OPS रैली से पहले सरकार का कर्मचारियों को अल्टीमेटम, विरोध-हड़ताल किया तो….

हाइलाइट्स
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को दी सख्त हिदायत
ओपीएस बहाली रैली से पहले कर्मचारियों को मिला अल्टीमेटम
सरकार ने कहा- विरोध या हड़ताल में हुए शामिल तो होगी कार्रवाई
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को आगाह किया है कि वे किसी भी विरोध या हड़ताल में शामिल न हों, अन्यथा उन्हें ‘परिणाम’ भुगतने होंगे. नेशनल ज्वॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन की ओर से मंगलवार को ‘ज्वाइंट फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम’ के बैनर तले देशभर में जिला स्तरीय रैलियां आयोजित करने की योजना के मद्देनजर यह चेतावनी दी गई है.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को सोमवार को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए गए. ये दिशानिर्देश सरकारी कर्मचारियों को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने, काम रोकने सहित किसी भी प्रकार की हड़ताल में भाग लेने या ऐसी कार्रवाई पर रोक लगाता है, जो सीसीएस (आचरण) नियम, 1964 के नियम-7 का उल्लंघन है.
विरोध-प्रदर्शन को लेकर सख्त निर्देश
आदेश में कहा गया है, ‘कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का अधिकार देने वाला कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है. सर्वोच्च न्यायालय ने भी कई निर्णयों में सहमति व्यक्त की है कि हड़ताल पर जाना आचार-व्यवहार नियमों के तहत एक गंभीर कदाचार है और सरकारी कर्मचारियों के कदाचार से कानून के अनुसार निपटने की आवश्यकता है.’ आदेश के अनुसार, विरोध-प्रदर्शन सहित किसी भी तरह की हड़ताल पर जाने वाले किसी भी कर्मचारी को इसके परिणाम भुगतने होंगे, जिसमें वेतन में कटौती के अलावा उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शामिल हो सकती है.
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आदेश में कहा गया है कि अगर कर्मचारी धरना/विरोध/हड़ताल पर जाते हैं, तो प्रस्तावित धरना/विरोध/हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों की संख्या को इंगित करते हुए एक रिपोर्ट डीओपीटी को शाम को दी जा सकती है.
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Tags: Modi government, Pension scheme, Strike
FIRST PUBLISHED : March 21, 2023, 19:00 IST
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