अजब गजब

बिहार में मिला हौसला, पहचान बनाने पहुंचे बंबई, खाते में थे 5 लाख, खूब धक्के खाए, खड़ी कर दी 45,000 करोड़ की कंपनी

हाइलाइट्स

बासुदेव सिंह ने अपने भाई के साथ मिलकर एल्केम लैब की स्थापना की.
बिहार के रहने वाले बासुदेव सिंह, किसी जमाने में प्रोफेसर थे.
1962 में अपने गृहनगर में फार्मा डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस में हाथ आजमाया.

Success Story: आपने ऐसी कई कहानियां सुनी होगी जिसमें एक आम आदमी फर्श से अर्श तक पहुंच गया. छोटे शहर से निकलकर किसी ने दिल्ली तो किसी ने मुंबई में अपना मुकद्दर बनाया. खासतौर पर मुंबई फिल्म और बिजनेस दोनों के लिए जाना जाता है. मायानगरी ने देश को कई बिजनेसमैन तो कई सुपरस्टार दिए. हम आपको एक ऐसे ही शख्स की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं जिसने मुंबई पहुंचकर उद्योग जगत में अपना नाम रोशन किया.

सफलता की यह कहानी है 83 वर्षीय बासुदेव सिंह की, जो दिग्गज फार्मा कंपनी Alkem Lab के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं. इस कंपनी का मार्केट कैप फिलहाल 45000 करोड़ रुपये से ज्यादा है, लेकिन इसकी शुरुआत 5 लाख रुपये से हुई थी. आइये जानते हैं कैसे?

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बिहार में चला बिजनेस, फिर पहुंच गए बंबई
बंबई से बहुत दूर बिहार के रहने वाले बासुदेव सिंह, किसी जमाने में प्रोफेसर थे. लेकिन, उनके मन में उद्योगपति बनने का सपना था इसलिए नौकरी छोड़ उन्होंने अपने भाई के साथ बिजनेस की शुरुआत की. उन्होंने अपने भाई ने 1962 में अपने गृहनगर में फार्मा डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस में हाथ आजमाया. इस व्यवसाय में सफलता मिलने के बाद दोनों भाइयों ने अपनी खुद की फार्मा कंपनी शुरू करने का फैसला किया.

एक गोली ने बदल दी किस्मत
फोर्ब्स को दिए एक इंटरव्यू में बासुदेव सिंह ने बताया कि वे सिर्फ 5 लाख रुपये लेकर अपनी फार्मा कंपनी शुरू करने के लिए मुंबई आए थे. हालांकि, यह इतना आसान नहीं था लेकिन बासुदेव सिंह ठान चुके थे. आखिकार तमाम प्रयासों के बाद 1973 में दोनों भाइयों ने मिलकर अल्केम लेबोरेटरीज की स्थापना की. महज 11 साल बाद 1984 में कंपनी 10 करोड़ रुपये के राजस्व को छूने में कामयाब रही.

एल्केम लेबोरेटरीज को लंबे समय के बाद उस वक्त बड़ी सफलता मिली जब कंपनी ने टैक्सीम नामक एक दवा लॉन्च की, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज के लिए किया जाता है. टैक्सीम भारत में 100 करोड़ रुपये की एनुअल सेल्स को पार करने वाली पहली एंटी बैक्टीरियल दवा बन गई. इसके चलते कंपनी 2008 तक 1,000 करोड़ रुपये के राजस्व का आंकड़ा पार करने में सफल रही.

Tags: Business news in hindi, High net worth individuals, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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