अजब गजब

गर्दन टेढ़ी पर हौसले बुलंद, बचपन से जवानी तक बना मजाक, हिम्मत नहीं हारी, अब हाथों में सवा लाख करोड़ की कंपनी

हाइलाइट्स

जन्म के समय कुछ परेशानियों के कारण राधिका गुप्ता की गर्दन टूट गई थी.
उन्होंने इंटरव्यू में कहा- 22 साल की उम्र में मेरे मन में सुसाइड का ख्याल आया.
31 दिसंबर, 2023 तक उनकी फर्म की कुल संपत्ति 121399.04 करोड़ रुपये थी.

Radhika Gupta Success Story: बिजनेस रियल्टी शो शार्क टैंक इंडिया के जज अपनी कामयाबी और उपलब्धि के लिए जाने जाते हैं. सीजन 3 में कुछ नए शार्क शामिल हुए हैं, इनमें ओयो के रितेश अग्रवाल, ज़ोमैटो के दीपिंदर गोयल, इनशॉर्ट के अजहर इकबाल और एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ और एमडी राधिका गुप्ता शामिल हैं. महिला जज राधिक गुप्ता की कहानी लाखों युवा उद्यमियों को प्रेरणा देने वाली हैं. अपनी टूटी हुई गर्दन के कारण राधिका गुप्ता को बचपन से लोगों के ताने सुनने पड़े, उनका काफी मजाक उड़ाया गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.

राधिका गुप्ता, अब शोहरत की बुलंदियों पर हैं. भारत की सबसे युवा सीईओ में से एक राधिका गुप्ता 1 लाख करोड़ रुपये की कंपनी, एडलवाइस म्यूचुअल फंड का नेतृत्व करती हैं. आइये जानते हैं आखिर तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्होंने यह मकाम कैसे हासिल किया?

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बचपन से जवानी तक उड़ा मजाक
राधिका गुप्ता, आज जिस मकाम पर हैं उसके लिए ना सिर्फ उन्हें संघर्ष करना पड़ा बल्कि खूब अपमान भी सहना पड़ा. दरअसल जन्म के समय कुछ कारणों से उनकी गर्दन टूट गई. इसके बाद से उन्हें इस शारीरिक विकार के साथ जीना पड़ा. बचपन में स्कूल में बच्चों ने उनका मजाक बनाया तो जवानी में कॉलेज व ऑफिस में भी उन्हें अपमान सहना पड़ा.

राधिका गुप्ता के पिता भारतीय विदेश सेवा में राजनयिक रहे. पाकिस्तान में पोस्टिंग के दौरान राधिका गुप्ता का जन्म हुआ. जन्म के समय कुछ परेशानियों के कारण उनकी गर्दन टूट गई थी, जिस वजह से उनकी गर्दन एक ओर झुकी रहती है. ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में राधिका गुप्ता ने कहा, “मेरी टेढ़ी गर्दन के मेरा मजाक उड़ाया जाता था. क्लास में कुछ छात्रों ने मेरा नाम ‘अपू’ रख दिया.

अमेरिका से पूरी की पढा़ई
शारीरिक विकार को लेकर सामने आई तमाम परेशानियों से जूझते हुए राधिका गुप्ता ने अमेरिका में रहकर कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की. हालांकि, पढ़ाई के बाद भी करियर में उनकी राह आसान नहीं रही. उन्होंने बताया कि 7 बार इंटरव्यू में मुझे रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. राधिका गुप्ता ने बताया, ‘एक बार तो मेरी हिम्मत टूट गई और 22 साल की उम्र में मेरे मन में सुसाइड का ख्याल आया. हालांकि, मैंने फिर हिम्मत जुटाई और एक जॉब हासिल कर ली.

राधिका गुप्ता 25 साल की उम्र में भारत आ गईं. अपने पति और दोस्त के साथ मिलकर एसेट मैनेजमेंट कंपनी शुरू की. कुछ साल बाद, उनकी कंपनी का एडलवाइस एमएफ ने अधिग्रहण कर लिया. महज 33 साल की उम्र में साल 2017 में वे 9128 करोड़ की कंपनी की सीईओ बन गईं. ईटी मनी की रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर, 2023 तक उनकी फर्म की कुल संपत्ति 121399.04 करोड़ रुपये थी.

Tags: Business news in hindi, High net worth individuals, Success Story, Womens Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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