिरा हैं. अर्पिता बताती हैं कि नारी ना केवल खुद का, बल्कि समाज के बदलाव की कहानी लिख सकती है. नारी ही वह शक्ति है, जो एक नहीं सात पीढ़ियों को बदलने की ताकत रखती हैं.

Tags: Barmer news, International Women Day, Local18, Rajasthan news

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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