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IAS अफसर का अजब खेल, पत्‍नी के नाम पर ही खरीद डाली अस्‍पताल की जमीन! अब रेवेन्‍यू विभाग-ED एक्‍शन में

नई दिल्‍ली. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Directorate of Enforcement)  के रडार पर एक बार फिर से झारखंड कैडर के एक आईएएस अधिकारी (IAS officer ,Jharkhand Cadre) अविनाश कुमार आ गए हैं. दरअसल उनकी पत्नी से संबंधित एक प्रॉपर्टी पर जांच एजेंसी रेवेन्यू विभाग के द्वारा ईडी के सामने ही की गई. ईडी के सूत्र के मुताबिक पांच दिसंबर को दोपहर के बाद रेवेन्यू विभाग के अधिकारी सर्वे करने अचानक बर्लिन अस्पताल (Berlin general hospital, Ranchi) के लोकेशन पर पहुंचे और उस अस्पताल के जमीन से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने में जुट गए. जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक इस सर्वे ऑपरेशन के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को जब्त किया गया. अब इस मामले में विस्तार से तफ्तीश करने के बाद रेवेन्यू विभाग के द्वारा उसकी रिपोर्ट को ईडी के साथ औपचारिक तौर पर साझा किया जाएगा.

अस्पताल की जमीन का मालिकाना हक प्रीति कुमारी के नाम है, जिसके पति झारखंड में अवर मुख्य सचिव हैं. जांच एजेंसी ईडी के सूत्र के मुताबिक झारखंड की राजधानी रांची में स्थित बर्लिन अस्पताल के मालिकाना हक के बारे में ऐसा माना जाता है की वो प्रीति कुमारी के नाम से है, जिसके पति का नाम अविनाश कुमार है, जो झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और वो झारखंड में ही गृह विभाग में अवर सचिव पद  पर कार्यरत हैं. इसके साथ ही गृह सचिव का भी अतिरिक्त प्रभार उनके पास है. जांच एजेंसी ईडी के द्वारा पिछले कुछ समय पहले बडगाई अंचल अधिकारी से इसी अस्पताल सहित कुछ अन्य प्रॉपर्टी के दस्तावेज और उसके डीड, खतियान इत्यादी दस्तावेजों की कॉपी और एक रिपोर्ट मांगी गई थी . लेकिन जब बहुत ज्यादा मदद नहीं मिलने के बाद आखिरकार मंगलवार पांच दिसंबर को रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर सर्वे के मामले को अंजाम दिया गया.

आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच 
सर्वे करने वाले तफ्तीश कर्ता सूत्र के मुताबिक अस्पताल की जमीन से संबंधित दस्तावेजों को तैयार करने में बड़े स्तर की जालसाजी की गई थी और खाता नंबर- 54 और प्लॉट नंबर- 2711 की जमीन प्रीति कुमारी के नाम पर खरीदी गई थी. करीब तीन करोड़ की प्रॉपर्टी को खरीदा गया, जिसके बारे में अब जांच एजेंसी ये पड़ताल करेगी की कहीं अवैध तौर पर आय से अधिक संपत्ति का मामला और मनी लॉन्ड्रिंग का ये मामला तो नहीं है? हालांकि सूत्र बताते हैं की अभी तक जितने भी दस्तावेजों को इकट्ठा किया गया है उसके मुताबिक ये मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता हुआ दिख रहा है. लिहाजा इस आरोप के मुताबिक IAS अधिकारी और उनकी पत्नी प्रीति कुमारी पर जांच एजेंसी का शिकंजा कसा जा सकता है.

खंगाला जा रहा प्रॉपर्टी से जुड़ा आय-व्यय का हिसाब
दरअसल यह जमीन अलग-अलग तारीखों पर खरीदी गई थी, इसमें अलग-अलग डीड का जिक्र है , जिसमें महिला ने यह जिक्र नहीं किया है की उनके पति क्या करते हैं? इसके साथ ही प्रीति कुमारी ने औपचारिक तौर पर बताया था की उन्होंने अपनी व्यक्तिगत आय से यह जमीन खरीदी थी. यह खरीदी गई जमीन के मामले की अगर बात करें तो साल 2004 में अक्टूबर महीने में करीब 84,254 रुपए, साल 2005 में 5.50 लाख रुपए, साल 2010 में 3.71 लाख रुपए, साल 2014 में 1.04  करोड़ रुपए, दिसंबर 2021 में 1.71 करोड़ रुपए में जमीन वाली प्रॉपर्टी खरीदी गई थी . लिहाजा इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए जांच एजेंसी ईडी की टीम उस प्रॉपर्टी से संबंधित सभी आय -व्यय का हिसाब को खंगालने में जुटी हुई है . जांच एजेंसी जल्द ही कुछ और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकती है.

Tags: Enforcement directorate, Jharkhand Government, Jharkhand news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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