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प्रदूषण से हो रहे हो बीमार? दिल्‍ली के RML अस्‍पताल में खुला पॉल्‍यूशन क्‍लीनिक, हफ्ते में इस दिन कराएं इलाज

दिल्‍ली-एनसीआर में प्रदूषण ने हाहाकार मचा दिया है. 400 पार पहुंचे एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स ने लोगों की सांसों में धुआं सा भर दिया है. सांस लेने में हो रही दिक्‍कतों के अलावा लोगों को आंखों में जलन का अहसास होने लगा है. हालांकि प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के लिए दिल्‍ली के राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल ने प्रभावी कदम उठाया है. आरएमएल में प्रदूषण संबंधी बीमारियों के लिए स्‍पेशल क्‍लीनिक शुरू किया गया है.

प्रदूषण जनित रोग निवारण केंद्र नाम से खोले गए इस क्‍लीनिक में मरीज हफ्ते में एक दिन सोमवार को दिखा सकेंगे. यह क्‍लीनिक अस्‍पताल की ग्राउंड फ्लोर पर ही लगने वाली ओपीडी के रूम नंबर एक से 5 में, दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक चलेगा. यहां न केवल मरीजों को इलाज मिलेगा, बल्कि वे प्रदूषण में कैसे खुद की देखभाल करें, इसकी भी जानकारी दी जाएगी.

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यह क्‍लीनिक फिलहाल सिर्फ सोमवार को खुला रहेगा.

इस बारे में आरएमएल अस्‍पताल में डिपार्टमेंट ऑफ रेस्पिरेटरी मेडिसिन के एचओडी और क्‍लीनिक इंचार्ज डॉ. अमित सूरी ने बताया कि आरएमएल दिल्‍ली का पहला अस्‍पताल है जहां प्रदूषण को लेकर स्‍पेशल क्‍लीनिक चलाया जा रहा है. यहां प्रदूषण की वजह से बीमार होने वाले मरीज इलाज के लिए आ सकते हैं. जो लोग पहले से सांस, अस्‍थमा, फेफड़े या अन्‍य किसी रेस्पिरेटरी डिजीज से जूझ रहे हैं और प्रदूषण के चलते उनकी बीमारी बढ़ गई है, वे मरीज भी इस क्‍लीनिक में दिखा सकते हैं.

बैठेंगे 5 विभागों के डॉक्‍टर
डॉ. सूरी ने बताया कि इस पॉल्‍यूशन रिलेटेड इलनेसेज क्‍लीनिक में पांच विभागों के डॉक्‍टर बैठेंगे. इनमें रेस्पिरेटरी, स्किन स्‍पेशलिस्‍ट, आई स्‍पेशलिस्‍ट, ईएनटी और साइकेट्रिस्‍ट शामिल हैं. आमतौर पर प्रदूषण की वजह से इन्‍हीं से संबंधित बीमारियां होती हैं. हालांकि अगर किसी मरीज में इनसे भी अलग डायबिटीज, हाइपरटेंशन या अन्‍य कोई बीमारी सामने आती है तो उस बीमारी से जुड़े डॉक्‍टर को तत्‍काल ऑन कॉल बुलाया जाएगा.

बढ़ेंगी सुविधाएं और समय
डॉ. अमित कहते हैं कि अभी इस क्‍लीनिक को शुरू ही किया गया है. अगर प्रदूषण की वजह से आने वाले मरीजों की संख्‍या बढ़ती है तो इसमें डॉक्‍टरों की संख्‍या से लेकर क्‍लीनिक का समय और दिन भी बढ़ाए जा सकते हैं.

एक ही छत के नीचे इलाज और दवा
इस क्‍लीनिक को शुरू करने का उद्धेश्‍य ही यही है कि प्रदूषण की वजह से जो भी दिक्‍कतें हो रही हैं, उन सभी का इलाज एक ही जगह पर बैठे एक्‍सपर्ट कर दें. इसके अलावा जो भी दवाएं लिखी जाएंगी वे अस्‍पताल की निशुल्‍क फार्मेसी से मिल जाएंगी. यह क्‍लीनिक दिल्‍ली में प्रदूषण स्‍तर के बने रहने तक चलाने की योजना है.

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Tags: Air pollution, Delhi Hospital, Delhi pollution


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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