अजब गजब

विपक्ष का तंज मोदी के लिए बन गया जीत का मंत्र, ‘चौकीदार’ से 350, ‘परिवार’ से 400 पार ?

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विपक्ष का तंज पीएम मोदी के लिए बना जीत का मंत्र

 

बिहार में रविवार को पटना में आयोजित रैली जिसमें महागठबंधन से सभी दलों के नेता शामिल हुए थे। वहां मंच से राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पीएम मोदी और उनके परिवार को लेकर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। उनके इस बयान पर देश भर में भाजपा समर्थकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी तो वहीं पीएम के समर्थक और भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल में ‘मैं हूं मोदी का परिवार’ लिखने लगे। धीरे-धीरे ‘मैं हूं मोदी का परिवार’ सोशल मीडिया की ट्रेंडिंग लिस्ट में शामिल हो गया और #ModiKaParivar ट्रेंड कर रहा है। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी नेता संबित पात्रा, अनुराग ठाकुर, पीयूष गोयल जैसे तमाम नेताओं और पीएम मोदी को देशभर में पसंद करने वाले लोगों ने अपने एक्स बायो में बदलाव किया और तमाम लोगों ने अपने नाम के आगे लिखा है ‘मोदी का परिवार।’

पीएम मोदी ने कहा-करोड़ों लोगों का है परिवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तेलंगाना के अदिलाबाद में आयोजित जनसभा में भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और मंच से साफ कर दिया कि देश की 140 करोड़ आबादी ही उनका परिवार है। उन्होंने कहा कि देश की करोड़ों बेटियां-माताएं-बहनें यही मोदी का परिवार हैं। देश का हर गरीब मेरा परिवार है, जिसका कोई नहीं है, वो भी मोदी के हैं और मोदी उनका है। मोदी के इस बयान पर प्रोफाइल पर लिख रहे हैं ‘मैं हूं मोदी का परिवार’.

बीजेपी ने इस स्लोगन को अब एक कैंपेन बना दिया है, जैसा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘मैं भी चौकीदार’ को पार्टी ने कैंपेन बना लिया था। पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं ने एक कैंपेन चलाया था और बार-बार चुनावी मंचों से ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लग रहे थे, जिसके जवाब में सोशल मीडिया पर मोदी के चाहने वाले ‘मैं भी चौकीदार’ लिखने लगे थे और तब पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान यह नारा बीजेपी की नेताओं की जुबान पर था।

विपक्ष ने कसा तंज, पीएम मोदी के लिए बन गया जीत का मंत्र

2007- “मैं भी मोदी” फेमस मोदी मास्क. को सोनिया गांधी के मौत के सौदागर वाले स्टेटमेंट को जोड़ कर मोदी ने पूरा चुनाव खुद पर केंद्रित कर गुजरात का पूरा चुनाव ही बदल दिया था।उस समय मोदी पहली बार anti-incumbency का सामना कर रहे थे और केशुभाई पटेल का विरोध भी चरम सीमा पर था।

2012–“जीतेगा गुजरात” केंद्र सरकार द्वारा गुजरात के साथ हो रहे अन्याय को मुद्दा बनाया और एक साइलेंट कैम्पेन चलाया कि यदि मोदी जीता तो अगला प्रधानमंत्री वही होगा।

 2014- चायवाला, कपिल सिब्बल का एक बयान और मोदी ने लांच कर जिआ “चाय पर चर्चा” जिसके बाद बहुमत से जीते मोदी और भाजपा।  

2017 – हूँ छू विकास (Won Gujarat against all odds) गुजरात में जातिगत आंदोलन अपने पीक पर थे जिसके वजह से सरकार की किरकिरी हो रही थी। परसेप्शन लो पॉइंट पर था। ऐसे में आंदोलनकरी युवा नेताओं ने एक कैम्पेन चलाया “विकास गांडो थयो छे” यानी गुजरातियों को विकास की झूठी तस्वीर दिखाई जा रही है।15 साल बाद पहली बार मोदी की गैरमौजूदगी में लड़े गए चुनावों में मोदी ने एक बार फिर हूँ छू विकास कैम्पेन के ज़रिये गुजरात की ग्रोथ स्टोरी को इमोशनल ट्विस्ट देते हुए अपने चेहरे के साथ गुजरात के आम नागरिक को जोड़ा और राज्य में लगातार पांचवी बार BJP की सरकार बनवाई।

2019 – मैं भी चौकीदार  कैम्पेन ने ट्विटर पर रीच के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। ये ट्विटर (@X) पर चलने वाला सबसे बड़ा zero promotion Self generated वायरल कैम्पेन था और भाजपा को 300 वोट मिले थे।

2024 – मोदी का परिवार ( अब क्या लगता 400 या 450) बीजेपी जल्द ही लांच करेगी मोदी का परिवार का लोगो। मैं भी चौकीदार की तर्ज़ पर ही सोशल मिडिया टूल्स के ज़रिये इसे आगे बढ़ाया जायेगा। इसके अलावा मोदी का परिवार के लिए कई फ़्लैश इवेंट्स भी प्लान किए जा रहे हैं।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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