Increase the price of soyabean to 6 thousand, campaign launched; soyabean; Rakesh Tikait; Bhartiya Kisan Union; Bhopal; Madhya Pradesh; Digvijay Singh; Dr Mohan Yadav; CM Madhya Pradesh | किसानों की मुहिम- सोयाबीन के दाम 6 हजार करो: राकेश टिकैत ने शिवराज को लिखा पत्र, कहा- किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो रहा है – Bhopal News

मध्यप्रदेश के किसान सोयाबीन की कीमतें बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अलग-अलग तहसीलों में रैलियां निकालकर विरोध जताया जा रहा है। किसान एमपी की हर पंचायत में 1 से 7 सितंबर तक सरपंच सचिव को ज्ञापन देंगे। वहीं, बच्चे रील्स बनाकर सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए करन
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इधर, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा, और एमपी के सोयाबीन किसानों के हित में प्रति क्विंटल 6 से 7 हजार रुपए दाम तय करने की मांग की है।
इससे पहले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सीएम डॉ. मोहन यादव को लेटर लिखकर 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल सोयाबीन का दाम तय करने की मांग कर चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी किसानों के समर्थन में 6 हजार रुपए प्रति क्विेटल दाम करने की मांग कर रहे हैं।
टिकैत ने कहा- समर्थन मूल्य से कम दामों पर हो रही खरीदी
राकेश टिकैत ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सोयाबीन की खरीदी उचित मूल्य पर कराने की मांग की। टिकैत ने अपने पत्र में लिखा- देश का किसान रात-दिन अपने काम को करने के लिए प्रतिबद्ध रहता है।
जब देश कोरोना की महामारी के दौर से गुजर रहा था तब इसी खेतिहर समाज ने जीडीपी को जीवित रखने में अपनी भूमिका निभाई थी। समय के बदलाव के साथ दिल्ली की सीमाओं पर देश के इसी वर्ग ने 13 महीने तक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया, जिसे सरकार के आश्वासन पत्र पर स्थगित कर दिया गया, लेकिन आज तक उन्हें फसलों के वाजिब दाम पर खरीद की गारंटी, एमएसपी कानून नहीं मिला है।
टिकैत ने पत्र में लिखा- आज के दौर में खेती के संसाधनों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। अगर दाम में बढ़ोत्तरी नहीं हुई को वह है किसान की फसल। जिससे हताश होकर किसान कर्ज लेने पर मजबूर हो रहा है। अगर फसल के भाव की गारंटी होगी तो किसान उत्पादकता स्वयं बढ़ा देगा। आज मप्र में सोयाबीन का किसान लगातार घाटे की खेती करने पर मजबूर हो रहा है।
टिकैत ने पत्र में लिखा सरकार द्वारा आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4850 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। लेकिन, मप्र की मंडियों में सोयाबीन 3500 रुपए प्रति क्विंटल से 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के बीच खरीदा जा रहा है। सोयाबीन की कीमतें दस साल पुराने स्तर पर आ गई हैं। पिछले कुछ सालों में इसकी कीमतों में लगातार गिरावट आई है।
सोयाबीन के दाम बढ़ाने को लेकर एमपी में एक सप्ताह में क्या हुआ
- विधायक कमलेश्वर डोडियार ने बुधवार को सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर सोयाबीन के दाम बढ़ाने की मांग की है।
- मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने गुरुवार को सोयाबीन के उचित मूल्य की मांग को लेकर धरना देने की बात कही।
- खाचरोद में किसानों ने सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल करने को लेकर ट्रेक्टर ट्रॉली पर झांकी निकालकर अनूठे ढंग से सरकार का ध्यान खींचने की कोशिश की।
- मंदसौर के गरोठ में किसानों ने सोयबीन के दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर मंगलवार को रैली निकाली।
बच्ची के वीडियो हो रहे शेयर
हरदा जिले की सोनिका पटेल का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। जिसमें सोनिका कहती है कि मप्र सोयाबीन उत्पादक राज्य है। जिसे सोया प्रदेश भी कहा जाता है। लेकिन आज सोयाबीन के भावों को देखकर किसानों की हालत चिंताजनक होती जा रही है। इसके प्रमुख कारण हैं आज से दस साल पहले जो सोयाबीन के भाव थे उससे कम दामों पर आज किसानों को अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। जबकि सोयाबीन में लगने वाली सारी लागतें दोगुनी हो गईं हैं।
इस कारण किसान पर भारी मुसीबत आ पड़ी है। तीन-चार दिनों से मप्र के किसानों ने मुहिम छेड़ रखी है। जब तक सोयाबीन के दाम 6 हजार नहीं हो जाते हम हमारा संघर्ष जारी रखेंगे। सोनिका के अलावा एक और बेटी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है।
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