IIT Indore has created such a software that will detect every problem in the power grid and will also tell the solution | इनोवेशन: IIT इंदौर ने बनाया ऐसा सॉफ्टवेयर, जो पावर ग्रिड की हर गड़बड़ी को पकड़ेगा, समाधान भी बताएगा – Indore News

आईआईटी इंदौर ने बिजली विभाग के लोड डिस्पेच सेंटर के लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जो ग्रिड की स्टेबिलिटी को बनाए रखने और उस पर निगरानी रखने का काम करेगा। इसे लागू करने के लिए किसी मशीन की जरूरत नहीं होगी। सॉफ्टवेयर सीधे सिस्टम में इंटीग्रेट किया जा
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प्रोफेसर जैन ने कहा कि पावर ग्रिड में होने वाली किसी भी तरह की गड़बड़ को यह सॉफ्टवेयर तुरंत पता कर लेगा। हालात गंभीर होने से पहले इसका समाधान खोजा जा सकेगा। इससे वोल्टेज कम-ज्यादा होने और घर व उद्योगों की मशीन खराब होने की समस्या से निजात मिल सकेगी।
ये सॉफ्टवेयर न सिर्फ पावर ग्रिड मैनेजमेंट में बड़ी उपलब्धि है, बल्कि सॉफ्टवेयर पर रिसर्च करने वालों के लिए भी एक नया मानक है। ये सॉफ्टवेयर में पावर ग्रिड में चल रहे एक-एक जेनरेटर पर नजर रखेगा। इसके लिए पॉजिटिव सीक्वेंस वोल्टेज फेजर मेजरमेंट की सहायता ली गई है। सॉफ्टवेयर में एक फेजर मेजरमेंट यूनिट, एक सिग्नल भेजने वाला यूनिट, फाइबर ऑप्टिक, इंटरनेट कनेक्शन, फेजर का डाटा एक जगह इकट्ठा करने के लिए कंसंट्रेटर और डेटाबेस का इस्तेमाल किया गया है, जो साथ में मिलकर ग्रेड की स्टेबिलिटी को रियल टाइम में दर्शा सके। किसी भी जनरेटर में परेशानी होने पर तुरंत पता चलेगा।
आसानी से कहीं भी लागू किया जा सकता है लोड डिस्पेच सेंटर आसानी से इसे मौजूदा सिस्टम में लागू कर सकते हैं, जिससे तुरंत यह जानकारी उन्हें मिलना शुरू हो सकती है। सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसे आसानी से कहीं के भी सेंटर पर लागू किया जा सकता है। आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा यह सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी भविष्य के पावर ग्रिड मैनेजमेंट की नींव रखता है। इसकी मदद से न केवल पावर ग्रिड की एफिशिएंसी बढ़ेगी, बल्कि समग्र रूप से सुरक्षा और पावर ग्रिड सिस्टम की विश्वसनीयता में भी इजाफा होगा।
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