दुर्गा पूजा घूमने के लिए मां ने दिए थे ₹4000, 12वीं पास बेटी ने लगाया ऐसा दिमाग, अब हर महीने आ रहे 1 लाख

रांची. कहते हैं अगर हौसले बुलंद हों तो मुश्किलें भी छोटी लगने लगती हैं. यह बात झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली झूमा चक्रवर्ती ने सच कर दिखाया है. झूमा आज न सिर्फ एक सफल बिजनेसवुमन हैं, बल्कि अपने घर को संभालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. झूमा बताती हैं, “मैं ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हूं, लेकिन अपने दम पर कुछ करना हमेशा से चाहती थी.”
झूमा ने बताया, “मैंने यह व्यापार ₹4000 से शुरू किया था. दरअसल, दुर्गा पूजा घूमने के लिए मेरी मां ने मुझे ₹4000 दिए थे. लेकिन, मैंने उन पैसों को बचाकर कुछ कपड़े खरीदे और ब्लाउज सिलना शुरू किया. आज मेरे पास काथा वर्क में डिजाइनर साड़ी से लेकर ब्लाउज तक का कलेक्शन है. हर डिजाइन यूनिक होती है, जो मेरे खुद के दिमाग की उपज है.”
हर तरह के प्रिंट साड़ी और ब्लाउज का कलेक्शन
झूमा बताती हैं, “यहां हर तरह के प्रिंट की साड़ी और ब्लाउज का बेहतरीन कलेक्शन मिलेगा. ब्लाउज में हम सिल्क से लेकर कॉटन और डिजाइनर ब्लाउज खासतौर पर सिलते हैं. बॉलीवुड की जितनी भी लेटेस्ट ब्लाउज डिजाइन हैं, वे सब आपको मेरे पास मिल जाएंगी. इसके अलावा काथा वर्क में भी ब्लाउज होते हैं और कस्टमाइज्ड ब्लाउज भी मिलते हैं.”
मां से सीखा हुनर
आगे बताया, “आपको साड़ी के बेहतरीन कलेक्शन देखने को मिलेंगे. इन साड़ियों में खूबसूरत काथा वर्क होता है, जो सिल्क के धागे से कढ़ाई किया जाता है. यह कढ़ाई एकदम यूनिक होती है. कोई फ्लोरल डिजाइन होता है तो कोई खूबसूरत आर्ट एंड क्राफ्ट. यह सब मैं अपने हाथों से बनाती हूं और यह सब मैंने अपनी मां से सीखा है.”
ऑनलाइन ऑर्डर और पेटेंट कस्टमर
“एक बार जो मेरे ब्लाउज पहन ले, मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि उसे किसी और का पसंद नहीं आएगा. क्योंकि हम किसी भी हाल में क्वालिटी के साथ समझौता नहीं करते. ऐसे में ब्लाउज इतना फिटिंग और खूबसूरत लुक देता है कि अगर एक ब्लाउज बेचूं तो उसके 10 और ऑर्डर आने लगते हैं. लोग मुझे फोन से ऑर्डर करते हैं और मेरे पेटेंट कस्टमर भी बन चुके हैं.”
अब महीने की लाख रुपये कमाई
अपनी सफलता की कहानी बताते हुए झूमा मुस्कुराते हुए कहती हैं, “अब मैं कई सारी साड़ी और ब्लाउज बनवाती भी हूं, क्योंकि, इतने ऑर्डर को पूरा करना कई बार मेरे बस की बात नहीं होती. ₹4000 से जो काम शुरू किया था, आज महीने के ₹1 लाख तक जा पहुंचा है. लेकिन यह इतना आसान नहीं था, क्योंकि सब कुछ अकेले हैंडल करना होता है.”
महिलाओं को सलाह
झूमा ने महिलाओं को सलाह देते हुए कहा, “महिलाओं को अपने दम पर कमाना चाहिए, क्योंकि किसी से एक रुपया मांगना अच्छा नहीं लगता. सबसे जरूरी है कि आप पढ़-लिखकर एक काबिल इंसान बनें. मेरी 12 साल की बेटी है, मैं तो 12वीं तक ही पढ़ पाई, लेकिन उसे मैं अच्छे से पढ़ाकर नौकरी करवाना चाहती हूं. क्योंकि अपने पैरों पर खड़ा होना एक अलग ही आत्मविश्वास और खुशी देता है.”
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