अजब गजब

9 महीने की नौकरी में खुल गया दिमाग, कंपनी बनाकर 16 साल में छाप दिए 11000 करोड़, अब निकला नए सफर पर…

नई दिल्ली. कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता, जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो… दुष्यंत कुमार की ये पंक्ति केवल कहने के लिए नहीं कही गई. कुछ लोगों ने अपने जीवन में ऐसा पत्थर उछाला कि आसमां में छेद भी हुआ और झुका भी. फ्लिपकार्ट की स्थापना करने वालों में से एक बिन्नी बंसल (Binny Bansal) पर यह पंक्ति बिलकुल फिट बैठती है. हाल ही में बिन्नी बंसल ने 2007 में फ्लिपकार्ट को शुरू किया और 2024 में कंपनी के बोर्ड की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. क्यों दिया? इस बारे में भी आगे बताएंगे, मगर आज हम बात करेंगे बिन्नी की 17 साल की स्पेशल जर्नी की.

1983 में चंडीगढ़ में जन्मे बिन्नी बंसल ने मात्र 24 साल की उम्र में ही फ्लिटकॉर्ट की शुरुआत कर दी थी. लेकिन उससे पहले वे दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न (Amazon) में नौकरी कर रहे थे. वह बात अलग है कि उन्होंने अमेज़न को मात्र 9 महीने ही सेवाएं दीं. शायद इन्हीं 9 महीनों में उनके दिमाग में पल रहा विचार जन्म लेने को तैयार हो चुका था. बात करें नेट वर्थ की तो बिन्नी बंसल इस वक्त 1.4 बिलियन डॉलर के मालिक हैं. यह डेटा forbes.com के ताजा आंकड़ों पर आधारित है. रुपयो में 1,16,41,94,50,000 (11,641 करोड़ रुपये से कुछ अधिक) है.

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बिन्नी बंसल ने 2005 में दिल्ली स्थिति इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग से बेलचर डिग्री प्राप्त की थी. 2005 में ही उन्होंने अपने करियर का आगाज कर लिया था. उन्होंने सार्नोस कॉर्पोरेशन (Sarnoff Corporation) नामक एक टेक्नोलॉजी कंस्लटिंग बिजनेस जॉइन किया, जिसका हेडक्वार्टर अमेरिका में था. यहां से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने 2007 में अमेज़न जॉइन की और फिर 9 महीने बाद वहां से भी रिजाइन कर दिया. बस यही था उनका नौकरी वाला करियर. इसके बाद जो-जो हुआ, वह इतिहास बन गया और बिन्नी बंसल का नाम टेक्नोलॉजी और ई-कॉमर्स की दुनिया में स्वर्ण अक्षरों में छप गया.

अमेज़न की प्रतिद्वद्वी फ्लिपकार्ट की स्थापना
2007 में भारत के बाजार में ई-कॉमर्स कंपनियों का कोई खास शेयर नहीं था. उन दिनों बहुत कम लोग ऑनलाइन खरीदारी करते थे. मगर अमेरिका और कुछ अन्य विकसित देशों में ऑनलाइन खरीदारी का बाजार लगातार पैर पसार रहा था. अमेज़न में नौकरी करते हुए बिन्नी बंसल ने भांप लिया था कि आने वाले समय में भारत के लोग ऑनलाइन खरीदारी की तरफ बढ़ेंगे. फिर क्या था, उन्होंने सचिन बंसल के साथ मिलकर फ्लिपकार्ट नाम की कंपनी बना दी. सचिन बंसल पर विस्तृत चर्चा दूसरे आर्टिकल में करेंगे. अभी हम बिन्नी बंसल की ही बात कर रहे हैं.

भारत की नंबर-1 ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट
तो 2007 में शुरू हुई फ्लिपकार्ट मुख्त तौर पर पुस्तकें बेचने का काम करती थी. जैसे-जैसे लोग ऑनलाइन खरीदारी को तव्वजो देने लगे, फ्लिटकार्ट ने भी अपनी प्रोडक्ट लाइन को विस्तार दिया. एक समय ऐसा आया कि दुनिया की बड़ी कंपनी अमेज़न और भारत से शुरू हुई फ्लिटकार्ट ही बाजार की 2 मुख्य कंपनियां रह गईं. बाकी ई-कॉम कंपनियां गौण हों गईं.

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Businesswise Comparison की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2023 में फ्लिपकार्ट का ई-कॉमर्स मार्केट शेयर 51 फीसदी था, जबकि अमेज़न का 32 फीसदी. जनवरी 2024 में आई AllianceBernstein की एक रिपोर्ट दावा करती है कि फ्लिपकार्ट के पास भारतीय बाजार का 48 फीसदी शेयर है. दोनों में से किसी भी रिपोर्ट पर गौर करें तो फ्लिपकार्ट ही नंबर 1 ई-कॉमर्स साइट नजर आती है. फ्लिपकार्ट साल-दर-साल 21 फीसदी की ग्रोथ दर्ज कर रहा है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत में फ्लिपकार्ट ने अमेज़न को ‘पानी पिला रखा है.’

बिन्नी ने क्यों छोड़ा फ्लिपकार्ट
2018 तक बिन्नी बंसल फ्लिपकार्ट के सीईओ थे. उन पर व्यक्तिगत स्तर पर गलत व्यवहार करने का आरोप लगा तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि इस मामले में जांच बैठी. नवम्बर 2018 में अमेज़न की टक्कर की एक अमेरिकी कंपनी वालमार्ट (Walmart) ने फ्लिपकार्ट में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली. इसके बाद बिन्नी बंसल अपने पद से हट गए. सीईओ के पद से हटने के बाद भी वे फ्लिपकार्ट के बोर्ड मैंबर के तौर पर बने हुए थे. पिछले सप्ताह ही उन्होंने फ्लिपकार्ट में अपनी बोर्ड मैंबरशिप भी छोड़ दी है.

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2017 में बिन्नी बंसल ग्रेऑरेंज (GreyOrange), और एको (Acko) कंपनियों में बोर्ड एडवाइजर रहे. 2018 में वे उद्यम लर्निंग फाउंडेशन में बोर्ड एडवाइजर बने.

क्या है ताज़ा मामला, क्यों छोड़ दिया बोर्ड?
बिन्नी बंसल ने फ्लिपकार्ट के बाद अपना नया वेंचर शुरू किया, जिसका नाम था ऑपडोर (OppDoor). सिगांपुर स्थित इस वेंचर का काम ई-कॉमर्स सेग्मेंट में बी2बी (B2B) से जुड़ा हुआ है. ऑपडोर ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने ऑपरेशन को वैश्विक स्तर पर लॉन्च करने में मदद करती है. बिजनेस को ग्लोबल बनाने के लिए ऑपडोर एंड-टू-एंड सॉल्यूशन मुहैया कराती है. फिलहाल उनकी नई कंपनी अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, मैक्सिको, जर्मनी, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया में सेवाएं मुहैया कराती है.

बिन्नी की नई कंपनी ऑपडोर अमेज़न ब्रांड्स (Amazon Brands) की ग्रोथ पार्टनर भी है. उधर, फ्लिपकार्ट की पेरेंट कंपनी वालमार्ट (Wallmart) और अमेज़न (Amazon) एक दूसरे की घोर-प्रतिद्वंद्वी कंपनियां हैं. ऐसे में कन्फ्लेक्ट ऑफ इंटरेस्ट (Conflict of interest) का मामला बनता है. बस इसी का हवाला देते हुए बिन्नी बंसल ने फ्लिपकार्ट के बोर्ड पद से इस्तीफा दिया है.

इंक42 से बात करते हुए बिन्नी बंसल ने कहा, “पिछले 16 सालों में फ्लिटकार्ट ग्रुप की उपलब्धियों पर मुझे गर्व है. फ्लिटकार्ट एक मजबूत लीडरशिप टीम और स्पष्ट लक्ष्य के साथ बहुत अच्छी पॉजिशन में है. कंपनी अब मजबूत और काबिल हाथों में है. इसी कॉन्फिडेंस के साथ मैंने अलग होने का निर्णय लिया है. मैं टीम को अच्छे भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं.” उधर, फ्लिपकार्ट के वर्तमान सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने बिन्नी बंसल की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी गहरी जानकारियों का फायदा बोर्ड और कंपनी को मिला. कृष्णमूर्ति ने बिन्नी बंसल को बेहतर भविष्य और नए वेंचर के लिए शुभकामनाएं दीं.

बिन्नी बंसल की पर्सनल लाइफ
बिन्नी का होमटाउन चंडीगढ़ है. उन्होंने अपनी शिक्षा चंडीगढ़ के सेंट ऐनीज़ कॉन्वेंट स्कूल से प्राप्त की. उनकी मां सरकारी सेक्टर में काम करती हैं, जबकि उनके पिता एक बैंक मैनेजर हैं. बिन्नी बंसल अपनी पत्नी तृषा बंसल के साथ रहते हैं. वह जुड़वां बेटों के पिता हैं.

Tags: Amazon, Flipkart, Success Story, Successful business leaders, What different successful people do


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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