अजब गजब

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रिपोर्ट: अनुज गौतम

सागर: कोरोना काल मे जहां लोग महामारी के प्रकोप से टूट कर बिखर गए थे, वहीं कुछ महिलाओं ने इस समय को चुनौती की तरह स्वीकार किया और आज न सिर्फ वे खुद मजबूती से आगे बढ़ रही हैं, बल्कि अपने परिवार को भी बखूबी संभाल रही हैं. अब इनको देख कर दूसरी महिलाएं भी प्रेरित होकर ऐसे कामों में आगे आ रही हैं.

हम बात सागर जिले की ऐसी महिलाओं की कर रहे हैं जो पहले दूसरों के घरों में काम किया करती थीं. लेकिन, कोरोना के डर से लोगों ने उन्हें मना कर दिया. तब महिलाओं के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया. महिलाओं ने थक हार कर घर बैठने से अच्छा कुछ अपने दम पर करने का प्रयास शुरू किया और उनका ये प्रयास आज सफल होते हुए दिखाई दे रहा है.

खुद की गौशाला शुरू की
दूसरों के यहां काम करने वाली कई महिलाओं ने मिलकर एक समूह बनाया, फिर गौशाला का संचालन करने लगीं. गौशाला से निकलने वाले गोबर से गो काष्ठ बनाए. गोबर के गणेश और दीप बनाए फिर उनको खुद ही बाजारों में बेच रही हैं. इसके अलावा गाय से निकलने वाले दूध को महिलाएं आपस में बांट लेती हैं. गौशाला में ही नर्सरी को भी विकसित कर रही हैं. कभी दूसरों के घरों में काम करने वाली ये महिलाएं आज आत्मनिर्भर हैं. महीने में कम से कम 5000 से 7000 तक की कमा लेती हैं. वह अपने घरों को चलाने में तो मदद कर ही रही हैं, बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रही हैं.

करीब 200 गायों की मालकिन
सागर के खुरई ब्लॉक में आने वाली गढ़ोला जागीर में महिलाओं ने राधा स्व समझौता समूह का गठन किया है. इस समूह की मुखिया जमुना बाई पाल बताती हैं कि गौशाला में करीब 200 गाय हैं, जिन के गोबर से पहले गोकाष्ठ तैयार किए थे, जिन से आय होने लगी. इसके बाद सब्जियों का उत्पादन शुरू किया, जिससे उनकी आय में कुछ बढ़ोतरी हुई. अब महिलाएं अपनी इस कमाई से खुश हैं और वे पूरी मेहनत के साथ काम करती हैं. उन्हें अच्छा फल भी मिलता है.

अन्य महिलाएं भी हो रही हैं प्रेरित
खुरई जनपद पंचायत सीईओ मीना कश्यप बताती हैं कि गौशाला संचालित करने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न आयामों पर प्रशिक्षित किया गया है, जिससे वे मेहंदी कोन, दीपक, मूर्तियां गो काष्ठ जैसे उत्पाद तैयार कर रही हैं. इससे उनकी आमदनी बढ़ ही रही है, दूसरी महिलएं भी समूह बनाकर रोजाना उपयोग होने वाली वस्तुओं को बनाने का काम कर रही हैं.

Tags: Mp news, Sagar news, Success Story, Women Empowerment


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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