मध्यप्रदेश

Mp News Case Of Beating Of Dalit Sarpanch In Chhatarpur – Amar Ujala Hindi News Live – Mp News:दलित सरपंच को पहले पीटा, फिर दबंग बोले


पीड़ित सरपंच और अन्य लोग
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


छतरपुर जिले में दलित सरपंच को बंधक बनाकर पीटने का मामला सामने आया है। जहां गांव के सरपंच को अपने घर पर बुलाकर दबंगों ने उसे बंधक बनाकर जमकर पीटा। उसने वहां से अपने आप को छुड़ाकर संबंधित गढ़ीमलहरा थाने पहुंचा। वहां उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई, जिससे उसने एसपी ऑफिस आकर न्याय की गुहार लगाई है।

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बता दें कि मामला छतरपुर जिला मुख्यालय से महज नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित निवाड़ी ग्राम पंचायत का है। जहां के दलित सरपंच दिलीप अनुरागी ने बताया कि वह निवाड़ी ग्राम पंचायत सरपंच है और बाकायदा चुनाव जीतकर सरपंच बना है। गांव के दबंग उसे सरपंची नहीं करने दे रहे हैं।

वह उससे कहते हैं कि चूंकि पंचायत आरक्षित थी तो तुम भले ही जनता द्वारा चुन लिए गए पर सरपंची तो हम ही चलाएंगे और हमारे हिसाब से काम करोगे, जिसके लिए उसने मना किया और उनसे कहा कि जो काम शासन द्वारा दिए जाते हैं, मैं उन्हें पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से करता हूं और जब मैं सरपंच हूं तो मैं ही सरपंची करूंगा तो उन्होंने उसे बंधक बनाकर जमकर पीटा और वह किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से निकला है।

पीड़ित सरपंच ने बताई आपबीती और घटना

बता दें कि दिलीप अनुरागी ग्राम निवारी, जनपद पंचायत छतरपुर का सरपंच है और वह शासन के नियमों के अनुसार, योजनाओं का संचालन करता है। गांव के दबंग उससे अवैध वसूली कर रुपयों की मांग करते हैं। बीते रोज आठ सितंबर को शाम पांच बजे गांव के गोलू राजा ने उसे अपने घर बुलाकर जबरन बंधक बनाकर जमकर पीटा और सत्येन्द्र राजा द्वारा कहा गया कि हमें एक लाख रुपये खर्चे के लिए दो वरना अब सरपंची भूल जाओ, तुम सरपंची नहीं कर पाओगे। और बोले कि गांव में तुम सरपंची ठीक से नहीं कर रहे हो। अगर सरपंची चलानी है तो हमें पैसा देना होगा। वरना हम सरपंची चलाएंगे। तुम्हारे सील, मोहर, लेटर पैड और दस्तावेज यहां ले आओ। अब से सरपंची हम चलाएंगे। अब हमारी इजाजत के बिना और हमसे पूछे बगैर कोई काम न होगा।

पीड़ित सरपंच ने बताया, जब मैंने यह सब करने और एक लाख रुपये देने से मना किया तो गोलू राजा एवं सत्येन्द्र राजा के द्वारा मुझे कमरे में बंधक बनाकर लात-घूंसों से जमकर पीटा गया। मौके पर मुझे ढूंढते हुए विपिन आ गया, उसके चिल्लाने पर मुझे सत्येन्द्र राजा व गोलू राजा के द्वारा छोड़ा गया। वरना वह मुझे जान से भी मार सकते थे। घटना के पश्चात रिपोर्ट लिखवाने के लिए गढ़ीमलहरा थाने गया था, पर गढ़ीमलहरा पुलिस के द्वारा मेरी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इसके चलते मैं एसपी ऑफिस आया और साहब से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने न्याय की गुहार लगाते हुए बोला कि वह पंचायत नहीं जा पा रहा, उसे डर है कि अगर वह पंचायत जाएगा तो उसे अपनी जान का खतरा है और वे लोग उसे जान से मार डालेंगे।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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