अजब गजब

इस मारवाड़ी ने हिला दिया पारले-जी का टिका-टिकाया धंधा, बना दी अरबों की कंपनी, हीरोइनें बेचती हैं इनके बिस्किट

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Success Story : शायद ही कोई भारतीय होगा, जिसने पारले-जी बिस्किट का स्वाद न चखा हो. घर-घर में, स्कूलों में, चाय की दुकानों पर, बड़े रेस्टोरेंट्स में और यहां तक कि होटल में भी पारले-जी के बिस्किट मिलते हैं. जब चारों तरफ पारले-जी की हवा हो, ऐसे में बिस्किट की एक नई कंपनी आ जाए और बाजार पर कब्जा जमाना शुरू कर दे तो मानना पड़ेगा कि उसके मालिक ने पैकेट में जरूर कुछ खास और स्वादिष्ट परोसा होगा. यदि हम आपसे पूछें कि पारले-जी के अलावा किसी दूसरे बिस्किट का नाम बताओ… तो आपकी जुबां शायद वही नाम आएगा, जिसकी कहानी से आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं. बल्लभ प्रसाद अग्रवाल ने बिस्किट में ऐसा स्वाद डाल दिया कि पारले-जी को भी पसीने आ गए होंगे.

बल्लभ प्रसाद अग्रवाल मारवाड़ी परिवार से आते थे. जाहिर है बिजनेस की समझ तो उनकी रग-रग में थी. परिवार कोलकाता में तेल का बिजनेस करता था, मगर बल्लभ प्रसाद अग्रवाल उस बिजनेस को काफी नहीं समझते थे. फिर उन्होंने कुछ अलग किया और दुनिया को मिला नया बिस्किट ब्रांड – प्रियागोल्ड (Priyagold). आज की कहानी के मुख्य पात्र वी.पी अग्रवाल और प्रियागोल्ड बिस्किट हैं.

Ballabh Agrawal Priyagold

वी.पी अग्रवाल का परिवार नारियल के तेल का उत्पादन करता था. बात 1967 की है, जब बल्लभ ने पहली बार उसी तेल से एक बिस्किट बनाया. उस बिस्किट का नाम रखा गया ‘प्रिया’. उसके कुछ समय बाद बल्लभ प्रसाद अग्रवाल ने कुछ ऐसा चक्का घुमाया कि परिवार और मित्रगण चकित रह गए.

गोल्ड-सा खरा था बिस्किट, सुपीरियर स्वाद
उनका परिवार चाहता था कि वे भी तेल के धंधे में आएं, मगर बल्लभ प्रसाद अग्रवाल ने बिस्किट के बिजनेस को ही अपना मुख्य काम बना लिया. वे दिल्ली की जड़ में अथवा नोएडा (उत्तर प्रदेश) शिफ्ट हो गए. बिजनेस चलाने के लिए पैसे की जरूरत थी. उन्होंने बैंक का रुख किया और 25 लाख रुपये का लोन लिया. अब जगह भी थी और पैसा भी. बल्लभ प्रसाद ने ऐसा बिस्किट बनाया, जो सोने जैसा खरा था और स्वाद में काफी अलग और बेहतर.

1994 में उन्होंने अपनी कंपनी का नाम रखा सूर्या फूड्स (Surya Foods) और कंपनी के उत्पाद (बिस्किट) का नाम था प्रियागोल्ड (Priyagold). वे चाहते थे कि बहुत अच्छी क्वालिटी के बिस्किट को कम दाम में बेचा जाए. बल्लभ प्रसाद अग्रवाल ने इसके कुछ ही समय बाद प्रियागोल्ड बटर बाइट (Priyagold Butter Bite) बिस्किट उतारा. इस बिस्किट की टैगलाइन रखी- हक से मांगो. तभी से बिस्किट के साथ-साथ यह टैगलाइन भी लोगों की जुबां पर है.

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हिला दिया 55 बरसों से खड़ा साम्राज्य
धंधे के खिलाड़ी बल्लभ प्रसाद अग्रवाल क्वालिटी और स्वाद से तो समझौता करना चाहते ही नहीं थे. यही दो चीजें थी, जिन पर काम करके वे पारले-जी का 55 बरस से जमे साम्राज्य को हिला देना चाहते थे. और कहा जा सकता है कि उन्होंने हिला भी दिया. फिलहाल प्रियागोल्ड 3000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाला एक तगड़ा ब्रांड है.

प्रियागोल्ड बटर बाइट का स्वाद तो सब चख चुके थे. केवल एक बिस्किट के भरोसे कंपनी का विस्तार संभव नहीं था. ऐसे में बल्लभ प्रसाद अग्रवाल ने अपने प्रोजेक्ट का विस्तार करते हुए ग्रेटर नोएडा की तरफ शिफ्ट किया और CNC और ज़िग-ज़ैग साल्टी (Zig Zag Salty) बिस्किट पेश किए. ये बिस्किट मुख्य तौर पर स्नैक्स पसंद करने वाले लोगों के लिए थे. बिजनेस को बारीकी से समझने वाले अग्रवाल को कुछ समय बाद महसूस हुआ कि कुछ तो गड़बड़ हो रही है, जो लोग इन्हें पसंद नहीं कर रहे थे.

चल गया प्रिया तेंदुलकर का जादू
दरअसल बल्लभ प्रसाद अग्रवाल ने महसूस किया कि क्वालिटी अच्छी है, स्वाद में कोई कमी नहीं है, मगर मार्केटिंग पक्ष कमजोर पड़ रहा है. इसके बाद उन्होंने अभिनेत्री प्रिया तेंदुलकर को साइन किया और विज्ञापन जारी किए. विज्ञापन में प्रिया एक हाउसवाइफ रजनी बनी हैं और अपने परिवार के लिए हक से ‘प्रियागोल्ड’ बिस्टिक मांगती हुई दिखीं. दुकानदार कोई भी बिस्किट दे तो उसे अपने अधिकारों का हवाला देते हुए एक खास कंपनी के बिस्किट मांगे जा सकते हैं. यही संदेश लोगों तक पहुंचा और विज्ञापन हिट हो गया. नीचे विज्ञापन का वीडियो है-

केवल विज्ञापन ही नहीं, विज्ञापन के साथ-साथ प्रियागोल्ड बटर बाइट, सीएनसी और ज़िग-ज़ैग साल्टी की सेल में अच्छी-खासी वृद्धि हो गई. 2008 तक, सूर्या फूड्स की बिक्री 400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी. इसमें प्रियागोल्ड बिस्किट की सेल से ही 90 प्रतिशत रेवेन्यू आ रहा था. बाजार में 12 प्रतिशत शेयर हासिल कर चुका प्रियागोल्ड बिस्किट, ब्रिटेनिया, पारले जी, और नए खिलाड़ी आई.टी.सी की नाक में दम कर रहा था. अभी गेम खत्म नहीं हुआ था. बल्लभ प्रसाद अग्रवाल को तभी बिजनेस में एक और कमी नजर आई.

साउथ इंडिया में कैसे पहुंचा प्रियागोल्ड
यहां बल्लभ प्रसाद अग्रवाल ने देखा कि प्रियागोल्ड केवल दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोगों का बिस्किट बनकर रह गया था. थोड़ा और फैलाव मिला लें तो अधिकतम उत्तर भारत. बल्लभ चाहते कि बिस्किट दक्षिण भारत में भी पहुंचे. ऐसा करके ही बिक्री को और अधिक बढ़ाया जा सकता था.

इसी सोच के साथ बल्लभ अग्रवाल ने 3500 वितरकों और 125 सुपर स्टॉकिस्ट बना दिए. अपना मार्केटिंग का बजट भी डबल करके 15 करोड़ कर दिया. इतने पैसे में उस समय सिल्वर स्क्रीन का महशूर चेहरा ब्रांड एंबेसडर के तौर पर उनके साथ जुड़ा. नाम था – करिश्मा कपूर. इसके बाद एक बार फिर से बेहतर परिणाम देखने को मिला.

2023 में 3000 करोड़ की सेल
सूर्या फूड्स ने कुछ ही समय में स्नैकर चोको वैफर्स (Snakker Choco Waffers) उतारा. यह साउथ इंडिया में मशहूर प्रोडक्ट – ड्यूक (Duke) को टक्कत देने के लिए था. बल्लभ अग्रवाल ने अपना पांचवां प्लांट ग्वालियर में लगाया. यहां से 2016 में चोको चेकर्स, जीरा बिस्किट, और मैंगो कैंडीज़ को बाजार में उतारा गया. अब यह कंपनी 1000 करोड़ रुपये का ब्रांड बन चुका था. लेटेस्ट विज्ञापन –

2023 के उपलब्ध डेटा के आधार पर सूर्या फूड्स ने 3000 करोड़ रुपये की सेल को छू लिया. कंपनी के पास कई शानदार उत्पाद हैं. अब उनकी ब्रांड एंबेसडर इस समय की मशहूर अभिनेत्री कियारा अडवाणी हैं. हालांकि 72 वर्ष की आयु में प्रियागोल्ड के जनक बल्लभ प्रसाद अग्रवाल दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन वे ऐसा स्वाद छोड़ गए, जो अमिट है.

Tags: Business news, Business news in hindi, Success Story, Success tips and tricks, Successful business leaders

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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