मध्यप्रदेश

Ujjain: Recovery In The Name Of Rehab Centre, The Officer Investigated And Was Stunned – Amar Ujala Hindi News Live


रिहैब सेंटर की जांच करने पहुंचे थे अधिकारी।
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


उज्जैन के एक रिहैब सेंटर से चौंकाने वाली अनियमितताएं मिली हैं। बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे सेंटर पर इलाज के नाम पर हर महीने आठ हजार रुपये वसूले जा रहे थे। साथ ही कई तरह की अनियमितताएं की जा रही थीं। मामले में अब प्रशासन कार्रवाई करने जा रहा है। 

अगर आपकी निगाह में कोई ऐसा व्यक्ति है जो कि नशा करने का आदी है और आप उसे इस बुरी लत से छुटकारा दिलाने के लिए किसी नशा मुक्ति केंद्र (रिहैब सेंटर) पर कुछ दिनों के लिए छोड़ने का सोच रहे हैं तो पहले आप यह जानकारी जुटा लीजिए कि नशे की लत से छुटकारा दिलाने वाले इस केंद्र का रजिस्ट्रेशन है भी या नहीं? साथ ही यहां पर बताई जाने वाली सभी सुविधाएं यहां ठहरने वाले लोगों को दी भी जाती हैं या फिर सब कुछ कागजों तक ही सिमटा हुआ है। उज्जैन में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें सामाजिक न्याय विभाग और स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान रिहैब सेंटर में अच्छा खाना मरीज को न देने, केंद्र में ठीक से साफ सफाई न होने, रिहैब सेंटर से संबंधित दस्तावेज पूर्ण न होने जैसी अनियमिताएं मिली हैं, वहीं चौंकाने वाली बात ये है कि इस केंद्र का रजिस्ट्रेशन तक नहीं मिला था। 

पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि वेदनगर में निर्माण नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर एक रिहैब सेंटर का संचालन पिछले चार माह से किया जा रहा है। इस केंद्र को संचालित करने वाले संचालक शराब, गांजा, अफीम, भांग, ड्रग्स की लत से छुटकारा दिलाने की बड़ी-बड़ी बात कर लोगों से प्रति व्यक्ति 8000 प्रति माह की राशि ले रहे हैं, लेकिन इस रिहैब सेंटर में व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब सामाजिक न्याय विभाग की रुचि मिश्रा द्वारा इस रिहेब सेंटर का निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण वैसे तो सामान्य निरीक्षण की तरह ही था, लेकिन जांच अधिकारी मिश्रा उस समय दंग रह गईं जब उन्हें पता चला कि बिना रजिस्ट्रेशन के इस रिहैब सेंटर का संचालन पिछले चार माह से किया जा रहा है। इसकी जानकारी उनके विभाग तक को नहीं दी गई है। 

निरीक्षण के दौरान निर्माण नशा मुक्ति केंद्र के डायरेक्टर अभिनीत साहू और उमेश वैष्णव रिहैब सेंटर से संबंधित दस्तावेज भी नहीं दिखा पाए। साथ ही यहां पर भर्ती मरीज ही साफ सफाई करते देखे गए। रिहैब सेंटर पर मिली इन अनियमिताओं को लेकर जांच रिपोर्ट कलेक्टर नीरज सिंह और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भोपाल को भेज दी गई है। इसमें रिहैब सेंटर का रजिस्ट्रेशन ना होने के साथ ही यहां मिली सभी अनियमितताओं की जानकारी दी गई है। 

टीम के साथ जाकर करूंगी कार्रवाई- डॉ विजया सकपाल

स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी की डायरेक्टर डॉ. विजया सकपाल ने बताया कि मेरे द्वारा निर्माण नशा मुक्ति केंद्र पर आकस्मिक रूप से जांच करने जा चुकी हूं। जहां पर मुझे कुछ अनियमितताएं मिली थीं इसके बाद मैंने इसके संचालकों को चेतावनी भी दी थी। आपने बताया कि रिहैब सेंटर पर चल रही अनियमितताओं को लेकर मैं  जल्द ही टीम के साथ जाकर कार्रवाई जरूर करूंगी। 

युवक ने भी लगाया था आरोप- साफ सफाई करवाते हैं 

याद रहे कि निर्माण नशा मुक्ति केंद्र में 22 नवंबर 2023 से इलाज ले रहे प्रवीण पिता पप्पू करेडिया निवासी जयसिंहपुरा ने यह आरोप लगाया था कि रिहैब सेंटर पर प्रतिमाह नशा मुक्ति के लिए 8000 की राशि तो ली जाती है लेकिन यहां पर रहने वाले मरीजों को कोई सुविधा नहीं दी जाती है। यहां के संचालक अभिनीत साहू और उमेश वैष्णव के साथ ही कर्मचारी भानु, मयूर पांडे और शक्ति पटेल रिहैब सेंटर की सफाई न करने पर यहां भर्ती लोगों को जानवरों की तरह रस्सी से हाथ पैर बांधकर पीटते हैं। प्रवीण की मां कौशल्याबाई ने भी बताया था कि बेटे को शराब की लत से दूर करने के लिए उसे रिहैब सेंटर में दो महीने के लिए भर्ती करवाया था, लेकिन यहां पर उसकी हालत और भी खराब हो गई। जिसे रोजाना मारा-पीटा जाता था और काम करवाया जाता था। प्रवीण ने यह भी आरोप लगाया था कि केंद्र पर उसे नशीली दवाइयां भी दी जाती थीं।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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