अजब गजब

miracle-of-the-youngest-daughter-among-7-sisters-this-is-how-pramod-became-a-police-constable – News18 हिंदी

मनमोहन सेजू/बाड़मेर. कहते है कि एक पिता के लिए बेटियां बेटों से बढ़कर होती है लेकिन सरहदी बाड़मेर में यह बात आज से कुछ साल पहले तक बेमानी थी. शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों के कदम बेहद पीछे रखे जाते थे लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो अपनी बेटियों को बेटों से बढ़कर मानते है और बेटियां भी पिता का सिर फक्र से ऊंचा करने वाले मुकाम छू रही हैं.

ऐसी ही एक बेटी है भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर के छोटे से गांव दुधू की. प्रमोद अपनी 7 बहनों में सबसे छोटी है. बाकी बहने पढ़ाई से ज्यादा नाता नहीं रख पाई लेकिन पिता केसराराम ने प्रमोद को अपने बेटे से बढ़कर माना और उच्च शिक्षा के लिए गांव से दूर शहर भेज दिया. प्रमोद ने भी अपनी जी तोड़ मेहनत को शिक्षा के साथ कायम रखा और हाल ही में उसका चयन दिल्ली पुलिस के लिए हुआ है.

यह भी पढ़ें- धरती का एकमात्र जानवर जिसे इंसान भी नहीं बना पाए पालतू, चबा जाता है हड्डी भी, देखें फोटो

5 बार नहीं मिली थी सफलता
जिस जिले में कहा जाता है दिल्ली दूर है. उस जिले बाड़मेर के छोटे से गांव की बेटी का दिल्ली पुलिस में चयन होना वाकई बेहद गर्व की बात है. प्रमोद बताती है कि उसकी शुरुआत की पढ़ाई उसके गांव में हुई फिर 12वीं धोरीमन्ना कस्बे से की और इसके बाद उसको उसके पिता ने पढ़ने के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय भेज दिया जहां एनसीसी को जॉइन करने के बाद उसको वर्दी से प्यार हो गया. 5 बार अलग-अलग परीक्षाओं में असफलता मिलने के बाद भी प्रमोद रुकी नहीं और हाल ही में उसका चयन दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल हुआ है. प्रमोद बताती है कि लोगों के तानों की वजह से ही उन्हें सफलता हाथ लगी है. वह कहते है कि आसपास के लोग घरवालों को खूब ताने देते थे ऐसे में घर जाने का मन नहीं था बाड़मेर में ही रहकर तैयारी की और आखिरकार सफलता हाथ लगी है.

Tags: Barmer news, Government job, Local18, Rajasthan news, Success Story


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!