क्या आप भी यही जानते हैं कि पहली ट्रेन मुंबई से थाणे के बीच चली! तो कर लें अपने को अपडेट, जानें सही जवाब

Railway knowledge. अगर आपसे कोई पूछता है कि देश में पहली ट्रेन कहां चली तो लगभग सभी का यही जवाब होता है कि बंबई (अब मुंबई) से थाणे के बीच चली, आपका जवाब गलत हो सकता है! हालांकि भारतीय रेलवे भी बंबई से थाणे के बीच पहली ट्रेन मानता है, लेकिन लंदन से प्रकाशित एक किताब के अनुसार बंबई और थाणे से पहले देश में ट्रेन चल चुकी थी और यह ट्रेन कुछ दिन नहीं करीब एक साल तक चली है. आइए जानते हैं कि पहली ट्रेन किस राज्य में चली और इसका चलाने का उद्देश्य क्या था?
मौजूदा समय देश में प्रीमियम, मेल और एक्सप्रेस 2122 ट्रेन और 2852 पैंसेजर ट्रेनों का संचालन हो रहा है. वहीं, रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई 108.706 किलोमीटर है. इसमे 86,526 किलोमीटर ब्रॉडगैज, 18,529 किमी. मीटर गैज और नैरोगैज है. ट्रेनों से रोजाना 1.80 करोड़ लोग यात्रा करते हैं.
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अब बात करते हैं कि देश में चली पहली ट्रेन की, आर गुप्ता की किताब ‘भारतीय रेलवे’ के अनुसार आईआईटी रुड़की लाइब्रेरी में उपलब्ध लंदन के प्रकाशन संस्थान ‘स्मिथ एंड एंडरसन’ द्वारा प्रकाशित किताब ‘द रिपोर्ट ऑन गंगा कैनाल’ के अनुसार गंगानहर के निर्माण सामग्री ढुलाई के लिए रुड़की व पीरान कलियर के मध्य 22 दिसंबर 1851 से सितंबर 1852 के मध्य पहली ट्रेन देश में चलाई गयी थी. हालांकि यह गुड्स ट्रेन ही थी, यानी केवल ढुलाई के लिए कुछ समय के लिए ही चलाई गयी थी. इसलिए अगर केवल ट्रेन की बात की जाए तो यही पहली ट्रेन होगी और अगर पैसेंजर ट्रेन की बात की जाए तो जरूर मुंबई से थाणे के बीच पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1953 को चली थी, जिसने केवल 34 किमी. की दूरी तय की थी.
मौजूदा समय करीब 73 हजार कुल कोच
मौजूदा प्रीमियम ट्रेनों के अलावा मेल, एक्सप्रेस और पसेंजर में कुल कोचों की संख्या 68534 है. इसमें नॉन एसी स्लीपर और जनरल कोच 44946 हैं, जबकि एसी कोचों की संख्या 23588 हैं. इनके अलावा सबअर्बन यानी लोकल ट्रेनों के कोचों की संख्या करीब 5000 है. इस तरह दो तिहाई कोच नॉन एसी हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 16:54 IST
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