अजब गजब

कभी छत से टपका था पानी, महिला ने 10 हजार लोन लेकर शुरू किया बिजनेस.. खड़ी दी फैक्ट्री, अब 25 लाख का टर्नओवर

दीपक कुमार/बांका. काम कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है. बस इसे शिद्दत से करने की जरूरत होती है. यही कर के दिखाया है बांका की रहने वाली महिला शबीना खातून ने. शबीना विवाह कर जब अपने ससुराल पहुंची तो घर की खराब आर्थिक स्थति से जूझना पड़ा. बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता था और कई रातें जागकर गुजारना पड़ी. लेकिन हिम्मत नहीं हारी और पारिवारिक स्थिति को सुधारने के बारे में सोचती रही. तब किसी तरह जीविका के समूह लीडर से मुलाकात हुई तो मानो इनको संजीवनी मिल गई. इनके आर्थिक हालात को सुधरने के लिए जीविका ने हाथ बढ़ाया और रोजगार शुरू करने के लिए लोन मुहैया कराया.

लोन लेकर शबीना खातून ने छोटे स्तर पर बिस्कुट बनाकर बिक्री करने का काम शुरू किया. सबीना का यह धंधा चल निकला. आलम यह है कि 10 हजार से धंधा शुरू करने वाली सबीना के बिस्कुट फैक्ट्री का सालाना टर्नओवर 25 लाख तक पहुंच गया है. शबीना खातून ने बताया कि शादी के बाद जब ससुराल पहुंची तो काफी कठिनाई झेलनी पड़ी. आर्थिक हालात सही नहीं रहने के चलते कभी-कभी खाने के भी लाले पड़ जाते थे. इससे उबरने के लिए लगातार सोचती रहती थी.

अब खड़ी कर दी फैक्ट्री
एक दिन जीविका के समूह लीडर से मुलाकात हो गई तो उन्हें घर की हालत से अवगत कराया. उन्होंने मदद करने का भरोसा दिया. कुछ दिन बाद ही जीविका से 10 हजार लोन मिल गया. इसके बाद बिस्कुट बनाने का काम शुरू कर दिया. शुरूआत में तो आस-पड़ोस में भी बिस्कुट बेचने के लिए मशक्कत करनी पड़ती थी. जब बिस्कुट की बिक्री ठीक-ठाक होने लगी तो जीविका से दोबारा 30 हजार का लोन लिया. इस राशि की मदद से बड़ी भट्ठी बनाकर बिस्कुट बनाने लगी. इस राशि को चुकाने के बाद एक लाख लोन लिया. इस राशि से फैक्ट्री बनाई और बड़े पैमाने पर बिस्कुट बनाने लगे. बिस्कुट निर्माण के कार्य को बड़े पैमाने पर करने के लिए 2022 में उद्यमी महिला योजना से 10 लाख का लोन लिया. इस राशि से डिजिटल मशीन लगवाई. अब रोजाना 20 से 25 हजार बिस्कुट, पॉव रोटी, केक आदि बना रहे हैं.

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सालाना 25 लाख का टर्नओवर
शबीना खातून ने बताया कि बिस्कुट निर्माण कार्य को बड़े स्तर पर ले जाने का मन में प्लान चल रहा था. इसके लिए लेटेस्ट मशीन की जरूरत थी. 2022 में एक बार फिर महिला उद्यमी योजना से 10 लाख का लोन लिया. इस राशि से डिजिटल मशीन लगवाकर अब रोजाना 20 से 25 हजार बिस्कुट रोजाना तैयार कर बाजार में सप्लाई कर रहे हैं. 10 हजार से शुरू हुआ यह धंधा कब 25 लाख तक का सालाना टर्नओवर वाला बन गया पता भी नहीं चला. इस बिस्कुट फैक्ट्री में 25 लोगों को रोजगार भी मिला है. यहां तैयार होने वाला बिस्कुट, पाव रोटी और केक की क्वालिटी काफी अच्छी है. सारा आइटम आस-पास के बाजार में ही खप जाता है.

Tags: Banka News, Bihar News, Business ideas, Food, Local18


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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