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Explainer: उत्तर-पश्चिम भारत में शीतलहर का कहर, क्या हैं इसके कारण, कब तक मिलेगी इससे राहत? जानें सब कुछ

नई दिल्ली: हरियाणा (haryana) और पंजाब (punjab) में जारी शीतलहर (cold wave) से बुधवार को भी कोई राहत नहीं मिली. अधिकांश जगहों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से भी नीचे बना हुआ है. दोनों राज्यों में सुबह के समय कई जगहों पर कोहरा भी देखा गया. मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा के नारनौल में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सिरसा में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जहां न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भिवानी का न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस, रोहतक का 7.8 डिग्री सेल्सियस, जबकि अंबाला का न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पंजाब के बठिंडा में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मोगा और मुक्तसर में भी न्यूनतम तापमान क्रमशः 5.7 और 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

जहां पिछले लगभग तीन सप्ताह से कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है, वहीं अधिकतम तापमान में भी पिछले दो सप्ताह में तेजी से गिरावट आई है. चंडीगढ़ समेत हरियाणा और पंजाब में  कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है. इस बीच, दिल्ली में, बुधवार को घने कोहरे के कारण दृश्यता घटकर केवल 50 मीटर रह गयी थी, जिससे वाहनों और ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि घने से बहुत घने कोहरे की एक परत पंजाब से लेकर बिहार, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास स्थित पालम ऑब्जर्वेटरी में दृश्यता स्तर 50 मीटर दर्ज किया गया.

शीतलहर की चपेट में पूरा उत्तर भारत है, सुबह नर्सरी के पास अलाव के बगल में बैठी एक महिला (फोटो-रायटर)

उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि घने कोहरे के कारण 20 ट्रेनें एक घंटे से 10 घंटे की देरी से चल रही हैं. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने ट्वीट किया कि आईजीआई हवाईअड्डे पर दृश्यता की वजह से उड़ान बाधित रहीं हैं. यात्रियों को सलाह दिया गया है कि उड़ान भरने से पहले संबंधित एयरलाइंस से संपर्क करके ही एयरपोर्ट पहुंचे. 

शीत लहर क्या है?
शीत लहर (जिसे कुछ क्षेत्रों में कोल्ड स्नैप, कोल्ड स्पेल या आर्कटिक स्नैप के रूप में भी जाना जाता है) एक मौसम की घटना है जो हवा के ठंडा होने की विशेषता है. संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा ने शीत लहर को परिभाषित किया है कि ये 24 घंटे की अवधि में तेजी से तापमान में गिरावट है. शीत लहर के लिए सटीक मानदंड तापमान में गिरावट की दर और न्यूनतम तापमान में गिरावट है. न्यूनतम तापमान भौगोलिक क्षेत्र और वर्ष के समय के अनुसार बदलता रहता है. आईएमडी ‘गंभीर शीत लहर’ की घोषणा तब करता है जब मैदानी इलाकों में तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर जाता है, या औसत तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है. एक गंभीर शीत लहर को आईएमडी द्वारा हवा के तापमान के रूप में परिभाषित किया गया है जो “उजागर होने पर मानव शरीर के लिए घातक” है.

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अगले चार दिन में उत्तर-भारत को शीतलहर से राहत मिलने का अनुमान है. (फोटो-रायटर्स)

शीतलहर का मुख्य कारण
वायुदाब में अंतर: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, उत्तर-पश्चिम एशिया में जेट स्ट्रीम के कारण  बने लंबे उच्च वायु दाब वाले क्षेत्र भारत में शीत लहर का कारण बन सकता है. जेट धाराएं के कारण पृथ्वी असमान रूप से गर्म होती है और विभिन्न क्षेत्रों में वायु दाब में अंतर की वह से हवाएं एक जगह से दूसरे जगह बहती हैं. 

मेघ आच्छादन: बादल छाये रहने की कमी भी शीत लहर का कारण बन सकती है. बादल पृथ्वी से अवरक्त विकिरण को रोक लेते हैं, और जैसे-जैसे बादलों का आवरण घटता है, पृथ्वी की सतह से अधिक गर्मी निकलती है, जिसके परिणामस्वरूप सतह ठंडी होती है और तापमान कम होता है, जो अत्यधिक ठंड का कारण बनता है. 

ला नीना: यह एक मौसम संबंधी घटना है जो प्रशांत महासागर में घटित होती है. ला नीना को ‘छोटी लड़की’ का नाम दिया गया है. इस घटना की वजह से दक्षिण-पूर्वी एशिया में भयंकर ठंड पड़ती है. आईएमडी के अनुसार, ला नीना के दिसंबर से फरवरी 2023 तक रहने की उम्मीद है.

बिन-मानसून की बारिश: बिन-मानसून के बारिश होना जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप होता है. बे मौसम बारिश की वजह से सर्दियों के महीनों के दौरान शीत लहरों में वृद्धि होती है.

उत्तरी-भारत में शीतलहर का मुख्य कारण 

आईएमडी के वैज्ञानिक आरके जेनमनी के अनुसार ‘कोहरा’ उत्तर भारत में इस वर्ष शीतलहर के प्रमुख कारणों में से एक है. अन्य कारणों में-

  • दोपहर के समय 5 से 10 किमी प्रति घंटे से चलने वाली पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं. 
  • इस महीने उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत में लगातार घने कोहरा भी जिम्मेदार है. लगातार कोहरे की वजह से दिन का तापमान कम रहता है जिसका असर रात के तापमान पर भी पड़ता है. 
  • सुबह के समय धरातल के पास हल्की हवाएं और उच्च-आद्रता की वजह से घाना-कोहरा बनता, जिसे पूरे सिंध-गंगा की मैदानी क्षत्रों में खासतौर पर महसूस और देखा गया है. 
  • पश्चिमी विक्षोभ और उत्तर-पश्चिम से आने वाली ठंडी हवा भी कम तापमान का मुख्य कारण हैं. 

कब ख़त्म होगी शीतलहर
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को अपने बुलेटिन में कहा कि अगले चार दिनों (शनिवार तक) के दौरान उत्तर भारत में शीतलहर की स्थिति प्रबल रहने की संभावना है, लोगों को राहत मिलने के आसार हैं. वर्तमान ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण, उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है. (पीटीआई इनपुट)

Tags: Cold in delhi, Cold wave, Haryana weather, IMD forecast, Punjab


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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