मध्यप्रदेश

17 thousand students are being charged fare for one bus | 17 हजार स्टूडेंट्स से वसूल रहे एक बस का किराया: पीजी कॉलेज के छात्रों ने किया प्रदर्शन; बढ़ी हुई फीस वापस लेने की मांग – Guna News

कलेक्ट्रेट ने प्रदर्शन करते छात्र।

पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में बढ़ाई गई फीस को वापस लेने के खिलाफ विद्यार्थियों ने प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि कॉलेज में 17 हजार छात्रों पर एक बस है। इसके लिए हर छात्र से बस का किराया वसूला जा रहा है। छात्रों से 60 लाख रुपए बस फीस के नाम प

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छात्रों का कहना है कि हाल ही में गुना पीजी कॉलेज को पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा मिला। कुछ दिन पहले सरकार ने पूरे प्रदेश में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू कर शिक्षा में बदलाव लाने के मकसद से जिले जिले के प्रत्येक शासकीय पीजी कॉलेज को पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस का दर्जा देकर 486 करोड़ रुपए का बजट देने का भी वादा किया था।

छात्रों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।

स्टूडेंट्स बोले- बस सेवा के नाम पर वसूली हो रही स्टूडेंट्स ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने ही बड़े जोर शोर से प्रचार किया था कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारी जाएगी। गरीब छात्रों के लिए आसानी हो इसके लिए बस सेवा शुरू की जाएगी। इसका किराया बस में जाने वाले छात्रों से एक रुपए प्रतिदिन का लिया जाएगा। लेकिन हकीकत में बस सेवा के नाम पर वसूली करना थी।

कई लोगों को लग सकता है कि 365 रूपए 1 साल में प्रति छत्र बस यात्रा कहां का अन्याय है? ये कागजी बात है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। गुना पीजी कॉलेज के सन्दर्भ में ही देखे तो पता चलेगा कि कॉलेज में कुल नियमित छात्र संख्या 17 हजार के लगभग है। जिसकी 365 रूपए प्रति छात्र से वसूली हई फीस का आंकड़ा 62 लाख 5 हजार हो रहा। 17 हजार छात्रों को ले जाने के लिए केवल एक 60 सीटर बस है।

छात्रों ने कहा कि खेल की बात करें तो प्रति छात्र 180 रूपए क्रीड़ा शुल्क बढ़ाया गया है जिसका आंकड़ा 31 लाख प्रति वर्ष है। जबकि जमीनी हकीकत यही है की कॉलेज में ऐसा कोई स्पोर्ट्स का इंतजाम नहीं है कि सभी छात्र उसमें भागीदारी कर सके। इसके साथ ही 85 रूपए अन्य मद में बढ़ाया गया, जिसका कोई भी पता छात्रों को नहीं है।

प्रशासन को ज्ञापन सौंपते छात्र।

प्रशासन को ज्ञापन सौंपते छात्र।

कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा छात्रों ने आरोप लगाया कि वह जब कॉलेज प्राचार्य के पास गए और जानना चाहा तो पहले तो प्राचार्य मुकर गए और बोले कि कोई फीस वृद्धि नहीं हुई। छात्रों ने जब प्रमाण दिखाया, तो बस सुविधा और स्पोर्ट्स का पैसा बड़ा है बोलकर इतिश्री कर ली गई। छात्रों ने आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। AIDSO के बैनर तले सौंपे गए ज्ञापन में छात्रों ने बढ़ी हुई फीस वापस लेने की मांग की।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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