वरुण जयपुरिया ने फैमिली बिजनेस को पहुंचाया 2 लाख करोड़ तक, दिल्ली में खरीदा 120 करोड़ का फार्महाउस – Varun Jaipuria PepsiCo India bottler director net worth Ravi Jaipuria VBL

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वरुण जयपुरिया, वरुण बेवरेजेज लिमिटेड के प्रमोटर और फुल-टाइम डायरेक्टर हैं. 2023 में उनकी कंपनी VBL को पेप्सिको का “बॉटलर ऑफ द ईयर” अवार्ड मिला. उनकी कंपनी भारत में पेप्सिको के सभी प्रोडक्ट्स के लिए बॉटलिंग करती…और पढ़ें
वरुण जयपुरिया.
Success story: पेप्सी, माउंटेन ड्यू, 7अप, स्टिंग (एनर्जी ड्रिंक), मिरिंडा, स्लाइस, ट्रॉपिकाना, एक्वाफिना (बोतलबंद पानी). इन सबमें से आपने कभी न कभी किसी ड्रिंक को तो पीया ही होगा. ये सारे पेप्सीको (PepsiCo) के उत्पाद हैं. लेकिन, इन सबको जिस बोलत में आप खरीदते हैं, उसे बनाने वाली एक अलग कंपनी है. उस कंपनी की बागडोर एक युवा के हाथ में है, जिसका नाम है वरुण जयपुरिया. आज की कहानी वरुण जयपुरिका की सफलता की कहानी है. हालांकि, वरुण ने कंपनी स्थापित नहीं की, मगर उसे ऊंचाई तक पहुंचाने का पूरा श्रेय उन्हें ही जाता है.
वरुण जयपुरिया फिलहाल वरुण बेवरेजेज लिमिटेड (VBL) के प्रमोटर और कार्यकारी उपाध्यक्ष हैं. यह कंपनी भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड है. कंपनी का मुख्य काम बॉटलिंग का है. मतलब वीबीएल, पेप्सीको के उत्पादों के लिए बोलत बनाने का काम करती है. वीबीएल का बाजार पूंजीकरण 1.93 लाख करोड़ (1,92,086.68) रुपये है. दिसंबर 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, वरुण जयपुरिया के पास कंपनी के 15.40 प्रतिशत शेयर हैं. इस हिसाब से उनकी नेट वर्थ लगभग 28,000 करोड़ रुपये है.
अपने पिता रवि कांत जयपुरिया ने वरुण को 2009 में कंपनी की कमान सौंपी. वरुण ने इसे भारत की सबसे बड़ी पेप्सिको बॉटलर कंपनी बना दिया. उनकी स्ट्रैटेजी और नेतृत्व क्षमता ने कंपनी को 2023 में पेप्सिको का “बॉटलर ऑफ द ईयर” अवार्ड दिलवाया. वरुण ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से लीडरशिप प्रोग्राम पूरा किया है और उन्हें 36 साल की उम्र में “BT-PwC इंडिया’स बेस्ट CEO” का खिताब मिला. वरुण की कहानी सिर्फ एक बिजसनेमैन की नहीं है, बल्कि एक युवा लीडर की है, जिसने अपनी मेहनत और समझदारी से एक विरासत को और भी बड़ा और बलवान बना दिया.
बिजनेस तो ब्लड में था..
वरुण जयपुरिया का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां बिजनेस खून में बहता है. उनके पिता रवि कांत जयपुरिया आरजे कॉर्प (RJ Corp) के संस्थापक हैं, जो पेप्सिको, केएफसी, पिज़्ज़ा हट जैसे ब्रांड्स के साथ काम करती है. वरुण ने इंग्लैंड के मिलफील्ड स्कूल से पढ़ाई की और लंदन के रीजेंट्स यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल बिजनेस में डिग्री हासिल की. बाद में उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से लीडरशिप प्रोग्राम भी पूरा किया. बता दें कि रवि कांत जयपुरिया के 16.70 फीसदी शेयर हैं. 25.69 फीसदी शेयर्स पर आरजे कॉर्प का कंट्रोल है.
बिजनेस की दुनिया का सफरनामा
2009 में जब उनकी उम्र महज 22 साल की थी, तब वरुण ने वरुण बेवरेजेज लिमिटेड (VBL) में काम शुरू किया. उन्होंने श्रीलंका में कंपनी के एक नए अधिग्रहण को संभाला और वहां के बिजनेस को गहराई से समझा. धीरे-धीरे, उन्होंने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उनके नेतृत्व में, VBL ने पेप्सिको के साथ मिलकर भारत में 90 फीसदी से अधिक बेवरेज सेल्स का रिकॉर्ड बनाया.
2023 में, VBL को पेप्सिको का “बॉटलर ऑफ द ईयर” अवार्ड मिला. यह अवार्ड कंपनी की ऑपरेशनल एक्सीलेंस, गवर्नेंस प्रैक्टिसेज और सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव्स को मान्यता देता है. वरुण ने कंपनी के लिए 7,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है, ताकि भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत कर सकें.
120 करोड़ रुपये में खरीदा फॉर्महाउस
Zapkey.com के अनुसार, अमेरिका के बाहर दुनिया में पेप्सिको की सबसे बड़ी फ्रेंचाइजी में से एक वरुण बेवरेजेज के होल-टाइम डायरेक्टर वरुण जयपुरिया ने दिल्ली के वेस्टेंड ग्रीन में 120 करोड़ रुपये में 2.5 एकड़ का एक बड़ा फार्महाउस खरीदा. पूरे मीडिया में इस खबर की रिपोर्टिंग हुई. बताया गया कि इस सौदे की रजिस्ट्री 20 जून को हुई, जिससे यह दिल्ली में मूल्य के लिहाज से सबसे बड़े सौदों में से एक बन गया. यह संपत्ति ज्वैलर्स मनोज कुमार समदरिया और सरला जैन की थी.
भविष्य में क्या है वरुण की योजना?
वरुण बेवरेजेस लिमिटेड (VBL) अपने विस्तार और विकास योजनाओं पर तेजी से काम कर रहा है. कंपनी ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश (गोरखपुर), ओडिशा (खुर्दा) और कांगो (DRC) में नए प्लांट स्थापित किए हैं, जिससे भारत में 2022 की तुलना में 45% अधिक उत्पादन क्षमता होगी. VBL अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर भी ध्यान दे रहा है और अफ्रीकी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए घाना में पेप्सी बॉटलिंग यूनिट का अधिग्रहण कर रहा है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
February 06, 2025, 13:55 IST
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